________________ दासीने कहा:-" घबराते किसलिए हो? यहाँ एक धन नामा सेठ रहता है / जो कोई जाकर उसको सबसे पहिले आशीर्वाद देता है उसको वह दो मासे सोना देता है / तुम जाकर उसको सबसे पहिले आशिष दो / " - सबसे पहिले जाकर धन को आशिस देने का विचार करता हुआ कपिल सोया। मगर उसको पूरी नींद नहीं आई। थोड़ीसी आँख लगने के बाद आधी रातको ही वह उठ बैठा और यह सोचकर उठ बैठा कि दिन निकलने वाला है। मगर बाहिर निकलते ही उसको सिपाहियोंने पकड़ लिया। रातभर थाने में बिठाकर सवेरे ही वह राजा के पाप्त पहुँचाया गया। राजाने उसको पूछा:-" तू आधी रातको घरसे बाहिर किसलिए निकला था ? " कपिलने सोचा ' साँच को आँच नहीं, सच कहनाही ठीक है / फिर उसने अपना सारा सत्य वृत्तान्त सुना दिया / रामा उसके सत्य बोलनेसे प्रसन्न हुआ और कहा:-"जो चाहिए सो माँग / मैं दूंगा।" कपिलने उत्तर दिया:-" मैं सोचकर माँगूंगा।" तत्पश्चात् वह विचार करने के लिए अशोकवाटिका में गया।