________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अन्तरचक्क
अन्तरचक्क नपुं., [अन्तरचक्र], प्राचीन काल की एक विद्या का नाम, ज्योतिषशास्त्र की एक विशेष शाखा, जिसमें चक्र के आन्तरिक भागों को विभक्त कर फलाफल का निर्धारण होता था जोतिसं लोकायतिकं साचक्कं मिगचक्कं अन्तरचक्क मिस्सकुष्पाद सकुणरुतरवितं सिक्खा करणीया. मि. प. 174.
अन्तरचर त्रि. [अन्तश्चर ], भीतर की ओर गतिशील, अन्दर की ओर चलने वाला या फैल जाने वाला छट्टो अन्तरचरो वधको उक्खित्तासिको पिट्टितो पिड़ितो पातेस्सामीति, स.नि. 2 (2).177; छट्टो अन्तरचरो वधकोति पठमं आसीविसेहि अनुबद्धो इतो चितो च ते वञ्चेन्तो पलायि, स.नि.
...
www.kobatirth.org
-
329
अट्ठ. 3.56. अन्तरट्टालक पु.. कर्म, स. मध्यवर्ती निरीक्षण-स्तम्भ, बीच वाली अट्टालिका तथा अनुपाकारञ्च द्वारट्टालके अन्तरट्टालके उदकपरिखं... परिखायो कारेसि, जा. अट्ठ
6.220.
अन्तरद्रुक क. पु. अ. के अनुसार माघ एवं फाल्गुन मासों के मध्य में पड़ने वाला आठ दिनों का वह काल, जिसमें माघ के अन्तिम चार दिन तथा फाल्गुन के प्रारम्भ वाले चार दिन अन्तर्भूत रहते हैं सीता, भन्ते हेमन्तिका रति अन्तरद्वको हिमपातसमयो, अ. नि. 1(1).161; अन्तरद्वकोति माघफग्गुणानं अन्तरे अट्ठदिवसपरिमाणो कालो, माघस्स हि अवसाने चत्तारो दिवसा फग्गुणस्स आदिम्हि चत्तारोति अयं अन्तरट्ठको ति वुच्चति, अ. नि. अट्ठ. 2.116; उदा. अड. 59... सीतासु हेमन्तिकासु रत्तीसु अन्तरहके हिमपातसमये गया ... इमिना सुद्धीति, उदा. 75; रत्तियो सीता हेमन्तिका अन्तरद्वका हिमपातसमया तथारूपासु रतीसु रति अब्भोकासे विहरामि म. नि. 1.113. ख. त्रि, आधुनिक कोशकारों के अनुसार प्रत्येक मास की पूर्णमासी के बाद के आठ दिनों का समुच्चय अट्टक है अतः शब्द का अर्थ 'इस समुच्चय के बीच में आने वाली या पढ़ने वाली रात किया गया है.
अन्तरतो अ.. क्रि. वि. [ अन्तरतः ]. भीतर में, आन्तरिक रूप में, चित्त या चेतना के स्तर पर यस्सन्तरतो न सन्ति कोपा, इतिभवाभवतञ्च वीतिवत्तोति, सु. नि. 6; ततो यस्सन्तरतो न सन्ति कोपाति ततिय मग्गेन समूहतत्ता यस्स वित्ते न सन्ति कोपाति अत्थो, सु. नि. अ. 1.18; भयमन्तरतो जातं तं जनो नाववुज्झति अ. नि. 2 ( 2 ) 234: अन्तरतो जातन्ति अब्भन्तरे उप्पन्नं, अ. नि. अट्ठ. 3.179.
अन्तरधान
अन्तरदीप पु०, कर्म, स० [ अन्तरद्वीप ], नदी की धारा के बीच में स्थित टापू या द्वीप यत्थ गोदावरी द्विधा भिज्जित्वा तियोजनष्यमाणं अन्तरदीपमकासि सु. नि. अनु. 2.270: ये ओकास अन्तरदीपं अकासि सु. नि. अ. 1.23 वासी त्रि.. द्वीप में निवास करने वाला - एवं काले गच्छन्ते एकदिवस अन्तरदीपकवासी एको इद्धिमन्ततापसो... आकासे
उपरिभागं ओतरि जा. अ. 4.429 पाठा. अन्तरदीपकवासी.
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
-
-
अन्तरदीपक पु. नदी की धारा के बीच में निकला हुआ छोटा सा टापू या द्वीप नदीविदुग्गन्ति नदीनं दुग्गमद्वानं अन्तरदीपक, यत्थ सक्का होति सद्धि निलयितुं अ. नि. अह. 2.136 द्वे जयम्पतिका एक फलक गहेत्वा अन्तरदीपकं पविसिंधु सेसा सब्बे तत्येव मरिसु ध. प. अड. के सप्त वि., ए. व. 2.75; तासम्पि वचनं अकत्वा परतो गच्छतो अन्तरदीपके एक यक्खनगर अस, जा. अट्ठ. 1.235; एहि, सम्म, अन्तरदीपके महाफले खादितुं गच्छामा 'ति, जा० अट्ठ 3.113.
अन्तरद्वारे अ., क्रि. वि., दो द्वारों के बीच में, द्वारों के बीच
में से, द्वार के सामने - अरे बाल, ब्राह्मण, किं तव जातका अन्तरद्वारे कहापणं ठपेन्ति, परतो मं हरा ति म. नि. अड. ( मू०प०) 1 ( 1 ).327; नगरतो बहि गच्छन्तो अन्तरद्वारा दसबलं दिस्वा पादेसु पतित्वा ..... जा. अट्ठ. 1.296. अन्तरघा अदर्शनार्थक अन्तर या धातु अन्तरधा अदस्सने
-
सद्द. 2.481.
अन्तरधान नपुं. अन्तर + √था से व्यु. क्रि. ना. [ अन्तर्धान]. शा. अ. अचानक अदृश्य या तिरोहित हो जाना, अकस्मात् दृष्टिपथ से ओझल हो जाना यदि एवं कथं समिञ्जनादिनिदस्सनं? तं अन्तरधाननिदस्सनन्ति गहेतब्ब उदा. अड. 138; तिरोधानअन्तराधानपिधानच्छादनानि थ अभि. प. 51; अथ नेसं सत्थुनो अन्तरधानं होति, दी. नि. 3.90, अन्तरायायाति लोकुत्तरकुसलधम्मानं अन्तरायाय अन्तरधानाय लोकियकुसलधम्मानं परिच्चागाय, महानि. अ. 51; ला. अ. क. एक जन्म से बिलग हो दूसरे जन्म का ग्रहण चुति चवनता, भेदो अन्तरधानं मच्चु मरणं किरिया म. नि. 1.62 रूपस्स खयो वयो भेदो परिभेदो अनिच्चता अन्तरधान छ, स. 644 अन्तरधायति एत्थाति अन्तरधानं ध. स. अट्ठ. 361; ला. अ. ख. क्रमशः हो रहा क्षय, अपक्षय या हानि न ताव, कस्सप, सद्धम्मस्स अन्तरधानं होति याव न सद्धम्मप्पतिरूपकं लोके उप्पज्जति, स. नि. 1 ( 1 ) . 203
For Private and Personal Use Only