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(क) जहाँ पर संस्करण-विशेष के उल्लेख की खास आवश्यकता प्रतीत हुई है वहाँ पर रेफरेंस की संकेत-सूची में दिये हुए संस्करण
के १, २ आदि अंक रेफरेंस के पूर्व में दिये हैं। जैसे पेसल और पेसलेस शब्दों के रेफरेंस 'पाचा' के पूर्व में “२' का अंक
प्रागमोदय-समिति के संस्करण का और '३' का अंक प्रो. रवजी भाई के संस्करण का बोधक है। १८. जहाँ कहीं प्राकृत के किसी शब्द के रूप को, अर्थ की अथवा संयुक्त शब्द आदि की समानता या विशेषता के लिये प्राकृत के हो ऐसे
शब्दान्तर की तुलना बतलाना उपयुक्त जान पड़ा है वहाँ पर रेफरेंस के बाद देखो-' से उस शब्द को देखने की सूचना की गई है। जहाँ कहीं 'देखो' के बाद काले टाइपों में दिये हुए प्राकृत शब्द के अनन्तर सादे टाइपों में लिंगादि-बोधक या संस्कृत-प्रतिशब्द दिया गया है वहाँ उसी लिंग अादिवाले या संस्कृत प्रतिशब्दवाले ही प्राकृत शब्द से मतलब है, न कि उसके समान इतर प्राकृत शब्द से । जैसे अ शब्द के 'देखो च प्र' के च से पुंलिंग च को छोड़कर दूसरा ही अव्यय-भूत च शब्द, और ओसार के 'देखो ऊसार = उत्सार के 'ऊसार' से तीसरा ही ऊसार शब्द देखना चाहिए; पहले, दूसरे और चौथे ऊसार शब्द को नहीं ।
उक्त नियमों से अतिरिक्त जिन नियमों का अनुसरण इस कोष में किया गया है वे आधुनिक नूतन पद्धति के संस्कृत आदि कोषों के देखनेवालों से परिचित और सुगम होने के कारण खुलासे की जरूरत नहीं रखते।
१९.
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