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प्रकरणम् ]
भाषानुवादसहितम्
७६७
प्रशस्तपादभाष्यम् गवादिष्वश्वादिभ्यस्तुल्याकृतिगुणक्रियावयवसंयोगनिमित्ता प्रत्ययव्यावृत्तिदृष्टा, गौः शुक्लः शीघ्रगतिः पीनककुमान् महाघण्ट इति । तथास्मद्विशिष्टानां योगिनां नित्येषु तुल्याकृतिगुणक्रियेषु
समझानेवाला ( अत्यन्त व्यावृत्ति-बुद्धि का ) कोई दूसरा कारण नहीं है। जिस प्रकार हम साधारण जनों को गो में अश्व से कुछ सादृश्य के रहते हुए भी विशेष आकृति, विशेष गुण, विशेष प्रकार की क्रिया, एवं अवयवों के विशेष प्रकार के संयोगों के कारण ( गो में अश्व से ) ये व्यावृत्तिप्रत्यय होते हैं कि 'यह गो है, ( अश्व नहीं, क्योंकि यह ) विशेष प्रकार का शुक्ल है, यह विशेष प्रकार से दौड़ता है, या इसका ककुद् बहुत
न्यायकन्दली गवादिष्वश्वादिभ्यस्तुल्याकृतिनिमित्ता गौरिति, गुणनिमिता शुक्ल इति कियानिमित्ता शीघ्रगतिरिति, अवयवनिमित्ता पीनककुमानिति, संयोगनिमित्ता महाघण्ट इति, अस्मदादीनां प्रत्ययव्यावृत्तिष्टा। तथास्मद्विशिष्टानां योगिनां तुल्याकृतिगणक्रियेषु तुल्याकृतिषु तुल्यगुणेषु तुल्यक्रियेषु परमाणुषु मुक्तात्ममनस्सु चान्यनिमित्तासम्भवाद् येभ्यो निमित्तेभ्यः प्रत्याधारमयमस्माद् विलक्षण इति प्रत्ययव्यावृत्तिर्भवति तेऽन्त्या विशेषाः।
( योगियों से भिन्न ) साधारण पुरुषों को सभी गो व्यक्तियों में समान आकृति के कारण उनसे भिन्न अश्वादि सभी पदार्थों से भिन्नत्व (व्यावृत्ति ) की प्रतीति होती है । एवं उसी गो में 'शुक्ल:' इस आकार की व्यावृत्तिबुद्धि शुक्लवर्ण रूप गुण के कारण होती है। उसी गो में 'यह शीघ्र चलनेवाला है। इस आकार की व्यावृत्तिबुद्धि 'शीघ्रचलन' रूप क्रिया के कारण होती है। इसका ककुद् बहुत स्थूल है' इस आकार की व्यावृत्तिबुद्धि ककुद् रूप अवयव के कारण होती है, एवं 'यह बड़ा घण्टावाला है' इस प्रकार की व्यावृत्तिबुद्धि घण्टा के संयोग के कारण होती है। इसी प्रकार अस्मदादि से विशेष सामर्थ्यवाले योगियों को मादृश साधारण जनों से अत्यन्त दिव्य दृष्टि रूप वैशिष्ट्य के कारण समान आकृतिवाले, समान गुणवाले एवं समान क्रियावाले परमाणुओं में, मुक्त आत्माओं में और उनके मनों में जो परस्पर व्यावृत्ति की बुद्धियाँ होती हैं, आकृति भेद (गुणभेदादि) उनके कारण नहीं हो सकते । अतः (यह कल्पना करनी पड़ती है कि कथित परमाणु प्रभृति ) प्रत्येक आधार में 'यह इससे विभिन्न प्रकार का है' इस आकार की व्यावृत्ति बुद्धि जिन कारणों से होती है वे ही 'विशेष' हैं ।
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