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प्रतापनासूत्रे । परिमण्डलसंस्थानपरिणता अपि१, वृत्तसंस्थानपरिणता अपि२, व्यससंस्थानपरिणता अपि३, चतुरस्त्रसंस्थानपरिणता अपि४, आयतस्थानपरिणता अपि ५।२३।
ये स्पर्शतो लघुकस्पर्शपरिणता स्ते वर्णतः कालवर्णयरिणता अपि१, नीलवर्णपरिणता अपिर, लोहितवर्णपरिणता अपि ३, हारिद्रवर्णपरिणता अपि४, शुक्लवर्णपरिणता अपि५। गन्धतः पुरभिगन्धपरिणता अपि१, दुरभिगन्धपरिणया वि) स्निग्ध रपर्श परिणामवाले सी ई (लकवफासपरिणया वि) रूक्ष स्पर्श परिणामवाले भी हैं। . (संठाणओ) संस्थान की अपेक्षा (परिमंडलसंठाणपरिणयो वि परिमंडल संस्थानवाले भी होते हैं। (पलंठाणपरिणया वि) वृत्त संस्थानवाले भी होते हैं (नंससंठाणपरिणया वि) त्रिकोण संस्थानवाले भी होते हैं (चउरंससंठाणपरिणया वि) चौरस संस्थानवाले भी होते हैं (आययसंठाणपरिणया वि) आयत संस्थानवाले भी होते हैं।
- (जे) जो पुद्गल (फासओ) स्पर्श से (गम्यफासपरिणया) गुरु स्पर्श परिणमनवाले हैं (ते) वे (वण्णओ) वर्ण की अपेक्षा (कालवण्णपरिणया वि) काले वर्ण परिणमनवाले भी हैं (नीलवण्णपरिणया वि) नील वर्ण परिणमनवाले भी हैं (लोहियरपणपरिणया वि) लालवर्ण परिणमनवाले भी हैं (हालिद्दरणपरिणया वि) पीले वर्ण परिणसनवाले भी हैं (सुक्किल्लवण्णपरिणया वि) श्वेत वर्ण परिणमनवाले भी हैं।
(गंधओ) गंध से (सुन्भिगंधपरिणया वि) सुगंध परिणामवाले परिणामवाणाप छ (लुक्खफासपरिणया वि) ३२२५ परिणामवाणा प य छे.
(संठाणओ) सस्थाननी अपेक्षा (परिमंडलसंठाणपरिणया वि) परिभ3८. सस्थानव ५५५ छ (वट्टसंठाणपरिणया वि) वृत्त स स्थानमा पर डाय छे. (तेससंठाणपरिणया वि) त्रिी सस्थानवाणां पर हाय छ (चउरंससंठाणपरिणया वि) यारस संस्थानां ५५ डाय छ (आययसंठाणपरिणया वि) मायत સંસ્થાનવાળા પણ હોય છે.
(ज) पुती (फासओ) २५५ थी (गरुयफासपरिणया) ४३ २५श पा२भqi छ (ते) तसा (वण्णओ) व नी अपेक्षा (कालवण्णपरिणया वि) ४ा
ना परिवाणi . (नीलवण्णपरिणया वि) all २ पाराम ami ] छ (लोहिय वण्णपरिणया वि) सास २ । परिणामवाजा ५ छ (हालिद्दवण्णपरिणया वि) पीपा २ ना परिणामवाण ५ छ (सुस्किल्लवण्णपरिणया वि) श्वेतवायु परिमाण छ. ___(गंधओ) धनी अपेक्षाव्ये (सुन्भिगंधपरिणया वि) सुध परिणाभquii