________________ (43) तलाश करनी पड़ती है। स्त्री और जमीन दोनों एक साथ मिल जाते हैं तब मनुष्य को जर की, पैसे की आवश्यकता होती है। - जब द्रव्य नीतिपूर्वक उपार्जन करने पर भी उस में अठारह पापस्थानक की प्राप्ति की संभावना रहती है / तब जो मनुष्य अनीति पूर्वक पैसा-धन इकट्ठा करता है, वह कितने दृढ. पापकर्मों में बंधना होगा; पाठक इस का स्वयं विचार करें / ____ इस कथन में कुछ अत्युक्ति नहीं है कि जो पुरुष, स्त्री के संग से मुक्त है वह सब पापों से मुक्त है। यह समझना भी सर्वथा सत्य है कि जो पुरुष स्त्रीसंग में फंसा हुआ है उसने अपना सर्वस्व खो दिया है। एक विद्वानने बहुत ठीक कहा है कि संसार ! तव निस्तारपदवी न दवीयसी / अन्तरा दुस्तरा न स्युर्यदि रे ! मदिरेक्षणाः // ___ भावार्थ-हे संसार ! यदि तेरे बीच में वनितारूपी दुस्तर नदी न पड़ी होती तो तुझ को तैरने में कुछ भी कठिनता नहीं थी। दुष्ट कर्म रूपी महाराजा ने जीवों को संसार रूपी महा जंगल में फँसाने के लिए कामिनी रूपी जाल बिछा रक्खी है। कि जिस में जान और अजान दोनों फँस जाते हैं। कहा है: