Book Title: Pali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Author(s): Ravindra Panth and Others
Publisher: Nav Nalanda Mahavihar

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Page 557
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अमरमन्तु त्त अमरभावत्थाय कतं लूखतपं. स. नि. अड. 1.149; नपुं, भाव. [ अमरत्व], अमरता, देवत्व, देवावस्था - त्तं द्वि. वि. ए. व. न चापाहं अधम्मेन अमरत्तमभिपत्थये जा. अट्ठ. 5.210; - त्ताय च. वि., ए. व. अमरत्ताय वितक्को अमरो वा वितक्को वा ति अमरवितक्को, महानि० अट्ठ. 339 :नगर नपुं., सिद्धार्थ बुद्ध के समय में राजा सम्बहुल (सम्बल) और सुमित्त की राजधानी का नाम रे सप्त. वि., ए. व. अमररुचिरदस्सने अमरनगरे नाम सम्बलो च सुमित्तो च द्वे भातरो रज्जं कारेसुं. बु. वं. अनु. 257 पुर नपुं., [अमरपुर], क. देवताओं का नगर या वासस्थान अमरपुरसदिसं सोभनं नगरं पविसित्वा... म. बो. वं. 45 ( रो०) ख. 1781 ई. में बोदोह द्वारा म्यांमा में स्थापित एक राजधानी का नाम- काळपक्खद्वादसमियं अङ्गार वारे उत्तरफग्गुणीनक्खत्तेन योगे अमरपुरं नाम महाराजद्वानीनगर मायेसि सा. वं. 122 (ना.) पुरनिकाय पु. अमरपुरनिवासी भिक्षुओं की एक विशेष शाखा के साथ जुड़ा हुआ यो पु. प्र. वि., ए. क. अमरपुरनिकायो ति तत्थेरपभवो ति सा. वं. 131 यिक त्रि. अमरपुर निवासी, भिक्षुओं की कानं पु., ष. वि., ब. व. पन सङ्घराजा महाथेरो सीहलदीपे अमरपुरनिकायिकानं भिक्खून आदिभूतो आचरियो, सा. वं. 122 ( ना० ) - पुरमापक पु०, अमरपुर नगर का निर्माण कराने वाला कस्स पु०, ष. वि., ए. व. तेसु गुणसिरीथेरो अमरपुरमापकस्स रज्ञ काले...... वं. 149 (ना.); - भाव पु०, अमर्त्यता, अमरता, अमरत्व वत्थाय च. वि., ए. व., अमर अवस्था पाने के लिए अमरंतपन्ति अमरतपं अमरभावत्थाय कतं लूखतपं. स. नि. अट्ठ. 1; भावपत्थनता स्त्री, अमर अवस्था पाने की इच्छा यच. वि., ए. व. अमरभावपत्थनताय पवत्तकायकिलेसा, सु. नि. अड्ड. 1.266. अमरमन्तु पु., [अमरमन्तृ] देवों को मन्त्रणा देने वाला, (बृहस्पति) देवों का अमात्य तारं द्वि. वि., ए. व. बुद्धियां मरमन्तारं सुद्धिया सरदम्बरं चू वं. 42.3. अमरमन्ती पु.. प्र. वि. ए. व. [ अमरमन्त्रिन्] देवों का मन्त्री या अमात्य - वत्ता सोमरमन्तीव चागवा धनदो विय, चू. वं. शाखा सा. - - - www.kobatirth.org www 530 52.38. अमरवती / अमरावती स्त्री [अमरावती ] क. इन्द्र की नगरी शक्र की नगरी मराबासारो वरसोकसारा चेवामरावती अभि. प. 21; तिया तृ. वि., ए.व. देवलोके अमरवतिया राजधानिया सिरितो अधिकतरसस्सिरीकं विय अमराविक्खेप नगर कातुकामेन ... पारा. अड. 1.35, ख. सुमेध बोधिसत्त्व का नगर तिया सप्त. वि., ए. व. नगरे अमरवतिया सुमेधो नाम ब्राह्मणो, अनेककोटिसन्निचयो पहूतधनधञ्ञवा, जा. अट्ठ. 1.4; ग. कौण्डिन्य बुद्ध के समय का एक नगर - पुन भगवा अमरवतीनगरद्वारे... बु. वं. अट्ठ. 141; अमर नाम नगरन्ति अमरन्ति च अमरवतीति च लद्धनाम नगरं अहोस बु. व. अनु. 78. अमरवर त्रि. [अमरवर] देवों में सर्वश्रेष्ठ, देवश्रेष्ठ रेहि पु. तृ. वि. ब. व. पुष्फुत्तमं अमरवरेहि सेवितं जा. अड. 5.389; अमरवरेहीति सक्कं सन्धाय वृत्तं तदे.. अमरवितक्क पु. [ अमरवितर्क] अमरत्व के विषय में विचार, अमरता के लिये तर्क-विर्तक को प्र. वि., ए. व. अमरताय वितको अमरो वा वितको अमरवितको महानि अट्ठ. 339. अमरण नपुं., [अमरण], मरण का अभाव, मृत्यु न होना - णं प्र. वि., ए. व. नत्थिं जातस्स अमरणं, स. नि. 1 (1) 129; इमस्स मरणम्पि अमरणं विय भविस्सती ति जा. अड. 6.96 - ता स्त्री. भाव, नहीं मरना, मृत्यु न होना पाणातिपाता वेरमणिया चेत्थ अङ्गपञ्चङ्ग सम्पन्नता अमरणता- एवमादीनि फलानि, खु० पा० अट्ठ 23. अमरा' स्त्री. क. एक मछली का नाम, जिसे उसकी चपल गति के कारण पकड़ना सर्वथा कठिन है न मरतीति अमरा अमरा नाम एक मच्छजाति सा उम्मुज्जननिमुज्जनादिवसेन उदके सन्धायमाना गहेतुं न सक्काति दी. नि. अट्ठ. 1.98. अमरा' स्त्री०, महौषध (महोसध) की पत्नी का नाम - पुन च कथयति महोसवरस भरिया अमरा नाम इत्थी गामके ठपिता मि. प. 196. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - For Private and Personal Use Only 11 - अमरादेवीपञ्ह पु. [अमरादेवी प्रश्न ] 112वें जातक का शीर्षक, जा० अट्ठ. 1.407 मि. प. 196-197. अमराधिप पु., [अमराधिप], देवों का राजा, देवों का स्वामी इन्द्र पो प्र. वि. ए. व. एतं हत्वा मनुरिसन्दं भवरसु अमराधिपो जा. अड्ड. 4.244. अमराविक्खेप पु. टाल-मटोल भरा उत्तर अनिश्चित या अस्पष्ट उत्तर या कथन अमराय दिट्टिया वाचाय च विक्खेपो ति अमराविक्खेयो दी. नि. अह. 1.98; अमरा नाम एका मच्छजाति, सा... गहेतुं न सक्काति एवमेव अयम्पि वादो इतोचितो च सन्धावति तदे दिहि स्त्री. भगवान बुद्ध के समय में भारत में विचारकों द्वारा गृहीत 62 मिथ्या ***

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