Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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मंगल के वक्रानुवक्रा का फल मंगल के वक्रगति द्वारा गमन और नक्षत्र घात का फल अपगति से गमन करने का फल वक्रगति से धनिष्ठादि ससात नक्षत्रों के भोग का फल क्रूर, क्रुद्ध और ब्रह्मघाती होकर मंगल के गमन का फल मंगल के वर्ण, कान्ति और स्पर्श का फल भौमका द्वादश राशियों में स्थित होने का फल नक्षत्रों के अनुसार मंगल का फल बीसवाँ अध्याय राहु-चार के कथन की प्रतिज्ञा राहु की प्रकृति, विकृति आदि के अनुसार फल प्राप्ति का काल चन्द्रमा की विकृति का फल राहु के आगमन के चिह्न और फल चन्द्रग्रहण के संकेत का कथन चन्द्रग्रहण लगने के चिह्न और पहिचान चन्द्रमा के परिवेष के अनुसार राहु का कथन चन्द्रमा द्वारा ग्रहण के रंग का वर्णन ग्रहण के आगम के चिह चन्द्रग्रहण के अन्य चिह्न चन्द्रमा की आभा का फल राशि तथा समय के अनुसार ग्रहण का फल चन्दग्रहण के दिन यात्रा का निषेध चन्द्रग्रहण का विभिन्न दृष्टियों से फल चन्द्रग्रहण के रंग द्वारा फल चन्द्रग्रहण सम्बन्धी अन्य शकुनों का वर्णन द्वादश राशियों के अनुसार राहु फल
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