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व्याख्यान ५: ।
हूँ, तुम्हारा तो अभी यहीं पर रखना उचित है इसे यहीं पर रहो। यदि तुम्हारे इस गर्भ से पुत्र उत्पन्न हो तो उसका नाम अभय रखना। यह सुन कर सुनन्दाने कहा कि-जब वह पुत्र आठ वरस की आयु का हो और मुझे उसके पिता का पत्ता पूछे तब मैं क्या उत्तर दूँ ? यह सुन कर श्रेणिकने खड़िया ( Chalk ) से भारवट पर इस प्रकार अक्षर लिखे कि:
"राजगृहे पालिगाम गोवालि धवले टोडे घर कहीया"
राजगृह नगर में उस गांव के गवाल ( राजा) हम हैं और उज्वल टोडावाले ( राजमहल ) हमारा घर है इस प्रकार कहना।
इस विषय में धर्मोपदेशमाला में निम्न लिखित श्लोक है:
गोपालकाः पाण्डुरकुड्यवन्तो, वयं पुरे राजगृहे वसामः । आहृवानमंत्रप्रतिमानितीमान् , वर्णान् लिखित्वार्पयति स्म चास्यै ॥१॥ भावार्थ-गो का पालन करनेवाले और श्वेतवर्ण की
१ पृथ्वी का पालन करनेवाला राजा, दूसरा अर्थ · गाय का पालन करनेवाला ग्वाल।