________________
386 387
388
389
389
390
391
392
392
393
399
400
401
वृक्षों की छाया तथा अन्य प्रकार से उनकी विकृति का फल चन्द्रमा के शृंगों का फल चन्द्रशृंग एवं अन्य चन्द्रोत्पातों द्वारा फल शिवलिंगों के विवाह और सवारियों के वार्तालाप का फल मंगल कलश के अकारण विध्वंस का फल नवीन वस्त्रों के अकारण जलने का फल मांसभक्षी पक्षियों की विकृति का कथन जिस सवारी पर जा रहे हो, उनके विकृत होने का फल दाहिनी ओर, बायीं ओर तथा मध्य में सवारी के भंग होने का फल घोड़ों के उत्पातों द्वारा फल का कथन नक्षत्रों के उत्पात का फलादेश सवारी, सेना आदि के विनाश सूचक उत्पात उत्पातों की विचार की अत्यावश्यकता उत्पातों के भेदों और स्वरूपों का विवेचन प्रतिमाओं के उत्पातों का विचार इन्द्रधनुष के उत्पात का फल आकाश सम्बन्धी उत्पात भूमि पर प्रकृति विपर्यय प्रसव विकार, सवारी विकार आदि का कथन रोग सूचक उत्पात धन धान्य नाश सूचक उत्पात वर्षाभाव सूचक उत्पात अग्निभय सूचक उत्पात राजनैतिक उपद्रव सूचक उत्पात वैयक्तिक हानिलाभ सूचक उत्पात नेत्र स्फुरण अंगस्फुरण-अंग फड़कने का फल
402
405
406
406
406
408
410
410
411
412 412
413
413
414