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विषय-सूची
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१] विधानक- शत्रुष्मं को राज देने की इच्छा, शत्रुघ्न द्वारा मथुरा राज्य चाहना, मथुरा पर चढ़ाई ३०० मल्लयुद्ध, मधु द्वारा वैराग्य ३८२
८२ विधानक — मधुराजा के मित्रों द्वारा माक्रमण, मरणेद्र द्वारा समझाना ३८३ प्रजा को दुःख देना ३८४ |
८३ विधानक — वैराग्य भावना ३८५ |
४विधानक मथुरा में सात मुनियों का आगमन, माहार विधि पंचम काल का प्रभाव ३८ आशीर्वाद ३६० ।
विधानक- मनोरमा विवाह ३६२ ।
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८६ विधानक — राम लक्ष्मण विभव विधानक २२४ । ८७वाँविधानक — राजमहल, सीता द्वारा स्वप्न दर्शन, महिला ३९६ ।
sat विधानक-सीता का नेत्र फडकना ३६७ राम द्वारा प्रश्न ३६८ प्रतिनिधियों का उत्तर ३६६ राम की व्यथा |
सीता का
मध्य विधानक- राम का कथम, लक्ष्मण का कोष, राम का निर्णय ४०१ सीता को यात्रा के बहाने ले जाना ४०२ कृतांतक का वन में अकेलापन, चच्चजन का विलाप ४०४ ।
०वां विधानक - सीता द्वारा परिचय देना, गतियों के दुःख, बच्चजंघ का परिचय ४०७ ।
९१वां विधानक - सीता के साथ वज्रजंध का आगमन कृतांत की श्री राम लक्ष्मण का रुक्षन ४०९ ।
२ विधानक–सीसा के पुत्र जन्म, बाल क्रीड़ा, अध्ययन, ४१०-११ ३विधानक - कुश के लिए पृथ्वीवर के पास दूत भेजना, पृथ्वीवर का कुपित होना ४१३ बज्रबंध एवं पृथ्वीवर में युद्ध ४१३ लवकुश का प्रस्थान ४१४ ।
४याँ विधानक - नारद मुनि का प्रागमन ४१४ लवकुश की प्रतिक्रिया, नारद का पुनः आगमन ४१७ लवकुश द्वारा प्रयोध्या पर प्राक्रमण, ४१६ ।
६५-६६ विधानक - युद्ध वर्णन ४२० नारख द्वारा लव कुम का रहस्य खोलना, पिता की बन्दना ४२१ लवकुश का अयोध्या मरगमन ४२२ ।
९७वां विधानक-राम का चिन्तन, सीता को लेने के लिए भेजना ४२३ सीता का आगमन, ४२४ अग्नि परीक्षा ४२५ पक्षिणी द्वारा मुनि पर उपसर्ग ४२७ ।