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प्रमेयचन्द्रिका टी. श. ३ उ.३ २.४ जीवानां एजनादि क्रियानिरूपणम् ५७७, सति 'खिप्पामेव' सिप्रमेव 'उड़्ढे उद्दाइ ?' ऊर्जम् उद्याति, उद्गच्छति अन्तजलरिक्ततया उपरि संतति नतु निमज्जति 'हंता, उद्दाइ' हे भगवन् ! हंत नूनमेव सा नौः उघाति जलोपरि संतरति अथ भगवान् दान्तिके संयोजयति'एवामेव मंडिअपुत्ता !' इत्यादि । हे मण्डितपुत्र ! एवमेव उपर्युक्तरीत्यैव 'अत्तत्तासंवुडस्स' आत्मात्मसंरतस्य आत्मनि आत्मना संवृतस्य ! आच्छादितस्य प्रतिसंलीनस्य 'अणगारस्स' अनगारस्य तदेव विस्तारयति-'ईरियासमियस्स' ईर्यासमितस्य ईशंसमितियुक्तस्य 'जाव-गुत्तवंभयारिस्स' यावत्-गुप्तब्रह्मचारिणः गुप्तं नवमिः ब्रह्मचर्यगुप्तिभिः रक्षितं ब्रह्मचर्य येन स तथा तस्य, यावत्करणात् भापासमितस्य एपणासमितस्य आदानभण्डामत्रनिक्षेपणसमितस्य उच्चारप्रस्रवणश्लेप्मजल्लसिंघाणपरिष्ठापणसमितस्य मनोगुप्तस्य वचोगुप्तस्य काय'सि उदयसि उस पानी के 'उस्सित्तंसि समाणंसि' निकल जाने पर 'खिप्पामेव' शीघ्र ही 'उडू उद्दाइ' ऊँचे-पानीके ऊपर-भीतर के जल के खाली हो जाने के कारण तैरने लगती है डूबती नहीं है । यह तो बात निश्चित है न ? 'हंता उदाइ' हां, भदन्त ! वह नौका पानी के ऊपर तैरने लगती है-डूबती नहीं है-यह बात ठीक है । एवामेव' इसी तरह 'मंडियपुत्ता' हे मंडितपुत्र ! 'अत्तत्ता संघुडस्स' अपने आप अपनी आत्मा में तल्लीन हुए 'अणगारस्स' अनगार की कीजो ईरियासमियस्स ईर्यासमिति से युक्त है, 'जाव गुत्तवंभयारिस्स' तथा जो गुप्त ब्रह्मचारी है, यावत् शब्द से गृहीत-भापासमिति का जो पालन करनेवाला है, एषणासमिति, आदान निक्षेपणासमिति, उच्चार प्रस्रवण, श्लेष्म, जल्ल-सिंघाण परिष्ठापन समिति से जो युक्त है, मनोगुप्ति, वचनगुप्ति, कायगुप्ति से जो गुप्त-सुरक्षित है, इन्द्रियां उस्सितसि समाणंसि' ते पाणी १९२ नीsil availl साथे ते नाव 'विप्पामेव' तुरत 'उडूढ उद्दाई' पापीनी ५२ आवे छे नही ? (पाणीभ त२१८ मा छ કે નહીં ?” પાણું ખાલી થઈ જવાથી નાવ હલકી બને છે અને તરવા લાગે છે. એવો भावार्थ समवा. ता उदाइ' भतिपुत्र ४ छ, , त अवश्य त२वा भांड छ,
ती नयी. 'एवामेवा मे प्रभारी, 'मंडियत्ता 13 मलितपुत्र! 'अत्तत्ता संवुडस्स' पातानी on पोताना आत्मामi dealन मने मा२ २ 'ईरियासमियस्स' सिभितिशी युत छ, २ आषांसमितिर्नु, षासभितिर्नु, माहान નિક્ષેપણ સમિતિનું, અને ઉચ્ચાર પ્રસવણલેમ-જલ-સિંઘાણ પરિઠાપન સમિતિનું, पालन ४२. छ, रे मनेाति, क्यनस्ति, यतिथी सुरक्षित छे 'गुत्त भयारि