Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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वृक्षों की छाया तथा अन्य प्रकार से उनकी विकृति का फल चन्द्रमा के शृंगों का फल चन्द्रशृंग एवं अन्य चन्द्रोत्पातों द्वारा फल शिवलिंगों के विवाह और सवारियों के वार्तालाप का फल मंगल कलश के अकारण विध्वंस का फल नवीन वस्त्रों के अकारण जलने का फल मांसभक्षी पक्षियों की विकृति का कथन जिस सवारी पर जा रहे हो, उनके विकृत होने का फल दाहिनी ओर, बायीं ओर तथा मध्य में सवारी के भंग होने का फल घोड़ों के उत्पातों द्वारा फल का कथन नक्षत्रों के उत्पात का फलादेश सवारी, सेना आदि के विनाश सूचक उत्पात उत्पातों की विचार की अत्यावश्यकता उत्पातों के भेदों और स्वरूपों का विवेचन प्रतिमाओं के उत्पातों का विचार इन्द्रधनुष के उत्पात का फल आकाश सम्बन्धी उत्पात भूमि पर प्रकृति विपर्यय प्रसव विकार, सवारी विकार आदि का कथन रोग सूचक उत्पात धन धान्य नाश सूचक उत्पात वर्षाभाव सूचक उत्पात अग्निभय सूचक उत्पात राजनैतिक उपद्रव सूचक उत्पात वैयक्तिक हानिलाभ सूचक उत्पात नेत्र स्फुरण अंगस्फुरण-अंग फड़कने का फल
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