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प्रकरणम् ]
भाषानुवादसहितम्
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प्रशस्तपादभाष्यम् स्तीति । न, जातिसङ्करप्रसङ्गात् । निष्क्रमणादीनां जातिभेदात् प्रत्ययानुवृत्तिव्यावृत्तौ जातिसङ्करः प्रसज्यते । कथम् १ द्वयोर्द्रष्ट्रोरेकस्मादपवरकादपवरकान्तरं गच्छतो युगपन्निष्क्रमणप्रवेशनप्रत्ययौ उत्क्षेपणत्वादि की तरह निष्क्रमणत्वादि जातियाँ मानी जाँय तो इसमें साङ्कर्य दोष होगा। ( विशदार्थ यह है कि ) निष्क्रमणादि क्रियाओं में यदि विभिन्न जातियों के कारण अनुवृत्ति की प्रतीति और व्यावृत्ति की प्रतीति मानें तो इसमें साकर्य दोष होगा। (प्र० ) किस प्रकार ? ( साकर्य दोष होगा? )। ( उ० ) दो द्वारों को पार करते हुए किसी एक व्यक्ति के एक हि गमनकर्म को देखनेवाले दो पुरुषों में से एक को एक ही समय उसी गमन कर्म में निष्क्रमण की प्रतीति और दूसरे को प्रवेशन की प्रतीति होती है । जैसे कि एक ही द्वार में जाते
न्यायकन्दली एकस्यां व्यक्तौ विरुद्धानेकजातिसमवायः प्रसज्यत इत्यर्थः ।
कथमिति पृष्टः सन्नाह-द्वयोर्द्रष्ट्रोरिति । द्वयोर्द्रष्ट्रोरेकस्मादपवरकादपवरकान्तरं गच्छत: पुरुषस्य यौ द्रष्टारौ तयोरेकस्यां व्यक्तौ निष्क्रमणप्रवेशनप्रत्ययौ दृष्टौ। यतोऽपवरकात् पुरुषो निर्गच्छति तत्र स्थितस्य निर्गच्छतीति प्रत्ययः,
मानकर कार्यभेदमूलक मानें तो फिर विभिन्न उत्क्षेपणादि विषयक प्रतीतियों की उपपत्ति भी उन प्रतीतियों को कार्यभेदमूलक मान कर की जा सकती है।
'न' इत्यादि सन्दर्भ के द्वारा उक्त आक्षेप का समाधान करते हैं । अभिप्राय यह है कि ( उत्क्षेपणत्वादि की तरह यदि ) निष्क्रमणत्वादि जातियां भी मानी जाये तो 'जाति सङ्करप्रसङ्ग' होगा, अर्थात् एक ही व्यक्ति में विरुद्ध अनेक जातियों का समवाय मानना पड़ेगा। 'कथम्' इस पद के द्वारा पूछे जाने पर ( अर्थात् यह साङ्कर्य क्यों कर होगा ? ) 'द्वयोर्द्रष्ट्रोः' इस सन्दर्भ के द्वारा उक्त साङ्कर्य दोष का उपपादन करते हैं। 'द्वयोर्द्रष्ट्रोः ' अर्थात् एक प्रकोष्ठ से दूसरे प्रकोष्ठ में जाते हुए पुरुष को जो दो देखनेवाले पुरुष हैं, उन दोनों में से एक पुरुष को उक्त गमन रूप क्रिया में निष्क्रमणत्व की और दूसरे पुरुष को प्रवेशनत्व' की प्रतीति होती है। इस प्रकार एक ही क्रिया में दोनों की प्रतीति होती है, अर्थात् जिस प्रकोष्ठ से वह पुरुष जाता है, उस प्रकोष्ठ में रहनेवाले पुरुष को उससे जानेवाले पुरुष में 'निष्कामति' इस आकार की प्रतीति होती है, एवं जिस प्रकोष्ठ में वह पुरुष जाता है, उस प्रकोष्ठ में रहनेवाले को
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