________________ (411) है, इसकी अपेक्षा, यदि अपने कुटुंब को भी इसमें सम्मिलित करलूँ तो बहुत ही श्रेष्ठ हो / ऐसा सोच कर, कछुआ पानी में गया और अपने कुटुंब को लेकर वापिस आया / मगर उसके वापिस आने तक वापिस सेवाल ऊपर आ गई। कछुवा उस छिद्र के लिए-जहाँसे कि सेवाल हट गई थी-फिर फिर कर थक गया / लेकिन उस छिद्र का मिलना अब अति कठिन है। इसी तरह मनुष्य-जन्म का मिलना भी अति कठिन है।" ___नवाँ युग-समीला-धौंसर का दृष्टान्त इस तरह है;" कोई देव दो लाख योजन प्रमाणवाले लवण समुद्र के अंदर, धौंसर को पूर्व के किनारे डाल दे और उसमें डालने की समीला धौंसर में डालने की कील को पश्चिम किनारे फेंक दे / इन दोनों चीजों का एक हो जाना यानी धौंसर में कीली का घुस जाना अत्यन्त कठिक, इसी तरह मनुष्य भव का पाना भी दुर्लभ है।" ___दसवाँ परमाणु का दृष्टान्त इस तरह है-" किसी देवने एक स्तंभ का चूर्ण कर, उसको एक बाँस की नली में भर दिया / फिर उसे मेरु पर्वत पर चढ कर दशों दिशाओं में फैंक दिया / उस चूर्ण को एकत्रित कर, फिरसे उसका स्तंम बनाना कठिन है। इसी तरह मनुष्य जन्म पाना भी कठिन है।" कुछ भोले लोग ऐसे हैं कि, जो मनुष्य जन्म के लिए ही दश दृष्टान्त समझते है। मगर उसके साथ इतना और समझना