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अब्भञ्जनदायक
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अब्मनुमोदति
अब्मञ्जनदायक पु., दो स्थविरों के लिये प्रयुक्त उपाधि या व. - नामतीतहरो सोको, नानागतसुखावहो, ... तत्थ उपनाम -- को प्र. वि., ए. व. - इत्थं सुदं आयस्मा नामतीतहरोति नाब्भतीताहारो, अयमेव वा पाठो, सोको नाम अब्भञ्जनदायको थेरो इमा गाथायो अभासित्थाति, अप. अब्मतीतं अतिक्कन्तं निरुद्धं अत्थङ्गतं पुन नाहरति, जा. 1.250; इत्थं सुदं आयस्मा अब्भजनदायको थेरो इमा __ अट्ठ. 3.145. गाथायो अभासित्थाति, अब्भञ्जनदायकत्थेरस्सापदानं चतुत्थं अब्मत्त त्रि., अभि + अञ्ज का भू. क. कृ. [अभ्यक्त], वह, अप. 2.102.
जिसका उबटन किया गया है या जिसके शरीर पर तेल अब्मजापेत्वा अभि + अञ्ज के पू. का. कृ. का प्रेर.. की मालिश की गयी है - त्तो पु., प्र. वि., ए. व. - उबटन लगवा कर, तेल की मालिश कराकर - परिसद्धसरीरं कुच्छिसञमनब्भन्तोति कुच्छिसंयमसङ्घातेन मितभोजनमयेन सहस्सपाकतेलेन अब्भजापेत्वा सयनपिढे एळकचम्म । तेलेन अब्भन्तो, जा. अट्ठ. 7.143. सन्थरापेत्वा .... जा. अट्ठ. 3.329.
अब्भत्थं अ., क्रि. वि., केवल 'गच्छति के साथ ही प्रयुक्त अब्मति अब्भ (गत्यर्थक) का वर्त., प्र. पु., ए. व. [अभ्रति]. [अभ्यस्त], शा. अ. घर की ओर जाता है, ला. अ. अस्त जाता है, इधर-उधर घूमता है - अब्मति, अब्भो, वभति, हो जाता है, डूब जाता है, क्षीण हो जाता है, अदृश्य हो मभति, ... सो हि अमति अनेकसतपटलो हत्वा गच्छती ति जाता है - भिक्खवे, पटिसञ्चिक्खतो अब्भत्थं गच्छति, म. अब्भो ति वुच्चति, सद्द. 2.407.
नि. 1.163; अब्भत्थं गच्छतीति खयं नत्थिभावं गच्छति, म. अब्मतिक त्रि., [अभ्यतिक/अभ्यधिक], अधिक श्रेष्ठ, ऊंची। नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).395; एवं अकुसलापिधम्मा एकलक्खत्ता श्रेणी या पद वाला, अधिक सम्मानित - को पु., प्र. वि., पहानं अब्भत्थं गच्छन्ति, नेत्ति. 28; - गत त्रि., अस्त हो ए. व. - समानसा होथ मयाव सब्बे, कोनीध हो अमतिको चुका, समाप्त हो चुका, डूब चुका, क्षीण हो चुका, शान्त हो मनुस्सो, जा. अट्ठ. 7.185; इध राजकुले तुम्हेहि अओ को नु। चुका - तो पु., प्र. वि., ए. व. - सन्तो निरुद्धो अत्थंगतो रुओ अब्भतिको मनुस्सो ति अत्तनो आसने निसीदापेय्य, तदे.. अब्भत्थंगतो ति आदीनि पयोगानि, सद्द. 1.178; निरुद्ध अब्मतिक्कन्त त्रि., अभि + अति + कम का भू. क. कृ. निरोधेति, विगतं विगमेति, खीणं खेपेति, अत्थङ्गतं अत्थङ्गमति, [अभ्यतिक्रान्त, बहुत पहले ही इस लोक को पार कर अब्भत्थङ्गतं अब्भत्थङ्गमेतीति?, कथा. 464; इमम्हि लोके चुका, विदा हो चुका, मृत - ता पु., प्र. वि., ब. व. - ये विनीता होन्ति पटिविनीता सत्ता समिता खूपसत्ता अत्थङ्गता वुद्धा अब्भतिक्कन्ता, सम्पत्ता कालपरियायं, जा. अट्ठ.. अभत्थङ्गता अप्पिता ब्यप्पिता सोसिता विसोसिता ब्यन्तीकता, 5.372; अब्भतिक्कन्ताति इमं मनुस्सलोकं अतिक्कन्ता, तदे.. विभ. 219; ध. स. अट्ठ. 214. अब्मतीत त्रि., अभि + अति + Vइ का भू. क. कृ. [अभ्यतीत]. अब्मत्थता स्त्री., अभत्थ का भाव [अभ्यस्तता], अदृश्यता, क. कर्म. वा., वह, जिसका उल्लंघन किया गया है या विलुप्तता, मृत्यु - तं द्वि. वि., ए. व. - अभुत्तपरिभोगेन, अतिक्रमण किया गया है - तो पु., प्र. वि., ए. व. - बद्धा सब्बे अब्भत्थतं गता, ... अब्भत्थतं गताति सब्बे मरणमेव कुलीका मितमाळकेन, अक्खा जिता संयमो अब्मतीतो, जा. पत्ता, जा. अट्ठ. 5.466. अट्ठ. 3.477; अब्मतीतो जीवितवृत्तिं निस्साय पब्बजन्तेनेव अब्मनुजानाति अभि + अनु + Vञा का वर्त., प्र. पु., ए. व. सीलसंयमो अतिक्कन्तो, तदे; ख. नपुं., वह, जिसे पार [अभ्यनुजानाति], किसी के बारे में सहमत होता है, किसी किया जा चुका है - अदि8 अब्मतीतं, बहुकेहि कप्पनहुतेहि के साथ सहमति रखता है, बात को स्वीकार करता है - अप. 1.22; ग. अकर्मक, बीत चुका - ता पु., प्र. वि., ब. किं पनायस्मा सारिपुत्तो एकच्चं अब्भनुजानाति, एकच्चं न व. -- बहुका खो, भिक्खवे, कप्पा अब्मतीता अतिक्कन्ता, स. अब्भनुजानातीति, दी. नि. 3.84-85; किं पन, बाह्मण सब्बो नि. 1(2).165; अब्भतीता च ये बुद्धा, वत्तमाना अनागता, लोको बाह्मणानं एतदभनुजानाति-इमा चतस्सो पारिचरिया अप. 1.280; - सहाय त्रि., ब. स. [अभ्यतीतसहाय], वह, पञपेन्तूति, म. नि. 2.395; किं पनानन्द, पूरणस्स कस्सपस्स जिसके साथी-सङ्गी इस लोक से जा चुके हैं - यस्स पु., सब्बो लोको एतदब्भनुजानाति इमा छळभिजातियो ष. वि., ए. व. - अब्भतीतसहायरस, अतीतगतसत्थुनो, पञआपेतु न्ति, अ. नि. 2(2).93. थेरगा. 1038; - हर त्रि.. [अभ्यतीतहर], बीते हुए समय अब्मनुमोदति अभि + अनु + vमुद का वर्त, प्र. पु., ए. व. को खींचकर सामने ले आने वाला - रो पु., प्र. वि., ए. [अभ्यनुमोदति], अनुमोदन करता है, धन्यवाद देते हुए
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