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रुचकवर पर्वत व द्वीप
दरिया -afrari या हिदायतम कटोको कोई अामाय मानते है
रोई नहीं। कटास्पिोले नामोam-na.१२)
परिचय
- पूर्व
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लार सम्वन्धी इषिमेट-दे-सरकार ५१
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अथवा-अड़तालीस के आधे को आठ से गृणा कर उसमें पांच मिला देने पर प्राप्त हुई राशि को उनचास से गुणा करे । इस रीति से पुस्बियों का सर्वधन निकलता है।
उदाहरण- ४८.!..५४४६-१६५३ सर्व पृथ्वियों का सं. धन | सम्पूर्ण पृथ्वियों में कुल नौ हजार छह सौ तिरेपन इन्द्र क व श्रेणीबद्ध बिल हैं।६६५३।
(प्रत्येक पृथ्वी के श्रेणी धन को निकालने के लिये) एक कम अपने अपने चरम इन्द्रक का प्रमाण आदि, अपने अपने पटल का प्रमाण गच्छ और चय सत्र जगह आठ ही हैं।
दो सौ बान, दो सौ चार, एक सौ बत्तीस, छयत्तर छनीस और बारह, इस प्रकार रत्नप्रभादि छह पृध्वियों में आदि का प्रमाण है। र, प्र. २६२, श.प्र. २०४, प्र. १३२, पं. प्र. ७६, घू.प्र. ३६ त.प्र. १२ ।
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