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विषय-सूची
२२वां विधामक-विप्र द्वारा विलाप १९७, राजा द्वारा षडयंत्र १८७, मुनि दीक्षा १८८, रत्नावली का राजा द्वारा युद्ध १८८, मंत्री द्वारा उपाय १८५, बराग्य भाव १८६, उपदेश १८६, राजा द्वारा अणुक्त ग्रहण करना १८६, चित्रोत्सवा द्वारा दीक्षा लेना १८६, सीता का गर्भ में माना १६०, सीता भामण्डल का जन्म १९., देवता द्वारा बालक का अपहरण १६०, जनक राजा द्वारा विलाप १६१, दशरथ द्वारा खोज १६१, कन्या का नाम सीता रखना १६१ ।
२३वां विधानक-श्रेणिक द्वारा राम सीता विवाह जानने की इच्छा करना १६१, जनक की नगरी पर माक्रमण १६२, दशरथ के पास सन्देश १६२, दूत का प्रयोमाजी प्रामा १६२, रामचन्द्र की जाने की इच्छा प्रकट करना १९२, राम का मिथला गमन १६३, राम द्वारा युद्ध करना १६३ ।
२४वा विधानक-अनक की इच्छा १६४, नारद द्वारा सीता को देखना १६४, सीता का डरना १६४, नारद का विचार १६४, प्रभामंडल की सीता को पाने को इच्छा १६५, चन्द्रगति द्वारा उपाय सोचना १७५, विद्याधर द्वारा मायामयी प्रस्थ रचना १६६, चन्द्रगति द्वारा सीता के विवाह का प्रस्ताब १६७, जनक का उत्तर १९८, स्वयंबर रचने का प्रस्ताव १६६, मिथिला नगरी १६६, रावास में राजा जनक १९६, रानी द्वारा निरा २००, सीता सर 70 सा द्वारा पा सेचना २०१, सीता द्वारा वरमाला डालना २०१, भरत का लोकसुन्दरी से विवाह २०२, मिष्ठानों का अनि २०२ ।
२५वां विधानक-अयोध्या प्रागमन, गंधोदक लेना २०१ सुप्रभा रानी की व्यथा, कंचुकी को नृत्य का आदेश, दशरथ पर प्रभाव २४० सर्व विभूति मुनि से, धर्मोपदेश श्रवण २०५
२६वां विधानक' - भामंडल की चिन्ता २०६, जाति स्मरण २०६, सीता द्वारा पिता के नाम पर चिन्तन २०७, दशरथ का मुनि के पास जाना २०७, मुनि द्वारा कथन २००, प्रभामंडल द्वारा प्रश्न करना २०८, भाई बहिन मिलन २१०,
२७वां विधानक-दशरथ द्वारा पूर्व भाव पूछना २१०, पूर्व भब कथन २११-१३ दशरथ का वापिस घर प्राना २१४ वराग्य भाव-रामचन्द्र को राज सौंपना २१४ फैकयी का बर मांगमा २१५ दशरथ द्वारा विचार २१५ भरत को प्रामंत्रा २१५ राम लक्ष्मण द्वारा प्रस्ताव २१६ माता के पास जाना २१६ राम का उत्तर २१६ लक्ष्मण द्वारा क्रोध करना २१६ राम का वनवास २१७
२८यां विधानक-बनवास की प्रथम रात्रि २१७ राजानों का अनुगमन २१, सबका वापिस जाना २१५ दशरथ द्वारा रुदम २१६ भरत का राम