________________ ( 198) ऐसे व्यापारीयों को ध्यान में रखना चाहिए कि जिस देश . में व्यापारी एक ही तरह के तोले और माप रखते हैं; व नीति पूर्वक व्यापार करते हैं उस देश में सब ही-राजा, प्रजा और व्यापारी, धनी होते हैं, इज्जतदार होते हैं और सुखी होते हैं। ___प्राचीनकाल में अपना यह भारत देश, धर्म, कर्म, व्यापार, कला, कौशल, विनय, विवेक, विद्या आदि सब बातों में सर्वोत्तम था। मगर इस समय इस की जो दुर्दशा हुई है, उस का कारण हम तो यही कहेंगे कि यह माया महादेवी का काही प्रसाद है। यदि मायामहादेवी भारत से चली जाय तो स्वार्थी लोग, परमार्थी साधु वास्तविक साधु और संत वास्तविक संत हो जायँ। व्यापारी सच्चे व्यापारी और साहुकार वास्तविक पाहुकार गिने जाने लगे। ऐसा होते ही देशोन्नति तत्काल ही हो जाय / मगर दुर्भाग्य की बात यह है कि प्रत्येक मनुष्य के रोम रोम में माया का साम्राज्य हो रहा है, इस लिए उस को तत्काल ही निकाल देना बहुत ही कठिन है / जो मनुष्य माय राक्षसी के पंजे से बच जाय उसे हम तो यही कहेंगे कि-वह वास्तविक हीरा है। सच्चा माणिक्य 'है; संसार का पूज्य है। दुनिया के दास वे ही लोग हैं जो माया जाल में फैसे हुए हैं। ___अब वेश्या के माया-प्रपंच-का विचार किया जायगा। कहा है कि: