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न्यायकन्दलीसंवलितप्रशस्तपादभाष्यम् [गुणे विभाग
प्रशस्तपादभाष्यम् विनाशस्तु सर्वस्य विभागस्य क्षणिकत्वात्, उत्तरसंयोगावधिसद्भावात् क्षणिक इति। न तु संयोगवद्ययोरेव विभागस्तयोरेव
चूंकि विभाग क्षणिक है, अतः उत्पत्ति के तृतीय क्षण में ही उसका विनाश हो जाता है। सभी विभाग क्षणिक इस हेतु से हैं कि उत्तर देश के साथ ( विभाग के दोनों अवधि द्रव्यों के ) संयोग पर्यन्त ही उनकी सत्ता रहती है। जिस प्रकार संयोग का विनाश उसके दोनों आश्रयों के विभाग से ही होता है, उसी प्रकार विभाग
न्यायकन्दली
विनाशस्तु सर्वस्य विभागस्य, क्षणिकत्वात् । कर्मजस्य विभागजस्य च कारणवृत्तेः कारणाकारणवृत्तेश्च विभागस्य सर्वस्य क्षणिकत्वमाशुतरविनाशित्वं कुतः सिद्धमित्यत्राह-उत्तरसंयोगावधिसद्भावादिति । उत्तरसंयोगोऽवधिः सीमा, तस्य सद्भावात् क्षणिको विभागः। किमुक्तं स्यान्न विभागो निरवधिः, किं त्वस्योत्तरसंयोगोऽवधिरस्ति, उत्तरसंयोगश्चानन्तरमेव जायते, तस्मादाशुविनाश्युत्तरसंयोगो विभागस्यावधिरित्येतदेव कुतस्तत्राह-न तु संयोगवदिति। यथा संयोगः स्वाश्रययोरेव परस्परविभागाद्विनश्यति, नैवं विभागः
इस लिए वे दोनों युतसिद्ध नहीं हो सकते, अगर हाथ और शरीर दोनों पृथगाश्रयाश्रयी होते तो वे दोनों युतसिद्ध होते, सो नहीं हैं, अतः हाथ में शरीर ( अयुतसिद्ध होने के कारण ) समवाय सम्बन्ध से है (हाथ और शरीर दोनों में संयोग सम्बन्ध नहीं है ।) ।
सभी विभाग के क्षणिक होने के कारण अपनी उत्पत्ति के तीसरे ही क्षण में विनष्ट हो जाते हैं। कारण ( मात्र ) में रहनेवाले एवं कारण और अकारण दोनों में रहने वाले क्रिया से उत्पन्न और विभाग से उत्पन्न दोनों ही प्रकार के विभागों में क्षणिकत्व अर्थात् अतिशीघ्र विनष्ट होने का स्वभाव किस हेतु से है ? इसी प्रश्न का उत्तर 'उत्तरसंयोगावधिसद्भावात्' इस वाक्य से दिया गया है । अर्थात् उत्तर संयोग ही उसकी अवधि अर्थात् सीमा है, इसी अवधि के कारण विभाग क्षणिक है । इससे क्या तात्पर्य निकला ? (यही कि) विभाग निरवधि (नित्य) नहीं है, एवं उत्तर संयोग ही उसकी अवधि है। क्योंकि विभाग के बाद ही उत्तरसंयोग की उत्पत्ति होती है। अतः शीघ्रतर विनाशी उत्तरसंयोग ही उसकी अवधि है । (प्र.) यही (उत्तर देश का संयोग) क्यों ? (विभाग का विनाशक है ? केवल अपने दोनों अवययियों का संयोग ही क्यों नहीं विभाग का विनाशक है ?) इसी प्रश्न का उत्तर 'न तु संयोगवत्' इत्यादि सन्दर्भ से दिया गया है। अर्थात्
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