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अव्यक्तानुकरण
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अशरा
2 अविद्या 3 ब्रह्म 4 आत्मा 5 सूक्ष्म शरीर। -क्रिया | अव्याज-I सं. (वि०) बिना छल-कपट का II (पु०) (स्त्री०), गणित (पु०) बीज गणित का एक हिसाब | 1 छलकपट का अभाव 2 ईमानदारी
पद (पु०) वह पद जिसका उच्चारण स्पष्ट न हो; ~राशि | अव्यापन-सं० (वि०) जो मरा न हो, जीवित (स्त्री०) अज्ञात राशि; लिंग I (वि०) जिसके लक्षण स्पष्ट अव्यापार-सं० (पु०) 1 कार्य, उद्यम का अभाव 2 अपने से न हों II (पु०) महत्तत्व (सांख्य)
___ संबंध न रखनेवाला काम अव्यक्तानुकरण-सं० (पु०) अर्थरहित ध्वनियों का अनुकरण अव्यापारिक-सं० (वि०) जो व्यापार योग्य न हो अव्यक्तिक-सं० (वि०) 1 जो व्यक्तिगत न हो 2 रागद्वेष अव्यापारी-सं० (वि०) जो व्यापार न करता हो आदि से रहित
अव्यापी-सं० (वि०) 1 जो सर्वव्यापी न हो 2 सीमित 3 जो अव्यग्र सं० (वि०) जो व्यग्र न हो, शांत, धीर
सामान्य न हो अव्यथ-I (वि०) 1 पीड़ा न देनेवाला, दयालु 2 व्यथारहित अव्याप्त-सं० (वि०) 1 जो सर्वत्र व्याप्त न हो 2 परिच्छिन्न II (पु०) साँप
अव्याप्ति-सं० (स्त्री०) 1 व्याप्त न होने की अवस्था 2 लक्षण अव्यथा-सं० (स्त्री०) 1 हरीतकी 2 सोंठ 3 स्थल कमल का लक्ष्य पर घटित न होना 4 गोरखमुंडी 5 आँवला
अव्याप्य-सं० (वि०) 1 व्याप्तिरहित, जो सारी स्थिति के लिए अव्यपदेश्य-सं० (वि०) अनिर्वचनीय
लागू न हो अव्यभिचार-सं० (पु०) 1 एकनिष्ठता, वफादारी 2 नित्य अव्यावृत-सं० (वि०) 1 अविभक्त, अटूट, अविछिन्न साहचर्य
| 2 निरंतर अव्यभिचारी-सं० (वि०) 1 व्यभिचार न करनेवाला, सदाचारी अव्याहत-सं० (वि०) 1 व्याधातरहित 2 अबाधित 2 अटूट 2 अविरोधी 3 अपवादरहित
4 पूरा अव्यय-I सं० (वि०) 1 अविकारी 2 अक्षय, नित्य 3 समरस अव्युत्पन्न-I सं. (वि०)1 अकुशल, अदक्ष, अनुभवहीन 2 जो II (पु०) 1 वह शब्द जिसके रूप में वचन, लिंग आदि के (शब्द) व्याकरण से सिद्ध न हो सके 3 व्युत्पत्तिरहित कारण कोई विकार नहीं होता 2 व्यय न होना 3 परब्रह्म 4 विष्णु
II (पु०) व्याकरण न जाननेवाला व्यक्ति 5 शिव
अव्रत-[ सं (वि.) शास्त्रविहित नियमों, कर्तव्यों का पालन न अव्ययित-सं० (वि०) खर्च न किया हुआ
करनेवाला, व्रतहीन II (पु०) व्रतत्याग अव्ययीभाव-सं० (पु०) 1 वह समास जिसमें पूर्वपद अव्यय अव्वल-I अ० (वि०) 1 पहला, प्रथम 2 सर्वश्रेष्ठ ।। (पु०)
