________________ ( 139) यदि कोई स्त्री या पुरुष वहाँ जाता है तो इस को देख कर उस को क्रोध आता है / इस को हानि भी पहुंचाता है। यदि कोई जबर्दस्त वहां से धन खोद कर निकाल ले जाता है तो उस को बड़ा दुःख होता है और संताप कर करके वह अपने प्राण देता है / यद्यपि वह धन उस के निरुपयोगी होता है और उसे यह ज्ञान भी नहीं होता है कि, यह धन मेरे किसी काम में आनेवाला है, तथापि पूर्वमत्र के लोभ से वह व्याकुल होता है और दुःख पराम्परा को भोगता है। कषाय के कारण वहाँ से मरकर विशेष दुर्गति में जाता है अथवा वहीं बारबार जन्मता और मरता रहता है। लोम भूत पिशाचादिको भी दुखी करता है / कहा है कि: पिशाचमुद्गलप्रेतभूतयक्षादयो धनम् / स्वकीयं परकीयं वाऽप्यधितिष्ठन्ति लोमतः // भावार्थ-पिशाच, व्यन्तर, प्रेत, भूत और यक्षादि देव अपने या दूसरे के धन को लोम के वश में होकर दबा रखते हैं। ___ यह बात हरेक जानता है कि पिशाच, व्यंतर और भूत प्रेतादि को द्रव्य की कुछ भी आवश्यकता नहीं है / तो भी वे लोभ के कारण रात दिन चिन्तित रहते हैं। वे किसी को