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भगवतीने . टीका-अग्निभूतिः दाक्षिणात्येन्द्र देवराजशक्रस्य सामोनिकदेवविशेषतिष्यक सम्बन्धिसमृदिविकुर्वणाशक्त्यादिकं जिज्ञासमानो भगवन्तं महावीर पृच्छति'जइणं भंते !' इत्यादि । हे भदन्त ! यदि खलु यदा हि 'सक्के देविद' शक्रो. देवेन्द्रः, 'देवराया' देवराजः, 'एवं महिड्डीए' एवं महर्दिकः-उपर्युक्तसमृद्धिशाली, प्रथमसौधर्मदेवलोकाधिपतिः, 'जाव-एवइयं च णं' यावत्-एतावन खलु-पूर्ववर्णितावधिकञ्च 'पभू विउवित्तए ' प्रभूः विकृति, विकुर्वणां कर्तु समर्थ इति यावत् तदा-'सेणं भंते ! तीसए देवे केमहिडीए, जाव-केवइयं चणं पभू विकुचित्तए' स खलु भदन्त ! तिष्यको देवः किं महर्द्धिकः, यावत् कियञ्च प्रभुः विकुर्वितुमित्यग्रेणान्वयं कृत्वा प्रश्नाशयो बोध्यः, अथ तिप्यकस्य प्राप्त यावत् अभिसमन्वागत की है सो हे भदन्त ! वह तिष्यक देव कितनी बड़ी मह द्धिवाला है, यावत् वह कितनी बड़ी विकुर्वणा करनेकी
शक्तिसे युक्त है। _____टीकार्थ- अग्निभूति दाक्षिणात्येन्द्र देवराज शक्रके सामानिक देव विशेष तिष्यक संबंधी समृद्धि और विकुर्वणा शक्ति आदिको जाननेकी इच्छासे युक्त होकर भगवान महावीर से पूछ रहे हैं कि- 'जहणं भंते' हे भदन्त ! यदि 'देविंदे देवराया सक्के देवेन्द्र देवराज शक्र 'एवं महिड्डीए' ऐसी घडी समृद्धि से युक्त हैं- अर्थात् प्रथम सौधर्म देवलोक का अधिपति शक्र उपर्युक्त समृद्धिशाली है- 'जाव एवइयं चणं पभू विकुवित्तए' यावत् वह पूर्ववर्णित रूप से विकुणा करने की
शक्ति से विशिष्ट है तो 'सेणं भंते ! तीसए देवे' हे भदन्त ! वह तिष्यक देव 'के महिड्ढीए' कितनी कैसी बडी समृद्धिवाला हैं, और 'जाव केवइयं च णं पभू विकुवित्तए' यावत् कितनी विकुर्वणा करने के लिये वह शक्तिसंपन्न है, इस प्रकार आगेसे अन्वय करके यहां સમૃદ્ધિ આદિ આપ દેવાનું પ્રિયે પણ પ્રાપ્ત કરી છે - હે ભદન્ત! તે તિષ્યદેવ કેવી મહાન સમૃદ્ધિ આદિથી યુકત છે ? તે કેવી વિકૃર્વણુ શકિત ધરાવે છે? સૂ- ૧૦ |
ટીકાર્ય–દેવરાય, દેવેન્દ્ર, શક્રના સામાનિક દેવ તિષ્યની સમૃદ્ધિ, વિકુવર્ણ शक्षित माहि पाने भाटे महावीर प्रभुने पूछे छे " जइणं भते! एवं महिड्ढीए" देविदे देवराया सक्के " महन्त ! पश, देवेन्द्र २४ मा uी समृद्धि धुति, यश, स, सुम मने प्रभावथा युत छ, " जाव एवइयं च णं पभू विकुवित्तए "नेते मा. ध विपा ४२वाने समय छ, तर सेण भंते तीसए देवे के महिड्ढीए जाव केवइयं च णं पभू विकुवित्तए" tra શક્રેન્દ્રનો સામાનિક દેવ તિર્થક કેવી સમૃદ્ધિ આદિથી યુક્ત છે તે કેવી વિક