Book Title: Pali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Author(s): Ravindra Panth and Others
Publisher: Nav Nalanda Mahavihar

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Page 709
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir असमापत्ति 682 असमुदाचार असमापत्ति स्त्री., समापत्ति का निषे, तत्पु. स. [असमापत्ति, नो दमेतीति, तदे; ख. त्रि., ब. स. [असमृद्धिक], दरिद्र, अप्राप्ति, अलाभ, आध्यात्मिक प्रगति का अलाभ - त्ति प्र. धन एवं समृद्धि से रहित - द्धिं पु., द्वि. वि., ए. व. - वि., ए. व. - एत्थ दानि आयस्मन्तो इदञ्च वेय्याकरणं अनिद्धिनन्ति, महाराज, अनिद्धि असमिद्धि दलिद्दपुरिसं नाम इमेसञ्च धम्मानं असमापत्ति, स. नि. 1(2).108. साव ... दमेति, जा. अट्ठ. 7.368. असमापन्नपुब्ब त्रि., ब. स., पूर्वकाल में अप्राप्त, पहले नहीं असमुग्घात पु., समुग्घात का निषे०, तत्पु. स. [असमुद्घात], पाया हुआ -- ब्बा स्त्री., प्र. वि., ए. व. - न च सा समापत्ति जड़ से उखाड़ फेंकने का अभाव, समूल उन्मूलन का सुलभरूपा या तेन भिक्खुना असमापन्नपुब्बा, स. नि. अभाव, नहीं उखाड़ फेंकना - तो पु.. प्र. वि., ए. व. - यत्थ 1(2).253. असमुग्घातो तत्थ अनुसयो, नेत्ति. 66; - गत त्रि., असमास पु.. [असमास], समास या संक्षेपण का अभाव, [असमुद्घातगत], जड़ के साथ नहीं उखाड़ फेंका हुआ, व्यास, विस्तार, असंक्षेपण - स्स ष. वि., ए. व. - भवन्तो सम्पूर्णरूप से अभी तक नष्ट न किया गया - ता पु.. प्र. भवमिच्चत्थं असमासस्स भासये, सद्द. 1.249; - क त्रि., ब. वि., ब. व. - तासु तासु भूमिसु असमुग्घातगता किलेसा स. [असमासक], समासरहित, असमस्त - कं नपुं.. प्र. भूमिलद्धप्पन्नाति संत गच्छन्ती ति, अ. नि. अट्ठ. 1.372. वि., ए. व. - समासकपदञ्चेव असमासकमेव च, सद्द. ___ असमुग्घातित त्रि, [असमुद्घातित], अनुत्पातित, जड़ से 1.249; - विसय त्रि., निषे., ब. स. [असमासविषय], नहीं उखाड़ा गया, पूर्णरूप से विनष्ट न किया गया - समासों के क्षेत्र से बाहर वाला - ये पु., सप्त. वि., ए. व. किलेस पु., कर्म. स., नष्ट नहीं किया गया क्लेश - सा - असमासविसये तोपच्चयो च ..., सद्द. 1.141. प्र. वि., ब. व. - मग्गेन असमग्घातितकिलेसा पन भवग्गे असमाहित त्रि., सं + आ + vधा के भू. क. कृ. का निषे. निब्बत्तस्सापि उप्पज्जन्तीति पुरिमनयेनेव वित्थारेतब्ब, अ. [असमाहित], शा. अ. ठीक से एकजुट बनाकर नहीं रखा नि. अट्ठ. 1.372; - तुप्पन्न त्रि., कर्म. स. गया, असंगृहीत, ला. अ. आत्मनियन्त्रण से रहित, अशान्त, [असमुद्घातितुत्पन्न], पूरी तरह से नष्ट न किए जाने के अस्थिर, एकाग्रता या समाधि करने में अक्षम - तो पु.. प्र. कारण उत्पन्न - न्नं नपुं., प्र. वि., ए. व. - ..... वि., ए. व. - समाहितो आराधको होति नो असमाहितो. अ. अविक्खम्भितुप्पन्न असमुग्घातितुप्पन्नन्ति, अ. नि. अट्ठ. नि. 3(2).296; न खो पनाहं असमाहितो विभन्तचित्तो .... 1.372. म. नि. 1.26; - ता ब. व. - ये खो केचि समणा वा । असमुच्छिन्दन नपुं., समुच्छिन्दन का निषे०, तत्पु. स. ब्राह्मणा वा असमाहिता विब्भन्तचिता ..., म. नि. 1.26; - [असमुच्छेदन], पूर्णरूप से नहीं काट दिया जाना, सम्पूर्ण सङ्कप्प त्रि०, ब. स. [असमाहितसङ्कल्प], असुदृढ़ संकल्प रूप से विनष्ट न किया जाना - तो प. वि., ए. व. - न वाला, शिथिल सङ्कल्प से युक्त - प्पो पु., प्र. वि., ए. व. पन ... किलेसानं असमुच्छिन्दनतो अनिय्यानिकत्ता ... - असमाहितसङ्कप्पो, असद्धम्मरतो मगो, अ. नि. 12).27; अतुल्याकारतो. उदा. अट्ठ. 29. असमाहितसङ्कप्पोति अट्ठपितसङ्कप्पो, अ. नि. अट्ठ. 2.260. असमुच्छिन्न त्रि., सं+उ+छिद के भू. क. कृ. का निषे. असमिज्झनक त्रि., पूरा न होने वाला/वाली, सफल न। [असमुच्छिन्न], पूर्ण रूप से विनष्ट न किया हुआ - न्ना होने वाला/वाली - का स्त्री., प्र. वि., ए. व. - आसा नाम पु., प्र. वि., ब. व. - भिक्खुस्स वा भिक्खुनिया वा ... असमिज्झनका नाम नत्थि जा. अट्ठ. 3.220. चेतसोविनिबन्धा असमुच्छिन्ना, अ. नि. 3(2).15. असमिद्ध त्रि., समिद्ध का निषे. [असमृद्ध], धन एवं समृद्धि असमुट्ठित त्रि., सं + उ + vठा के भू. क. कृ. का निषे. से रहित, निर्धन, अकिञ्चन - द्धो पु., प्र. वि., ए. व. - [असमुत्थित], ऊपर उठकर नहीं आया हुआ, अनुत्पन्न, तथा समिद्धो नाथोति वुच्चति असमिद्धो अनाथोति, सद्द. अस्तित्व में नहीं आया हुआ - ता पु., प्र. वि., ब. व. 2.366. - ... अनुहिता असमुहिता अनुप्पन्ना अनुप्पन्नसेन सङ्गहिता, असमिद्धि क. स्त्री., समिद्धि का निषे., तत्पु. स. [असमृद्धि], ध. स. 1042. अभाव, असफलता, दरिद्रता, अभव्यता- सियाभावा समिद्धीसु असमुदाचार पु., सं+ उ + आ + Vचर के क्रि. ना. का किच्छे चानन्दनादिके, अभि. प. 1169; त्यम्हा अनिद्धिका निषे. [असमुदाचार], क. उचित व्यावहारिक प्रयोग में या दन्ता, असमिद्धि दमेति नो, जा. अट्ठ. 7.368; असमिद्धियेव प्रचलन में नहीं आना, व्यावहारिक प्रयोग का अभाव, ख. For Private and Personal Use Only

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