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हे मदन्त ! पृछा धर्तते ? अर्थात् नागकुमाराणाम् उपरि कति मामला आधिपत्यपरिपत्याक्षि कुर्वन्तो तिहरन्ति ? मगवानार-'गोषमा इस्वादि। हे गौतम ! नागकुमाराणाम् उपरि 'दस देवा' दश देनाः 'माहेर' अपि पत्य कुर्वन्त 'जार-विहरवि' यावद-विहरन्ति, यापपदेन पौरपत्यादि समाधम् । मान् दशकुमारदेवान प्रदर्शपति- जा-पाभरने। नागकुमारिंदे, ' धरण १ खलु नागकुमारेन्द्र 'नागामारराया' नागहमाररामा, चतुरस्तल्लोषपामानाइ-फालवाछे' इत्यादि । 'कालबाछे'२ कासपा को वाछे'३ फोल्पाल 'सेवाछे'४ शैल्पाल , 'सम्ववाले५ साल, ब. है भदन्त ! नागकुमार देशों के विषय में भी मेरी यही पारे अर्थात् नागकुमार देयोंकि ऊपर कितने नागकुमार देव भाधिपत्य पौरपत्य आदि करते है ? भगगन इस प्रश्नका उत्तर देते हुए गौतम से कहते है कि 'गायमा' हे गौतम ! नागकुमारोंके ऊपर 'दस देना आहेयच जाव विष्ठरति' दश नागकुमार देव आधिपत्य यावत् करते है। यहापर भी 'यावत्' पदसे पूर्वोक्त पौरपस्य आदिपद गृहीत हुए हैं । 'तमदा घे नागकुमार देव इस प्रकार से हैं 'धरणेण नागकुमारिये नागफुमारराया' एक नागकुमारों के इन्द्र नागकुमारों के रजा भरणेन्द्र तथा इनके ये प्यार लोकपाल 'फालघाले, कोलवाले, सेहवाले, सर. वाले' कालपाल, कोलपाल, शैलपाल, शवपाल और दूसरा 'नाग. कुमारिंदे नागकुमारराया' नागकुमारेन्द्र नागकुमारराज भूवानन्द तपा इनके ये ही चार लोकपाल 'कालवाले, फोलवाठे, सेलयाले, सलवाले' कालपाल, फोलपाल, शेलपाल, और शंखपाल ये घरणेन्द्र भादि १० दश देव नागकुमार देषों के ऊपर अधिपतित्व करते रहते हैं। મારે એ જ પ્રશ્ન છે- એટલે કે નાગકુમાર દવે પર કેટલા દેવી અધિપતિત્વ, પૌઢ નહિ કરે છે?
Sत्त- 'गोयमा । भोतम! नामा। 8५२ 'दस देवा मार मास विरति नारामार वा नविपतित्य, पो२५०, मल -
साना नाम न प्रभादेछ परणेण नागमारिंदे नागहमारापा' निमारत नागभाशय १२, २ ५) तना थाRatia'कामगारे
कोसना सेलमाछे, सस्तवाले' Rana, tale, NatiaAmit 'नागमारिंदे नागामारराया' [J नारामार, नागभारताना ભૂતાન ના ચાર વોકપાવ- કાલ
B uin- alla Bials, भने म 'भा