________________ ( 299) मानते हैं / और उस का वास्तविक फल केवलज्ञान बताते है / / उप फल का आस्वादन अविनाशी निवृत्ति है। अणिमा, महिमा, प्राकाम्य, इशित्व, वशित्व, लघिमा, यत्रकामावसायित्व और प्राप्ति ये आठ सिद्धियां योगियों को मिलती हैं। इन के सिवा अन्य भी मिलती हैं, परन्तु यहां केवल इन्हीं आठ का वर्णन किया जाता है।। 1 अणिमा, इससे बड़ा स्वरूप भी छोटा बनाया जा सकता है / यानी सूईमेंसे तागे के समान निकल जावे इतना छोटा रूप इस के द्वारा बनाया जा सकता है। २-महिमा, इससे मेरुसे भी उच्चतर शरीर बनाने की शक्ति आती है / ३-प्राकाम्य, इससे भूमिकी भांति ही जल में भी चलने की शक्ति आती है। ४-इशित्व-इससे तीर्थकर, चक्रवर्ती आदि की ऋद्धि प्राप्त करने का बल मिलता है। ५-वशित्व, इस के द्वारा क्रूर जन्तु भी वश में आ जाते हैं। 6 लघिमा, इस के द्वारा शरीर वायुसे मी हलका हो जाता है। ७-यत्रकामावसायित्व, इस के द्वारा इच्छानुसार नाना प्रकार के रूप बनाने का सामर्थ्य आता है। (-प्राप्ति, इस के द्वारा मेरु पर्वतादिसे, और सूर्यमंडलसे स्पर्श करने का बल आता है। ___इन के सिवाय दूसरी भी अनेक ऋद्धियां हैं / उनका विस्तार जानने की इच्छा रखनेवालोंको, योगशास्त्र और ऋषभ