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विषय-सूची
५४वां विधानक-दुसरे दिन का युद्ध ३०५, तीसरे दिन का युद्ध ३०६ । विभीषण का राम' को परामर्श, देवों द्वारा राम को विद्या प्रदान करना ३०८ ।
५५याँ विधानक-- राम रावण द्वारा युद्ध की तैयारी, विद्या द्वारा मूच्छितों की मूर्छा दूर करना ३०६ ।
५६वां विधानक-- दोनों ओर योद्धाओं द्वारा युद्ध, विभीषण रावण युद्ध ३१० लक्ष्मण रावण युद्ध ३११ ।
५७वां विधानक-राम विलाप ।
५८वनरक-मदीत सोशानि , भापक : चन्द्रमति का प्रागमन ३१३ वैद्य की जीवन कहानी विशल्या की कथा ३१४ धनवास के दुःख ३१५ ।
५६वां विधानक-हनुमान अंगद को अयोध्या भेजना ३१७ भामण्डल का उत्तर ३१८ विशल्पा द्वारा मुछी दूर करना, लक्ष्मण का होश में पाना ३१६ ।
६०वां विधानक--रावण को मंत्रियों द्वारा समझाना ३१६, रावण का मन्तब्य ३२० रावण के दूत का राम के पास प्रागमन, राम का उत्तर, रावण के दूत का पुनः निवेदन ३२० राम का प्रत्युत्तर, दूत का रावण के पास पाना ३२२ ।
६१वां विधानक-रावण द्वारा चैत्य वंदना ।
६२वाँ विषानक-प्रष्टालिका महोत्सव, रावण द्वारा विया सिद्धि का प्रयत्न ३२४ ।
६३वां विधानक-वृत साधना के कारण युद्ध बन्द होना, बन्दरों द्वारा लंका में उपद्रव, क्षेत्रपाल द्वारा रक्षा ३२५ ।
६४वां विधानक-अंगद का लंका में जाकर स्थिति का अध्ययन, ध्यानारूद रावण को देखना ३२६ रावण द्वारा विद्या सिद्धि, विना का रागरण से निवेदन ३२८ ।
६५वाँ विधानक- रावण का गमन, रावण का मंत्रियों द्वारा पुन: निवेदन ३२६ रायण द्वारा पश्चाताप, रावण का पुन: युद्ध करने का निश्चय ३३० ।
६६वां विधानक-रावण की दैनिक क्रिया, दरबार हाल ३३० अपशकुन होना, मन्दोदरी की चिन्ता, मंत्री का उत्तर, मन्दोदरी द्वारा रावण को समझान। ३३१ रावण का उत्तर, उत्तर प्रत्युत्तर ३३२ रावण का क्रोषित होना, मन्दोदरी का पुन: निवेदन, रावण का उत्तर, रावण की रात्रि, युद्ध के लिए प्रस्थान ३३५ ।
६७वा विधानक-मन्दोदरी से प्रन्तिम मेंद, राम द्वारा मुद्ध की तैयारी ३३६ दोनों की सेनाओं में युद्ध ३३७ ।