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असंयुक्त
असहयोग असंयुक्त-I संव(वि०) जो मिला हुआ न हो II (पु०) विष्णु । असम-I (वि०) 1 जो समान न हो 2 असदृश 3 बेजोड़, विषम असंयोग-सं० (पु०) 1सुयोग का अभाव 2 मेल न होना II (पु०) पूर्वी भारत का एक प्रांत (आसाम)। “तल असंलग्न-सं० (वि०) जो लगा या सटा न हो। ता (स्त्री०) | (वि०) असमान तल का; ~ता (स्त्री०) असमानता; भिन्न मिलन का अभाव
(पु०) विषम भिन्न असंवृत-I सं०(वि०) जो ढका हुआ न हो, खुला II (पु०) | असमय-सं०I (पु०) 1 खराब या बुरा समय 2 अयोग्य काल एक नरक का नाम
II (क्रि० वि०) बे-वक्त, बे-मौके, समय से पहले या बाद में असंशय-[ संव(वि०) जिसके मन में संशय न हो 2 जिसके | असमयोचित-सं० (वि०) जो समय के अनुरूप न हो विषय में संशय न हो II (क्रि० वि०) निस्संदेह III (पु०) असमर्थ-सं० (वि०) 1 जो समर्थ न हो 2 अपेक्षित शक्ति या संशय का अभाव
योग्यता न रखनेवाला 3 स्पष्ट भाव या अर्थ न बतानेवाला असंसक्त-सं० (वि०) 1 अनासक्त 2 विभक्त
(जैसे--पद) असंसक्ति-सं० (स्त्री०) निर्लिप्तता, विरक्ति
असमवायी-सं० (वि०) जो सहज न हो, स्वभाव के प्रतिकूल असंसारी-सं० (वि०) 1विरक्त 2 अलौकिक 3 स्वर्गीय असमस्त-सं० (वि०) 1 जो पूरा न हो 2 जो एकत्र न किया असंस्कृत-सं० (वि०) 1 अपरिमार्जित 2 असभ्य, अशिष्ट गया हो 3 समास रहित 4 जो संक्षिप्त न हो, असंक्षिप्त 3 संस्कारहीन
असमाधेय-सं० (वि०) जिसका समाधान न हो सके असंस्थान-सं० (पु०) 1 अच्छी स्थिति का न होना असमान-I सं०(वि०) जो बराबर न हो II (पु०) आकाश । 2 अव्यवस्था 3 क्रम का अभाव 4 न्यूनता
ता (स्त्री०) गैर बराबरी, विषमता असंस्थित-सं० (वि०) 1 क्रमरहित 2 अनवस्थित
असमापिका-सं० (स्त्री०/क्रि०) जिससे कार्य के असमाप्त असंहत-I सं०(वि०) 1 असंयुक्त 2 ढीला 3 बिखरा हुआ रहने का बोध हो (जैसे-जाकर) 4 विरल II (पु०) 1 पुरुष, आत्मा 2 एक प्रकार की व्यूह असमाप्त-सं० (वि०) जो समाप्त न हआ हो रचना जिसमें सैनिकों की टुकड़ियाँ अलग-अलग रखी जाती हैं असमिया, असमी-(वि.) असम प्रांत का रहनेवाला असकताना-(क्रि० वि०) आलस्य अनुभव करना असमीचीन-सं० (वि०) अयुक्त, अनुचित असक्त-सं० (वि०) 1 आसक्तिरहित 2 उदासीन 3 दुर्बल | असम्मत-I सं०(वि०) 1 मतभेद रखनेवाला 2 अनादृत असगंध-(स्त्री०) एक झाड़ी जिसके फल छोटे और गोल होते । 3 अस्वीकृत II (पु०) 1 वह जो विरुद्ध सम्मति रखता हो
2 दुश्मन, शत्रु असगुन-सं० (पु०) अपशकुन
असम्मति-सं० (स्त्री०) 1 सम्मति न होने की अवस्था असगोत्र-सं० (वि०) भिन्न गोत्र या कुल का
2 अनुचित सम्मति, खराब राय असजन-सं० (पु०) बुरा/दुष्ट आदमी
असम्मान-सं० (पु०) निरादर असत्-I (वि०) 1 अविद्यमान 2 मिथ्या 3 बुरा 4 अनुचित असम्मिति-सं० (स्त्री०) सम्मति न होना II (पु०) 1 अनस्तित्व 2 अहित मिथ्यात्त्व
असम्यक्-सं० (वि०) अनुचित, बुरा असती-सं० (वि०) जो पतिव्रता न हो, कुलटा, भ्रष्टा असर-अ० (पु०) प्रभाव असत्कार-सं० (पु०) सत्कार का अभाव, तिरस्कार असल-1 अ० (वि०) 1 जो स्वाभाविक हो 2 यथार्थ, बनावटी असत्कृत-सं० (वि०) जिसका अनादर हआ हो, अपमानित न हो II (पु०) जड़, बुनियाद असत्ता-सं० (स्त्री०) अविद्यमानता
असलह-अ० (पु०) हथियार, अस्त्र शस्त्र । ~खाना + फ़ा० असत्प्रवृत्ति-सं० (स्त्री०) मिथ्या बातों की ओर झुकाव (पु०) अस्त्रागार असत्य-सं० (वि०) झूठ, मिथ्या। ~संघ (वि०) झूठा | असलियत-अ० (स्त्री०) 1 असल बात, वास्तविकता 2 जड़ असत्यता-सं० (स्त्री०) सच्चाई का न होना, मिथ्यात्त्व 3 मूल तत्त्व असद्-अ० (वि०) असत् ।
| असली-अ० (वि०) सच्चा, शुद्ध, खालिस असदागम-सं० (पु०) अनुचित आय
असवर्ण-सं० (वि०)1 भिन्न वर्ण या जाति का 2 निम्न जाति का असन्निधि-सं० (स्त्री०) 1 दूरी, असमीपता 2 घनिष्ठता न होना । असह-[ सं (वि०) जो न सहा जा सके, असहय II (पु०) असन्निहित-सं० 1 जो पास न हो 2 गलत ढंग से रखा हआ सीने का मध्य भाग असपिंड-सं० (पु०) जो अपने कुल या वंश का न हो असहकार-सं० (पु०) असहयोग असफल-सं० (वि०) जो सफल न हो, विफल। ~ता असहज-सं० (वि०) कठिन (स्त्री०) सफल न होना, विफलता
असहन-1 सं०(वि०). 1 जो सहनेवाला न हो 2 ईर्ष्यालु 3 न असबाब-अ० (पु०) सामान (घर-गृहस्थी)। घर + हिं० टिकनेवाला II (पु०) 1 शत्रु 2 असहिष्णुता 3 अधीरता। (पु०) (रेलवे में) सामान रखने का कमरा; ~वाला + हिं० __-शील (वि०) जो सहने योग्य न हो, जो सहनशील न हो (वि०) सामान का मालिक
असहमत-सं० (वि०) जिसकी राय मिलती हो असभ्य-सं० (वि०) 1 सभा के अयोग्य 2 अशिष्ट 3 गँवार । असहमति-(स्त्री०) समर्थन न करना, राय न मिलना
लता (स्त्री०) 1 अशिष्टता 2 गँवारपन; ता-वश (क्रि० । असहनीय-सं० (वि०) असहय - वि०) अशिष्टता के कारण
असहयोग-सं० (पु०) 1 सहयोग का अभाव 2 मिलकर काम असमंजस-सं० (पु०) दुविधा, संदेहात्मक स्थिति, पशोपेश न करना 3 सत्ता का साथ न देना