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अशराफ़
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अश्वारोही
अशराफ़-अ० (पु०) भले और प्रतिष्ठित लोग
अशोधित-सं० (वि०) जिसे साफ़ न किया गया हो अशरीर-I सं० (वि०) 1 शरीररहित, निराकार II (पु०) | अशोभन-सं० (वि०) असुंदर, अभद्र, न फबनेवाला परमात्मा 2 कामदेव 3 संन्यासी
अशोभनीय-सं० (वि०) 1 जो देखने में सुंदर न लगे अशरीरी-I सं० (वि०) 1 शरीरहीन 2 अपार्थिव II (पु०) ___ 2 अनुचित, अनुपयुक्त 1 ब्रह्मा 2 देवता
अशौच-सं० (पु०) 1 अपवित्रता, नापाकी 2 जन्म मरण के अशर्म-सं० (पु०) 1 कष्ट, दुःख 2 शोक
कारण लगनेवाली छूत, सूतक अशा-I संक(वि०) शस्त्रहीन, निःशस्त्र II (पु०) शस्त्र नहीं अश्म-सं० (पु०) 1 पर्वत 2 पत्थर । ~खनि (स्त्री०) पत्थर अशस्त्रीकरण-(पु०) निरस्त्रीकरण
की खान; ~सार (पु०) लोहा अशांत-सं० (वि०) 1 शांतिरहित, बेचैन, उद्विग्न 2 अस्थिर अश्मन-सं० पत्थर हो जाना अशांति-सं० (स्त्री०) 1 बेचैनी 2 क्षोभ, खलबली। अश्मरी-सं० (स्त्री०) पथरी रोग कारक अशांति उत्पन्न करनेवाला
अश्मीभवन-सं० (पु०) पत्थर हो जाना अशाअत-अ० (स्त्री०) प्रकाशन, प्रचार
अश्रद्धा-सं० (स्त्री०) 1 श्रद्धा का अभाव 2 अविश्वास अशालीन-सं० (वि०) विनयहीन, ढीठ
अश्रद्धेय-सं० (वि०) जो श्रद्धेय न हो अशाश्वत-सं० (वि०) अनित्य, अस्थायी
अश्रांत-I संव(वि०) न थका हुआ, अथक II (पु०) विश्राम अशासन-I सं०(पु०) 1 शासन का अभाव 2 अव्यवस्था का अभाव 3 अराजकता II (वि०) शासनहीन
अश्राव्य-सं० (वि०) न सुनने योग्य अशास्त्रीय सं० (वि०) शास्त्रविरुद्ध, अविहित
अश्रु-सं० (पु०) आँसू। ~कारी (वि०) आँसू लानेवाला; अशिक्षा-सं० (स्त्री०) शिक्षा का अभाव
~गैस (स्त्री०) आँसू गैस, गैस जिससे आँसू बहने लगते हैं; अशिक्षित-सं० (वि०) अपढ़, गँवार
ग्रंथि (स्त्री०) आँख के अंदर वह ग्रंथि जिससे आंसू उत्पन्न अशिथिल-सं० (वि०) जो ढीला न हो, चुस्त
होते हैं; जल (पु०) आँसू; निर्झर (पु०) आँसुओं की अशिव-I सं० (वि०) 1 अकल्याणकर 2 अमंगलसूचक झड़ी; पात (पु०) आँसू बहना II (पु०) 1 अमंगल 2 दुर्भाग्य 3 अहित
अश्रुत-सं० (वि०) 1न सुना हआ 2 विद्याहीन, अशिक्षित अशिष्ट-सं० (वि०) असभ्य, उजड्ड। -ता (स्त्री०)
3 अवैदिक। -पूर्व (वि०) 1 जो पहले न सुना गया हो असभ्यता, उजड़पन
2 अद्भुत, विचित्र अशीत-सं० (वि०) जो ठंडा न हो, गरम
अश्रुति-I सं० (वि०) कर्णहीन II (स्त्री०) 1 न सुनना अशील-I संबवि०) 1 शीलरहित 2 अशिष्ट, उदंड 3 उदासीन | 2 विस्मृति II (पु०) उदंडता, अशिष्टता ।
