________________ (424) का उपाय नहीं जानते हैं, इसी तरह विद्वान् भी मृत्यु को दूर करने का उपाय नहीं जानते हैं / मौत के इलाज का अज्ञान धिक्कारने योग्य है / धन्वंतरी के समान वैद्य, और अन्यान्य सेकड़ों मंत्रवादी और यंत्रवादी इस पृथ्वी पर हुए मगर उन्हें मी काल के आगे तो सिर झुकाना ही पड़ा ! वर्तमान में भी पाश्चात्य लोगोंने जड़ पदार्थों पर-पंचमहाभूतों पर बहुत कुछ अधिकार कर लिया है / जिन्होंने रेल, फोटोग्राफ, तार, फोनोग्राफ, टेलीफोन आदि अनेक अद्भुत पदार्थो का आविष्कार किया / जो वर्षा को नियमित समय में, इच्छानुकूल बरसाने का यत्न कर रहे हैं। कुछ अंशों में जिनको सफलता भी हो गई है / जो मंत्र, यंत्र के विना विमान-हवाई जहान-चलाते हैं; वे मी मृत्यु को जीतने का आविष्कार न कर सके और कर ही सकेंगे। जिन दिनों में यह लेख लिखा जा रहा था; उन्हीं दिनों में अपने राजाधिराज एडवर्ड सातवे का देहावसान होगया। दुनिया शोकग्रस्त हुए / हनारों देश के राजा उनके शरीर की अन्तिम क्रिया के समय उपस्थित हुए थे। बड़े डॉक्टरोंने इस तरह से एक सुंदर भवन में रक्खा कि जिससे उसमें लेशमात्र भी दुगंध पैदा नहीं हुई। शरीर कई दिनों तक वेबिगड़े रहा। इतना होने पर भी वे सम्राट के जीवन की रक्षा न कर सके / ये बातें हमें स्पष्टतया बताती हैं कि, प्राणियों को कोई भी काल के पंजे से नही बचा सकता है / ९-जो क्षत्रिय पुत्र पृथ्वी को अपनी