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मिथ्यात्विक्रियाधिकारः ।
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निर्जराकी करनी करके कोई मोक्षमार्गकी आराधना करने वाला कदापि नहीं हो सकता । ऐसी दशा में संवर रहित निर्जराकी करनीको वीतरागकी आज्ञामें ठहरा कर उस करनीसे मिथ्यादृष्टि अज्ञानीको मोक्षमार्गका देशाराधक कहना उत्सूत्र भाषण करनेवालोंका काय्य समझना चाहिये ।
बोल पाचवां ।
( प्रेरक )
संबर रहित निर्जरा की करनी मोक्ष मार्ग के आराधन में नहीं है इसलिए उस करनी से कोई मोक्ष मार्ग का आराधक नहीं हो सकता यह मुझे ज्ञात हुआ । परन्तु किसी मूलपाठ में संवर रहित निर्जरा की करनीकरनेवाले को मोक्ष मार्गका आराधक न होना स्पष्ट लिखा हो तो उसे भी बतलाइये ।
( प्ररूपक )
वाई सूत्र के मूलपाठों में संवर रहित निर्जरा की करनी करने वाले जीवों को अलग अलग गिन कर उन्हें मोक्ष मार्ग का आराधक न होना स्पष्ट लिखा है। वे पाठ यहां दिये जाते हैं ।
"जीवेणं भन्ते ! असंजए अबिरए अपडियपचक्खाय पाव कम्मे इओचुए पेच्चा देवेसिया ? गोयमा ! अत्थे गइया देवेसिया अत्थे गइया णो देवेसिया । सेकेणट्ठणं भन्ते ! ऐवं वुबह अत्येगइया देवेसिया अत्थेगइया णो देवे सिया ? । गोपमा ! जेइमे जीवा गामागर णयर निगम रायहाणि खेड कव्वड मडंव दोणमुह पहणासम संवाह सण्णिवेसेसु अकामतण्हाए अकामनुहाए अकामवंभer वासेणं अकामअण्हाण सीय ताव दंस मसग सेय जल्ल मल पङ्क परितावेणं अप्पतरो वा भुज्जतरोबा कालं अप्पाणं परिकिले सन्ति, अप्पतरोवा भुज्जतरोवा कालं अप्पाणं परिकिलेसित्ता काल मासे कालं किचा अण्णयरेसु वाणमंतरेसु देवलोएस देवत्ताए उबव तारो भवति । तहिं तेसिं गतो तहिं तेसिं ठोति तर्हि तेसिं उबनाए पण्णत्ते । तेसिंणं भन्ते ! देवाणं केवइयं कालं ठीई पण्णत्ता गोयमा 1 दसवाससहस्साइं ठिई पण्णत्ता । अत्थिणं भन्ते ! तेसिं देवाणं
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