Book Title: Padmapuran Bhasha
Author(s): Digambar Jain Granth Pracharak Pustakalay
Publisher: Digambar Jain Granth Pracharak Pustakalay
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पुराण
सुप्रभा १ रूपिणी २ प्रभवा ३ मनोहरा ४ सुनेत्रा ५ विमलसुन्दरी ६ अनन्दवती७ प्रभावती ८ रुक्मणी ॥३६१० ये वासुदेवों की मुख्यपटराणी कैसी हैं महोगुण कलानिपुण धर्मबती ब्रतवती हैं |
अथानन्तर नव बलभद्रोंका वर्णन सुनो सो पहिले नवही बलभद्रों की पूर्वजन्मकी पुरियों के नाम सुनों पुण्डरीकनी १ पृथिवी २ आनन्दपुरी ३ नन्दपुरी ४ वीतशोका.५ विजयपुर ६ सुसीसा ७ तेमा
हस्तनागपुर और बलभद्रों के पूर्वजन्म के नाम सुनो बाल १ मारुतदेव २ नन्दिमित्र३ महाबल ४ परुषपर्भ ५ सुदर्शन ६ वसुधर ७ श्रीचन्द्र ८ शंख ६ अब इनके पूर्व भवके गुरुवोंके नाम सुनो जिनपै इन्होंने जिनदीक्षा श्रादरी अमृतार १महासुत्रत २सुब्रत ३ वृषभ ४ प्रजापाल ५ दम्बर ६ सुधर्मार्णव ८ विद्रुम : अबनव वलदेव जिन २देवलोकोंसे पाए तिनके नाममुनों तीनबलभद्रतो अनुत्तरविमानसेवाए
और तीन सहस्रार स्वर्गसे पाए दो ब्रह्मस्वर्गसे पाए एक महाशुक्रसे आया अवइन नव वलभद्रों कीमातावों के नाम सुनों क्योंकि पिता तो इन बलभद्रों के और नारायणों के एकही होय हैं भद्राभोजा १सुभद्रा २ सुवेषा ३ सुदर्शना ४ सुप्रभा ५ विजया ६ वैजयन्ती ७ अपराजिलाजिसे कौशिल्या भी कहे हैं रोहिणी । नववलभद्र नवनारायण तिनमें पांच बलभद्र पांच नारायण तो श्रेयांसनाथ स्वामी के समय आदि
धर्मनाथ स्वामी के समय पर्यन्त भए और कठे अरनाथ स्वामीको मुक्तिगए मल्लिनाथ स्वामी के पहिले || भए और नवमें श्री नेमिनाथ के काकाके बेटे भाई महाजिनभक्त अद्भुत क्रियाके धारणहारे भए अबइनके नाम सुनों १ अचल २ विजय ३ भद्र ४सुप्रभ ५ मुदरशन इनन्दिमित्रानन्द]७नन्दिषेण(नन्दन) रामचन्द्र [ह्म] राम [बलभद्र भागे जिनमहामुनियों पै वलभद्रों ने दीक्षा धरी तिनके नामकहिये
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