________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अतुल
124
अतो
311.
यह दो प्रकार की है 1. अनिबद्धचारिका तथा 2. अतुल्य' त्रि., [अतुल्य], तुलना न करने योग्य, अनुपम, निबद्धचारिका.
सबसे ऊपर, परमश्रेष्ठ - मग्गक्खायी कथं अतुल्यो होति, अतुल' त्रि., निषे०, ब. स. [अतुल], अनुपम, बेजोड़, अद्वितीय, सु. नि. 85; सो बोधिसत्तो रतनवरो अतुल्यो, सु. नि. 688; अतुलनीय, अमोघ - कस्मा समुद्दो अतुलो अपेय्यो, जा. बु. वं. में 'अतुलियो' रूप में भी प्राप्त - अप्पमाणो अतुलियो अट्ठ. 7.58; दानं सहत्था अतुलं ददित्वा सङ्घ, पे. व. 254; ..... बु. वं. 14.32; तुल. अतुलिय, अतुल्ल; - ल्याकार अतुलन्ति अप्पमाणं उळारं पणीतं, पे. व. अट्ठ. 96; पसन्नचित्ता त्रि०, ब. स., [अतुल्याकार], आकार अथवा स्वरूप में अतुलाय पीतिया, वि. व. 299; अतुलायाति अनुपमाय, अनुपम - अनुलोमञाणानं अतुल्याकारतो. उदा. अट्ठ. 29; अप्पमाणाय, वि. व. अट्ठ. 104; - लानुभाव त्रि., ब. स., - दस्सन त्रि., [अतुल्यदर्शन], अनुपम सुन्दरता वाला - अतुलनीय प्रभाव अथवा महिमा वाला - हन्द च ठानं सङ्कपमं सेतमतुल्यदस्सनं, जा. अट्ठ. 5.392. अतुलानुभावं, मया सह दक्खसि एहि कत्ते, जा. अट्ठ. अतुल्य व्य. सं., पु., सात चक्रवर्तियों का नाम - अतुल्या 7.210; - तेज त्रि., ब. स., [अतुलतेज], अतुलनीय सत्त आसु ते, अप. 1.275; पाठा. अतुला. अथवा अनुपम तेज वाला - भिक्खू ... अतुलतेजा .... मि. अतुल्ल त्रि., [अतुल्य]. उपरिवत्, - अमितयसो अतुल्यो, प. 311; - बल त्रि., ब. स. [अतुलबल]. अतुलनीय बल जा. अट्ठ. 4.91, तुल. अतुल्य, अतुलिय. वाला - अतुलबला ... ; मि. प. 311; - यस त्रि., ब. स., अतेकिच्छ त्रि., तेकिच्छ का निषे. [अचिकित्स्य]. 1. [अतुलयश], अनुपम कीर्तिवाला - अतुलयसा, मि. प. चिकित्सा न करने योग्य, उपचार द्वारा स्वस्थ न होने
योग्य, असाध्य रोगी- त्वं मूलोसधादीहि अतेकिच्छो, जा. अतुल' व्य. सं., 1. एक पुराने चिकित्सक का नाम - अतुलो अट्ठ. 2.180; अत्तनो वा परेसं वा परिसकारेन अतेकिच्छ पुब्बकच्चायनो, मि. प. 253; 2. श्रावस्ती के एक उपासक जानेय्य, जा. अट्ठ. 4.203; 2. नहीं बच सकने योग्य, का नाम- अतुलं नाम उपासक आरब्भ कथेसि,ध. प. अट्ठ. अनिवर्त्य, पूर्णरूप से पापमग्न - देवदत्तो आपायिको नेरयिको 2.189; 3. दो भिन्न-भिन्न बोधिसत्त्व नागराजाओं का नाम - कप्पट्ठो अतेकिच्छो, चूळव. 342; पञ्च आपायिका नेरयिका अतुलो नाम नागराजा अहोसि, जा. अट्ट, 1.44; 4. आम्र के परिकुप्पा अतेकिच्छा, अ. नि. 2(1).138; अतेकिच्छाति एक वृक्ष का नाम - अतुलं नाम अम्बं मापेत्वा, जा. अट्ठ. अकत्तब्बपरिकम्मा, अ. नि. अट्ठ. 3.47. 4.289-90; 5. एक अथवा अनेक थेरों का नाम - सो पन अतेजवन्तु त्रि., तेजवा का निषे. [अतेजवान अथवा ... अतुलवंसथेरस्स सिको, सा. वं. 100; 6. एक विहार का अतेजस्विन्], वह जो तेजस्वी नहीं है, दुर्बल, मन्द - नाम - चतुभूमिकअतुलविहारं कारापेत्वा .... सा. वं. 104; तेजस्सिनं हन्ति अतेजवन्तो, जा. अट्ठ. 5.165... - भूमिवास एक विहार का नाम -- ... कारापितं अतुलभूमिवासं अतेल त्रि. तेल का निषे., ब. स. [अतैल], तेल से रहित, नाम विहारं .... सा. वं. 122.
बिना तेल का - पवना आभतं पण्णं, अतेलञ्च अलोणिक, अतुलित त्रि., तुलित का निषे. [अतुलित], वह, जिसे तौला । चरिया. 372; अलोणं अतेलं अफाणितं कुम्मासं, जा. अट्ठ. न गया हो, परीक्षित न किया गया हो, जांचा न गया हो - 3.360; पाठा. अस्नेहं; - त्त नपुं॰, भाव. [अतैलत्त्व], अतुलितन्ति तुलाय तुलितं विय न तुलितं, महानि. अट्ट. तेलरहित होने की अवस्था - न पन ... सिनेहस्स अतेलत्तं 301;
वदाम, सद्द. 2.563. अतुलिय त्रि., तुल्य का निषे॰ [अतुल्य], नहीं तौले जाने अतेव अ०, निपा. क्रि. वि., [अतीव], अत्यधिक, बहुत अथवा मापे जाने योग्य, अमूल्य, अनुपम, बेजोड़ - अकम्पियं अधिक, प्रचुरता से - अतेव मे ... अच्छरियन्ति अतिविय मे अतुलियं, ... धम्म, थेरीगा. 201; गुणतो एत्तको ति तुलेतुं । अच्छरियं, जा. अट्ठ. 7.295; प्रायः तृ. वि. के साथ अधिक असक्कुणेय्यताय अत्तना सदिसस्स अभावतो च अतुलियं, प्रयोग -- अतेवजेहि मासेहि, जा. अट्ठ. 5.56; अतेव , मो. थेरीगा. अट्ठ. 191; भिक्खुभावो ... अतुलियो अप्पमाणो व्या. 1.29. अनग्घियो, मि. प. 185; - गुण त्रि०, ब. स., अतुलनीय अतो इम का प. वि., प्रतिरू. निपा. [अतः], क. इसलिए, गुणों वाला - यो खो ते, महाराज, भिक्खू ... अतुलगुणा यहां से, इस स्थान से, इस बात से, इस कारण से, इससे अतुलयसामि. प. 311, पाठा. अतुल्य अथवा अतुल्ल. - अतो सरा निवत्तन्ति, स.नि. 1(1).18; अतो मता देववरेन
For Private and Personal Use Only