Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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अनुयोगचन्द्रिका टीका सूत्र १८६ तद्धितनामनिरूपणम् नेह पण्यं विवक्षितम् । विग्रहस्तु तृणभारः पण्यमस्येति बोध्यः। एवं काष्ठभारिकादावपि विग्रहो बोध्यः । 'नदस्य पण्यम्' (पा. ११४५१) इति सूत्रेण ठक् प्रत्यये सिद्धिः । तथा-शिल्पार्थ दिलमत्ययेन यन्नाम निष्पद्यते तत् शिल्पनाम । उदा. हरणमाह-'तुन्निए' इत्याद। तुन्नं शिल्पमस्येति तौग्निकः। वयन=सूत्राणां कप्पासिए, भंडालिए, कोलालिए) तार्ण भारिक, काष्ठभारिक, पात्रभारिक, दौष्यिक, सौत्रिक, कार्पासिक, भाण्डवैचारिक, कौलालिक ये सब (कम्मणामे ) कर्म नाम हैं । कर्म शब्द यहां पण्य "बेचने योग्य पदार्थ) इस अर्थ में आया है । "तृगभारः पण्यं अस्थ" ताणभारिकः" इसका ऐसा विग्रह है । इसी प्रकार का विग्रह "काष्ठभारः पण्यमस्य काष्ठभारिकः" पात्रभारः पण्यमस्य पात्रभारिकः" इत्यादि नामरूप शब्दों को भी जानना चाहिये। " तदस्य पण्यं" इस सूत्र से इन सब में ठक् प्रत्यय हुआ है। ठक् को इकू होकर तब ये तार्ण भारिक आदि नामरूप शब्द निष्पन्न हुए हैं । (से किं तं सिप्पनामे ?) हे भदन्त ! शिल्प नाम क्या है ? अर्थात् शिल्पार्थ में तद्धिन प्रत्यय के करने से जो नाम निष्पन्न होता है, वह कैसा होता है ?
उत्तर-(सिप्पनामे) शिल्पार्थ में तद्वित प्रत्ययठक के करने पर जो नाम निष्पन्न होता है वह शिल्प नाम है और वह इस प्रकार से है-(तुगिए, तंतुवाइए, पट्टकारिए, उच्चहिए, वरुंडिए, मुंजकारिए, भंडवेआलिए, कोलालिए) तामा४ि, पात्रमाRe, allous, सौत्रित, अपासिड, मवैयारिख, सालिs भास (कम्माणामे) भनामा छ. भ.vg मही ५५५ मेटले है क्या ४ पहा " तृणभारः पण्य अस्य, तार्णभारिकः " मा श७४न। विडमा प्रभारी थशे. मा प्रमाणे "काष्टभारः पण्यम् अस्य काण्टभारिकः पात्रभारः पण्यम् अस्य पात्रभारिक:'' पोरे नाम ३५ शहोमi ५५ युन. 'तदस्य पण्य " म। सूत्रथा साधा शहोमi 'ठक्' प्रत्यय यो छ. ' ठक्' २ 'इकु' प्रत्यय ये! छे तथा मा 'तार्णभारिक' पोरे शह नियन्न च्या छ. (से कि त सिप्पनामे?) 3 ભદંત ! શિલ્પ નામ એટલે શું? અર્થાત્ શિલ્પાર્થમાં તદ્ધિત પ્રત્યય લગાડ વાથી જે નામ નિષ્પન્ન થાય છે, તે કેવું થાય છે?
उत्तर-(सिप्पनामे) शिल्पा भi तद्धित प्रत्यय 'ठ' ४२वाथी २ नाम निपन्न थाय छे, ते शि५म छ भने ते मी प्रमाणे छे. (तुण्णिए, तंतुवा. इए पट्टकारिए उबट्टिए, वरुंडिए, मुंजकारिए, कटुकारिए, छत्तकारिए, वज्झकारिए,
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