Book Title: Pali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Author(s): Ravindra Panth and Others
Publisher: Nav Nalanda Mahavihar

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Page 719
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir असारज्जना 692 असाहस असारकेसु, जा. अट्ठ. 2.135; असारकेसूति निस्सारेसु पालिभद्दकसिम्बलि आदीसु..., जा. अट्ठ. 2.135; - कं नपुं.. प्र. वि., ए. व. - ... बन्धनेन ... अबलं बन्धन, दुब्बलं बन्धन, पूतिक बन्धनं, असारकं बन्धनान्ति, म. नि. 2.121-122; 2. आत्म एवं आत्मीय-भाव के रूप में परिकल्पित सारतत्त्व से रहित (रूप, वेदना, संज्ञा, संस्कार, विज्ञान नामक स्कन्ध, लोक एवं धनसम्पदा आदि)- कं नपुं., प्र. वि., ए. व. - असारक व खायति, स. नि. 2(1).127; - तो प. वि., ए. व. - असारकतो अवसवत्तनतो परतो रित्ततो तुच्छतो सुञतो च सब्बे धम्मा अनत्ता ति, उदा. अट्ठ. 191. असारज्जना स्त्री., सं. + रज से व्यु., क्रि. ना. का निषे. [असंरञ्जन, नपुं.], अनासक्ति, राग से विनिर्मुक्त होना - ज्जना प्र. वि., ए. व. - ... असारागो असारज्जना असारज्जितत्तं .... ध. स. 32; 312; 315. असारज्जितत्त नपुं॰, भाव. [असंरञ्जनत्व]. अनासक्तिभाव, राग से मुक्त रहने की अवस्था - तं प्र. वि., ए. व. - .... असारागो असारज्जना असारज्जि तत्तं ध. स. 32, 312, 315. असारत्त त्रि., सं. + रज के भू. क. कृ. का निषे० [असंरक्त], लगावों से मुक्त, राग या आसक्ति से रहित - त्तो पु., प्र. वि., ए. व. -- अविरुद्धो असारत्तो, पाणेसु तसथावरे, सु. नि. 709; अत्तपक्खियेसु असारत्तो, सु. नि.. अट्ठ.2.192. असारद त्रि., सारद का निषे. [अशारद], शा. अ. शरद ऋतु में तैयार न होने वाला, शरद ऋतु में न उगने वाला, ला. अ. निरर्थक या सूखे हुए अनाजों का बीज, पुआल - दानि नपुं.. प्र. वि., ब. व. - बीजानि... खण्डानि पूतीनि वातातपहतानि असारदानि असुखसयितानि, दी. नि. 2.260; असारादानीति तण्डुलसारादानरहितानि पलालानि, दी. नि. अट्ठ. 2.362. असारदस्सी त्रि., [असारदर्शिन]. (किन्हीं धर्मो में) सार न देखने वाला, असार समझने वाला - स्सिनो पु०, प्र. वि., ब. व. - असारे सारमतिनो, सारे चासारदस्सिनो, ध. प. 11; चासारदस्सिनोति दसवत्थुका सम्मादिट्ठी, तस्सा उपनिस्सयभूता धम्मदेसनाति ... तस्मिं 'नायं सारो ति असारदस्सिनो, ध. प. अट्ठ. 1.66. असारद्ध त्रि, सं. + रभ के भू. क. कृ. का निषे० [असंरब्ध], उद्वेग से रहित, उत्तेजना-रहित, तृष्णा एवं द्वेष से रहित - द्धो पु., प्र. वि., ए. व. - पस्सद्धो कायो असारद्धो, पारा. 4; असारद्धोति सो च खो परसद्धत्तायेव असारद्धो, विगतदरथोति वुत्तं होति, पारा. अट्ठ. 1.103; यस्मा असारद्धो कायो लहुको होति, विसुद्धि. 1.271; - काय त्रि., ब. स. [असंरब्धकाय], उद्वेग या उत्तेजना से मुक्त शान्त शरीर वाला - यो पु.. प्र. वि., ए. व. - असारद्धकायो नु खो बहुलं विहरामि, अ. नि. 3(2).78. असारम्भिता स्त्री॰, भाव., उत्तेजित या उद्वेग से युक्त नहीं होना, उद्विग्नता का अभाव, अव्याकुलता - ता प्र. वि., ए. व. - ... अच्छम्भिता असारम्भिता अनुस्सङ्किता .... खु. पा. अट्ठ. 24. असाराग पु., साराग का निषे., तत्पु. स. [असंरञ्जन, नपुं], राग का अभाव, विराग, अनासक्ति -- गो प्र. वि., ए. व. - ... असारागो असारज्जना .... ध. स. 32; 312; 315; -धम्म त्रि., ब. स. [असरञ्जनधर्मन], स्वभाव से ही राग में ग्रसित न होने वाला, रागमुक्त प्रकृति वाला - म्म नपुं.. प्र. वि., ए. व. - असारागधम्म मे चित्तन्ति पआय चित्तं सुपरिचितं होति, अ. नि. 3(1).212; असारागधम्मन्ति न सरज्जनसभावं, अ. नि. अट्ठ. 3.273. असारुप्प क. त्रि., [असारूप्य], असमान या भिन्न स्वरूप वाला, अननुरूप, अलग तरह का, अनुपयुक्त, अनुचित - प्पं नपुं.. प्र. वि., ए. व. - इधेव मया अक्खीनि उप्पाटेत्वा दातुं असारुप्पन्ति, जा. अट्ठ. 4.362; ख. नपुं.. अनुचित कार्य - प्पेन तृ. वि., ए. व. -- इमिना नं असारुप्पेन वा खलितेन वा सङ्घमज्झे निग्गहिस्सामीति .... ध. प. अट्ठ. 1.309. असाहस' त्रि., ब. स. [असाहस]. दुस्साहस भरे काम न करने वाला, बिना सोचे-विचारे काम न करने वाला, राग, द्वेष एवं मोह के दुष्प्रभाव के वश में होकर काम न करने वाला - सो पु., प्र. वि., ए. व. - अनुन्नतेन मनसा, अपळासो असाहसो, अ. नि. 1(1).229; असाहसोति रागदोसमोहसाहसानं वसेन असाहसो हुत्वा. ..., अ. नि. अट्ठ. 2.182; - सं पु., द्वि. वि., ए. व. - असाहसन्ति धम्मिकविनिच्छये ठितत्तायेव साहसिककिरियाय विरहितं जा. अट्ठ. 3.282. असाहस नपुं., साहस का निषे., तत्पु. स., प्रायः तृ. वि., ए. व. में क्रि. वि. के रूप में प्रयुक्त [असाहसेन], दुस्साहस भरी मनोवृत्ति से बिलग होकर, शील के आचरण से युक्त होकर, धर्म के अनुसार, शान्तभाव के साथ, अहिंसक भाव के साथ - धम्मेन जिस्साम असाहसेन जा. अट्ठ. 7.173; धम्मेनेव नो असाहसेन जयो होतु, तदे.; असाहसेन धम्मेन, For Private and Personal Use Only

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