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मगरतीचे सोमा णामं रायहाणी पण्णता, एगं जोयणसयसहस्सं आयामविसंमेणं जवृद्दीवप्पमाणा, माणिआणं पमाणस्स अद्धं णेयना, जान-उपरियोण, सोलसनोयणसहस्साई आयामविक्खंभेणं, पण्णासं जोयणसहस्साई पंच य सत्तापण्णत्ता' हे भदन्त ! देवेन्द्र देवराज ईशानके लोकपाल सोममहाराज की सोमा नामक राजधानी कहां पर है? तो इस प्रसका उत्तर देते हुए प्रभु गोतमसे कहते हैं कि 'गोयमा' हे गौतम । 'सुमणस्स. महाविमाणस्स अहे सपक्खि सपढिदिसि असंखेबाई जोयणसय. सहस्साई ओगाहित्ता' सुमन महाविमानके नीचे चारों दिशाओकी
ओर असंख्यात लाखयोजनों तक आगे जाकर जो स्थान आता है 'एत्य ' ठीक इसी स्थान पर 'ईसाणस्स देविंदस्स देवरपणो देवेन्द्र देवराज ईशानके 'सोमस्स महारणो' सोम महारानकी 'सोमाणामं रायहाणी पण्णत्ता' सोमानामकी राजधानी कही गई है 'एगं जोयण सयसहस्सं आयामविखभेणं जंबूद्दीवप्पमाणा' इसकी लंबाईचौडाई एक लाख योजनकी है और इसी कारणसे इसे जंबडीपके प्रमाण तुल्य कहा गया है । वेमाणिया णं पमाणस्स भद्धं णेयवा' इसमें
आये हुए कोट प्रासाद आदिकोंका प्रमाण वानिक देवोंके कोट प्राकार प्रासाद आदिकोंकी अपेक्षा आधा आधा है । और यह आधार प्रमाण 'जाव उवरियलेणं' गृहके पीठबंध तक ही ग्रहण रायहाणी पण्णता? BHd! हेवेन्द्र, १ थाना सपास साभमानी સમા નામની રાજધાની કયાં આવેલી છે? મહાવીર પ્રભુ ઉત્તર આપતાં કહે છે કે'गोयमा गाया! सुमणस्स महाविमाणस्स अहे सपक्खि सपडिदिसि असंखेज्जाई जोयणसयसहस्साई ओगाहिता' सुभन भाविभालनी नये न्यारे દિશા અને વિદિશાઓ (ખૂણાઓ)માં અસંખ્યાત લાખ જિન પર્યન્ત આગળ Mait भान भाव छ 'एत्थण' मे २थान ५२ 'ईसाणस्स देविंदस्स देवरणो देवेन्द्र, २००४ शानना aslel 'सोमस्स. महारण्णो' साभ . महाराwit 'सोमाणामं रायहाणी पण्णत्ता' सोमा नामना Arधानी डीजे- 'एगं जोयण सयसहस्सं आयामविवखंभेणं जद्दीचप्पमाणा' तेनी & मने पहाणा એક લાખ જનની છે. તેથી તે રાજધાનીનું પ્રમાણ જંબુદ્વીપના સમાન કહ્યું છે. 'वेमाणिया णं पमाणस्स अद्धं णेयवा' तभा माता प्रासाट भाkि પ્રમાણ (મા૫) વૈમાનિક દેવાના પ્રાસાદ, કૈટ આદિના પ્રમાણથી અર્ધ સમજવું. અને
मधु प्रमा। 'जाव उवरियलेणं ना पीय पर्यन्त ४९५ ४२वानु छ,