________________ ( 86) पूज्य पुरुषों के सामने तो विशेष रूप से रखनी चाहिए। इस से मनुष्य पूजनीय की पूजा के व्यतिक्रम से-पूजा करने में कुछ भूल करदी हो उस से-जो पाप लगा हो उस पाप से मुक्त हो जाता है। मान के लिए बाहुबली का हृदयभेदक दृष्टान्त बहुत ही विचार करने योग्य है। ___ बाहुबली का दृष्टान्त / मानाहाहुबलीबद्धो लताभिरिव पादपः / मार्दवात्तत्क्षणान्मुक्तः सद्यः संप्राप केवलम् / / भावार्थ-वृक्ष जैसे लताओं से घिरा रहता है उसी भाँति बाहुबली मानरूपी लता से आबद्ध हो गये-बँध गये थे। मगर सरलता के कारण से वे बंधन रहित हो गये / इससे उन्हें तत्काल ही केवलज्ञान उत्पन्न हो गया / बहुबली की कथा संक्षेप में इस प्रकार है। . बाहुबली चक्रवर्ती भरत के छोटे भाई थे / वहलिक नामा देशके व स्वामी थे। भरत जब छः खंड पृथ्वी को जीत कर वापिस अयोध्या में आये तब चक्ररत्नने आयुधशाला में प्रवेश नहीं किया। मंत्रियोंने कहा:-" महाराज हमें अभी और देश जीतने हैं। क्योंकि जब निज गोत्रवाले ही आज्ञा नहीं मानते हैं तब दूसरा कौन आज्ञा मानेगा ?"