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न्यायकन्दलीसंवलितप्रशस्तपादभाष्यम्
[द्रव्ये आकाश
प्रशस्तपादभाष्यम् शब्दः प्रत्यक्षत्वे सत्यकारणगुणपूर्वकत्वादयावद्द्व्यभावित्वादाश्रयादन्यत्रोपलब्धेश्च न स्पर्शवद् विशेषगुणः । बाह्येन्द्रिय प्रत्यक्षत्वादात्मान्तरग्राह्यत्वादात्मन्यसमवायादहङ्कारेण विभक्तग्रहणाच्च नात्मगुणः। श्रोत्रग्राह्यत्वाद् वैशेषिकगुणभावाच्च न दिककालमनसाम् ।
___ शब्द स्पर्श से युक्त द्रव्यों का गुण नहीं है, क्योंकि वह प्रत्यक्ष का विषय होने पर भी अपने समवायिकारण के गुण से उत्पन्न नहीं होता है, एवं अपने समवायिकारण के अन्तिम समय तक वह नहीं रहता है, एवं अपने आश्रय (स्पर्शवत् शङ्खादि द्रव्यों) से अन्यत्र श्रोत्र में उनकी उपलब्धि होती है। शब्द आत्मा का भी गुण नहीं है, क्योंकि उसका प्रत्यक्ष बाह्य इन्द्रिय से होता है । एवं एक ही शब्द विभिन्न आत्माओं से गृहीत होता है। एवं शब्द का समवाय आत्मा में नहीं है । एवं अहङ्कार के साथ ( 'अहं जानामि' इत्यादि प्रतीतियों में ज्ञान की तरह) शब्द की प्रतीति नहीं होती है। शब्द दिक, काल और मन का भी गुण नहीं है, क्योंकि वह विशेष गुण है । इस प्रकार चूंकि शब्द गुण है, अतः
न्यायकन्दली मध्ये आकाशस्य गुणाः शब्दसङ्ख्यापरिमाणपृथक्त्वसंयोगविभागाः। शब्दादिगुणयोगोऽप्याकाशस्य वैधर्म्यम् ।
नन्वाकाशस्य सद्भावे किं प्रमाणम् ? प्रत्यक्षमेव, वियति पतति पतत्त्रिणि चक्षुर्व्यापारेणेहायं पक्षी प्राप्तो नेहेति नियतदेशाधिकरणा प्रतीतिरिति चेत्, तदयुक्तम्, अरूपस्य द्रव्यस्य चाक्षुषत्वाभावात् । योऽप्ययमधिकरणप्रत्ययस्तत्र विततालोकमण्डलव्यतिरेकेण न द्रव्यान्तरं प्रतिभाति, अत आकाशस्य सद्भावे परिशेषानुमानमुपन्यस्यञ्छब्दस्य द्रव्यान्तरगुणत्वं निषेधति-शब्द इति । संयोग और विभाग ये छः गुण हैं। फलतः शब्द प्रभृति इन छ: गुणों का सम्बन्ध भी आकाश का वैधर्म्य है।
(प्र.) आकाश की सत्ता में ही क्या प्रमाण है ? कोई कहते हैं कि प्रत्यक्ष ही इसमें प्रमाण है, क्योंकि आकाश में चिड़ियों के उड़ने के समय चक्षु के व्यापार से इस प्रदेश में पक्षी हैं, उस प्रदेश में नहीं' इस प्रकार किसी नियमित अधिकरण में पक्षियों की प्रतीति होती है, किन्तु यह कहना ठीक नहीं है, क्योंकि बिना रूप के द्रव्य आखों से नहीं देखे जाते । उक्त प्रतीति में जो अधिकरणता भासित होती है, उसके सम्बन्ध में अगत्या यही मानना पड़ेगा कि आकाश में फैला हुआ प्रकाशपुञ्ज ही अधिकरणतया भासित होता है, अत: उसकी सत्ता में परिशेषानुमान का
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