Book Title: Padmapuran Bhasha
Author(s): Digambar Jain Granth Pracharak Pustakalay
Publisher: Digambar Jain Granth Pracharak Pustakalay
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लाख वर्षका एकपूर्वागऔर चौरासी लाख पूर्वागका एकपूर्व होयहै ) औरदूजेकावहत्तरलाख पूर्व तीजे का साठलाख पूर्व चौथेको पचास लाखपूर्व पांचवेंका चालीस लाखपूर्व छठेका तीसलाख पूर्व सातवेंका बीसलाख पूर्व आठवें का दसलोखपूर्व नवमेंका दोयलाख पूर्व दसवेंका लाखपूर्व ग्यारवेंका चौरासी लाख वर्ष वारवें का बहत्तर लाखवर्ष, तेरखें का साठलाख वर्ष चौदवेंका तीस लाखवर्ष पन्द्रवे का दस लाख वर्ष सोलका लाखवर्ष, सत्रवेंका पचानवें हजार वर्ष, अठार का चौरासी हजार वर्षे, उन्नीसवें का पचावन ५५ हजार वर्ष. बीसवें का तीस हजार वर्ष इक्कीसवेंका दस हजार वर्ष वाईसवें का हजार वर्ष तेईसवें का सौ वर्ष चौबीस का बहत्तर वर्ष को आयु प्रमान जानना ॥ ___ अथानन्तर ऋषभदेवके पहिलेजेचौदह कुलकरभए तिनके श्रायुकायका वर्णन करिएहे प्रथम कुलकर की काय अठारहसौ थनुष दूसरे की तेरासो धनुष तोसरेकी आठसो धनुषचौथे की सातसो पिछत्तर धनुष पांच की साढे सातसो धनुष छठे की सवासात सो धनुष सातवें की सातसो धनुष आठवें की पौने सातसो धनुष नवमें को साढे छैसो धनुष दसोंकी सवाछेसो धनुष ग्यारवेंकी छैसो घनुप बारवें की पौने छैसो धनष तेकी साढे पाँचसो धनुष जौदहीं की सवापांचसो धनुष अब इनकुलकरोंकी आयुका वर्णन करें हैं पहिले की आयु पल्य का दसमा भागदूजेकी पल्य का सौवा भाग तीजे कीपल्यका हजारखा भाग चोथे की पल्य का दस हजारवां भाग पांचमेंकी पल्यका लाखो भाग छठे की पल्य का दसलाखवांभाग
सात की पल्य का कोड़वां भाग पाठवें की पल्यका दस कोड़वां भाग नौवमें की पल्यका सोकोड़वांभाग || दसवें की पल्य का हजार कोड़वां भाग ग्यारवें की पल्य का दस हजार कोड़वाँ भाग बारबें की पल्य
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