________________ ( 397 ) पाड पडौस की वृद्धार कहने लगी कि, लड़के की बीमारी असाध्य हो गई है / इस के बचने की कोई सूरत नहीं है / जिप्स के घर मौत होती है उस के घर यमराज आता है। उस यमराज को जब कुत्ते देखते हैं, तब वे बहुत रोते हैं। इस तरह की बातें कह कर, वृद्धाएँ अपने अपने घर गई / लड़के की माता सोचने लगी कि, मेरे घर यमराज आयगा / घरमें दूसरा तो कोई हे ही नहीं। अब मैं क्या करूँ ? खैर ! जो बने सो ठीक है / इस तरह वृद्धा डरती हुई छोकरे के पास सो गई। रात बीतने लगी। उस को नींद आती थी और थोडी देरमें वापिस उठ जाती थी। छोकरे को तो निद्रा बिल्कुल ही नहीं आती थी / इधर घरमें इन की यह हालत थी। उधर घरमेंसे पाडी छूट गई / महल्ले के कुत्ते भौंक भौंक कर थक जाने से रोने लगे / पाड़ी आ कर वृद्धा के कपडे चवाने लगी। कपडा खिचनेसे वृद्धा जाग उठी / दीपक का प्रकाश मंद था। इस लिए वह पाडी को अच्छी तरह देख न सकी / उसने काला शरीर और सिर देखा / बुढिया समझ गई कि, यम आया है / स्त्री जाति वहमी तो होती ही है / फिर घटते मे पूरा कुत्ते का भौंकना आदि सब योग भी मिल गये। बुढिया बहुत डरी / वह धीरे धीरे बोली:-" यमराज ! आप मूल कैसे कर रहे हैं ? मैं बीमार नहीं हूँ। बीमार तो यह पासमें सो रहा है / " बुढिया के ऐसा कहने पर भी पाड़ी नहीं