अश्रेष्ठ-सं० (वि०) जो बढ़िया न हो अशचि-सं०(वि०) 1 अपवित्र, नापाक 2 मैला 3 काला अश्लाघनीय, अश्लाघ्य सं० (वि०) 1 जो प्रशंसा के योग्य II (स्त्री०) अपवित्रता, अपकर्ष
न हो 2 निंद्य अशुद्ध-सं० (वि०) 1 साफ़ न किया हआ 2 अपवित्र अश्लील-सं० (वि०) 1 भद्दा 2 ग्राम्य 3 गंदा 4 फूहड़ 3 अशोधित 4 सदोष 5 ग़लत
अश्लेष-सं० (वि०) श्लेषरहित, जिसमें दुहरा अर्थ न हो अशुद्धि-सं० (स्त्री०) 1 अशुद्धता 2 ग़लती 3 गंदगी। अश्व-सं० (पु०) 1 घोड़ा 2 सात की संख्या। गंधा शोधन (पु०) ग़लती सुधारना
(स्त्री०) असगंध (बूटी); ~गोष्ठ (पु०) घुड़साल; अशभ-I सं० (वि०) 1 अमंगलकारी 2 अनिष्टसचक चिकित्सक (पु०) सलोतरी; चिकित्सा (स्त्री०) 3 अपवित्र 4 भाग्यहीन II (पु०) 1 अमंगल 2 पाप घोड़ों का इलाज; तर (पु०) खच्चर; ~धावन (पु०) 3 दुर्भाग्य। -चिंतक (वि०) अहित सोचनेवाला
घुड़दौड़; ~पति (पु०) घोड़े का मालिक; पालन (पु०) अशुष्क-सं० (वि०) जो सूखा न हो
घोड़े पालना; ~मेघ (पु०) घोड़े का यज्ञ, एक प्रसिद्ध वैदिक अशन्य-सं० (वि०) 1 जो खाली न हो 2 जो व्यर्थ न हो यज्ञ जिसे चक्रवर्ती राजा ही कर सकता था; ~शक्ति अशेष-सं० (वि०) 1 संपूर्ण, समूचा 2 सबका सब 3 अपार (स्त्री०) 250 किलो भार को एक फुट ऊँचा उठा सकने की 4असंख्य
शक्ति की इकाई; ~शाला (स्त्री०) घुड़साल अशोक-[ संववि०) जिसे शोक न हो, शोकरहित II (पु०) अश्वस्थ-सं० (पु०) 1 पीपल 2 पीपल का गोदा 3 पीपल में 1 एक प्रसिद्ध पेड़ जिसकी पत्तियाँ धार्मिक एवं माँगलिक __फल लगने का समय 4 सूर्य का एक नाम 5 अश्विनी नक्षत्र अवसरों पर काम में आती हैं 2 राजा दशरथ का एक मंत्री अश्वस्तन, अश्वस्तनिक-सं० (वि०) आज का 3 एक यशस्वी सम्राट । -चक्र (पु०) अशोक के स्तम्भ के अश्वानीक-सं० (पु०) घुड़सवार सेना, रसाला ऊपर का चक्र जो इस समय भारत संघ का राष्ट्र चिह्न है; अश्वायुर्वेद-सं० (पु०) अश्वशास्त्र
पूर्णिमा (स्त्री०) फाल्गुन की पूर्णिमा; ~-स्तंभ (१०) | अश्वारूढ़-सं० (वि०) घोड़े पर चढ़ा हुआ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक
अश्वारोह-I सं०(वि०) अश्वारूढ़ II (पु०) 1 घुड़सवार अशोच-सं० (पु०) 1चिंता का अभाव 2 शांति 3 नम्रता 2 घुड़सवारी
अशोचनीय-सं० (वि०) जो चिंता करने योग्य न हो। अश्वारोहण-सं० (पु०) घुड़सवारी . अशोच्य-सं० (वि०) जिसके विषय में शोक करना उचित न हो | अश्वारोही-सं० (वि०) घोड़े की सवारी करनेवाला