हो व्या० (जैसे-यथाशक्ति, अतिकाल) 2 व्यय का अभाव आदि, आरंभ। ~आना, रहना प्रतियोगिता में प्रथम अव्यर्थ-सं० (वि०) 1 व्यर्थ न होनेवाला 2 सफल 3 अचूक
आना, सबसे आगे होना 'अव्यवधान-I सं० (वि०) 1 निकट 2 बिना रोक का अव्वलन-अ० (क्रि० वि०) प्रथमतः
3 लापरवाह II (पु०) 1 लापरवाही 2 नैकट्य 3 लगाव अशंक, अशंकित-सं० (वि०) 1 शंकारहित 2 निर्भय, निडर अव्यवसाय-[ सं० (पु०) उद्यम या निश्चय का अभाव 3 निरापद II (वि०) 1 उद्यमरहित 2 निकम्मा 3 आलसी
अशंभु-सं० (पु०) 1 अकल्याण 2 अहित 3 अमंगल अव्यवसायी सं० (वि०) शौकिया (खिलाडी, कलाकार) अशकुन-सं० (पु०) असगुन, अशुभ लक्षण अव्यवस्था-सं० (स्त्री०) 1 व्यवस्था का अभाव, बे कायदगी, अशक्त-सं० (वि०) 1शक्तिहीन, कमज़ोर 2 असमर्थ बअमली 2 शास्त्रविरुद्ध व्यवस्था
3 अयोग्य अव्यवस्थित-सं० (वि०) 1 व्यवस्थाहीन 2 शास्त्र मर्यादा के अशक्ति-सं० (स्त्री०) 1 निर्बलता 2 असामर्थ्य 3 बुद्धि का विरुद्ध 3 अस्थिर। -चित्त (वि०) जिसके विचार चंचल हों, बेकाम होना अस्थिर चित्त
अशक्य-सं० (वि०) 1 जो न हो सके, असाध्य 2 जो काबू में अव्यवहारिक-सं० (वि०) जिसका उपयोग न हो । न किया जा सके 3 अशक्त 4 असंभव अव्यवहार्य-सं० (वि०) 1 जो व्यवहार के योग्य न हो अशत्रु-I सं० (वि०) 1 शत्रुरहित 2 जो शत्रु न हो II (पु०' 2 जिसके साथ खान-पान का व्यवहार न रखा जा सके, चंद्रमा जातिच्युत
अशन-सं० (पु०) 1 भोजन 2 भोज्य पदार्थ 3 भक्षण 4 व्याप्ति अव्यवहित-सं० (वि०) 1 व्यवधानरहित 2 निर्विघ्न 3 प्रकट अशनि-(पु०) 1 बिजली, गाज 2 अस्त्र अव्यसन-1(वि०) व्यसनहीन, जिसे कोई बुरी लत न लगी अशनीय-सं० (वि.) जो खाने योग्य हो हो II (पु०) व्यसन का अभाव
अशब्द-[सं.(वि०) 1 जो शब्द न हो 2 जो शब्दों में व्यक्त न अव्याकृत-1 सं०.(वि०) अव्यक्त, जो प्रकट न हो II (पु०) हुआ हो 3 मूक 4 अवैदिक II (पु०) ब्रह्म
1 मूल प्रकृति (सांख्य) 2 जगत् का कारणरूप अज्ञान अशरण-सं० (वि०) आश्रयहीन, असहाय अव्याख्यात-सं० (वि०) जिसकी व्याख्या या स्पष्टीकरण न अशरफ़-अ० (वि०) बहुत शरीफ़, उच्च किया गया हो
अशरफ़ी-फ़ा० (स्त्री०) 1 सोने का सिक्का, मुहर अव्याख्येय-सं० (वि०) जो व्याख्या करने योग्य न हो 2 गुलअशफ़ौ। अशरफ़ियाँ लटे और कोयलों पर छाप अव्याघात-सं० (वि०) 1 बे रोक टोक 2 जो बीच में टूटा या कीमती वस्तु की अवहेलना करके निरर्थक वस्तु की कद्र करना रुका न हो, लगातार होनेवाला
अशरा-अ० (पु०) (महर्रम का) दसवाँ दिन