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प्रज्ञापनासूत्रे भुजगपतयः, महाकायाः, गायणाश्च निपुणगन्धर्वगीतरतिकाः अणपर्णिक पणपन्निक ऋषिवादित भृतवादितकन्दितमहाकन्दिताश्च कूष्माण्ड पतङ्गदेवाः, चञ्चलचल चपलचितवीडन्द्रवद्रियाः गम्भीर ह सिरगीतनर्तनरतयो वनमालापीडमुकुटकुण्ड लस्वच्छादि कुहितामणचार पण धराः सर्व व रभि सुमसुरचित प्रलम्ब शोभमानका तचिव सचिनमालारचित सः, कासकामाः, कामरूपदेह(किंनरा) किन्नर (किंपुरिक्षा) किरपुरूष (भुयगवइणो) भुजगपति (महाकाया) महाकाय (गंधवगणा य) और गंधर्वगण (निजणगंधचगीयरइणो) निपुण गंधर्व-गीत रुचि वाले (अणवप्णिय) अणपर्णिक (पणवन्निय) पणपन्निक (इलिवाइय) ऋषिवादित (भूयवाइय) भूतवादित (कंदिय) क्रन्दित (महाकंदिय) महाक्रांदित (य) और (कुहंड) कूष्माण्ड (पयंगदेवा) पतंगदेव (चंचलचल चवलचित्तकीलणदवप्पिया) चंचल तथा अत्यन्त चपल क्रीडा एवं परिहास प्रेमी (गहिरहसियगीयणच्चणरई) गंभीर हंसी, गीत और नृत्य की रुचि वाले (वणमालामेल मउडकुंडलसच्छंदविधियाभरणचारुभूसणधरा) वनमाला, कलंगी, मुकुट, कुंडल तथा इच्छानुसार विकुर्वे हुए आभरणों से सुन्दर खूषण धारण करने वाले (सव्वोउयसुरभिसुकुम सुरश्यपलंबसोहंतकंतविहसंत चित्तवणमालारइयवच्छा) सब ऋतुओं के सुगंधित फूलों से बनी, लम्बी, शोभनीय, सुन्दर खिलती हुई विचित्र वनमाला को वक्षस्थल पर धारण करने वाले (कामकामा) इच्छानुसार कामभोग सेवन करने वाले (कामस्वदेहधारी) इच्छानुसार यक्ष (रक्खसा) २राक्षम (किंनरा) २२ (किंपुरिसा) By३५ (भुयगवइणो) भु आपति (महाकाया) भ७४ाय (गंधव्व गणाय) मने गध (निउणगीयरइणो) निपुण अन्य गीत उशिवाय (अणवणिय) अशुपाणि (पण्णवन्निय) पY पनि (इसिवाइय) ३षिवाहित (भूयवाइय) मुतवाहित (कंदिय) अन्हित (महाकंदिया) भन्हित (य) भने (कुहंड) भांड (परंगदेवा) पतगडेव (चंचलचलचवलचित्त कीलणदवप्पिया) यय तथा अत्यन्त यसही। तभर परिहा२ प्रेमी (गहिरहसियगीपणचणरई) मी२ सेवा गीत मने नृत्यनी या (वणमालामेलमउडकुंडलसच्छंदविउव्वियाभरणा चारुभूसणधरा) वनमाला, ४सी, મુગટ, કુડલ, તથા ઈચ્છાનુસાર વિક્ર્વણથી બનાવેલા સુન્દર ભૂષણ धारण ४२ना। (सव्वोउय सुरभि सुमसुरइयपलबसोहंतकंतविहसंतचित्तवणमालारइयवच्छा) यी ३तुमाना सुपित सोथी गनेसी. दांगी शालायभान सुन्४२ मिसेसी विचित्र वनमासाने पक्षस्थ१५२ घा२३ ४२वावा, (कामकामा) ४२छानुसा२ मनोगानु सेवन ४२न।२। (कामरूपदेहधारी) ४२छानुसार ३५