________________ ( 160 ) पृथ्वी का स्वामी बनें। ऐसा सोचकर वह सातवें खण्ड का साधन करने चला; परन्तु वह बीचही में डूब मरा और सातवीं नारकी में पहुँचा / इस उदाहरण से यह नतीजा निकलता है कि, सन्तोष के विना मनुष्य को, चक्रवर्ती की ऋद्धि मिले या वासुदेव प्रतिवासुदेव की या बलदेव की सिद्धि प्राप्त हो तो भी उस का लोम नहीं मिटता है। ___लोम करने से ज्ञान, दर्शन, और चारित्र रूप निश्चल लक्ष्मी का नाश होता है / शायद लोमसे चंचल लक्ष्मी प्राप्त हो जाय तो भी अपने स्वमानुकूल वापीस चली जाती है। यदि लक्ष्मी नहीं जाती है, तो उसकी रक्षाकी चिन्ता में लोमी स्वयमेव धुल धुल कर मर जाता है / इसी लिए कहा जाता है कि तृष्णा महादेवी का स्वप्न में भी सहवास नहीं करना चाहिए / तृष्णा महादेवी की संगति से अनन्त जीव नष्ट भ्रष्ट हुए हैं; उन की दुर्दशा हुई है वे दुर्गति में गये हैं / लोभी की इस गति में भी कैसी खराब हालत होती हैं उस के लिए मम्मण सेठ का उदाहरण बहुत ही अच्छा होगा / उस के पास बहुत धन था, तो भी वह आयुभर तैल, और चवले ही खाता रहा था / उस का वृत्तान्त इस तरह हैं: