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अन्तराकम्म
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अन्तरामग्गे
अन्तराकम्म नपुं., बीच वाले समय का कर्म - ततो पट्ठाय अन्तरापरिनिब्बायी पु., निर्धारित अवधि से पूर्व ही परिनिर्वाण
इमेसं उभिन्नम्पि अन्तराकम्मं न कथितं अ. नि. अट्ट, 1.124. को प्राप्त करने वाला, आयु के प्रथमार्द्ध को बिना पार किये अन्तराकाज पु., दो भारवाहकों के बीच में लटक रहा बोझा, ही निर्वाण पाने वाला - नो चे पञ्चन्नं ओरम्भागीयानं दो भारवाहकों द्वारा ढोया जा रहा वह भार, जो दोनों के संयोजनानं परिक्खया अन्तरापरिनिब्बायी होति, स. नि. मध्य में लटक रहा हो - एकतोकाजं अन्तराकाजं सीसभारं 3(1).86; अ. नि. 2(2).213; अन्तरापरिनिब्बायीति यो .... ओलम्बकान्ति, चूळव. 258; अन्तराकाजन्ति मज्झे लग्गेत्वा आयुवेमज्झं अनतिक्कमित्वा परिनिब्बायति सो तिविधो होति, द्वीहि वहितब्बभारं चूळव. अट्ठ. 56.
स. नि. अट्ठ. 3.180; अन्तरापरिनिब्बायीति उपपत्ति अन्तराकिलेस पु., आन्तरिक क्लेश, चित्त की सन्तति में समनन्तरतो पट्ठाय आयुनो वेमज्झं अनतिक्कमित्वा एत्थन्तरे विद्यमान अकुशल चित्तवृत्तियां - यायं अरिया पञआ अन्तरा किलेसपरिनिब्बानेन परिनिबुतो होति, अ. नि. अट्ठ. 3.173; किलेस संयोजनं अन्तरा बन्धनं .... म. नि. 3.3283; अयं वच्चतीति अयं एवरूपो पुग्गलो आयुवेमज्झरस अन्तरायेव अन्तरकिलेसमेवाति अन्तरे चित्ते जातत्ता सत्तसन्तानन्तो- परिनिब्बायनतो अन्तरापरिनिब्बायीति वुच्चति, पु. प. अट्ठ. 48. गधताय अब्भन्तरभूतकिलेसमेव, म. नि. टी. (उप.प.) अन्तराबन्धन नपुं, शरीर के भीतर वाला स्नायुओं का 3.206.
बन्धन, अस्थिबन्ध - यं यदेव तत्थ अन्तरा विलिमसं अन्तरा अन्तरागङ्ग पु.. व्य. सं., श्रीलङ्का के एक बौद्धविहार का नाम हारु अन्तराबन्धनं तं तदेव तिण्हेन गोविकन्तनेन सञ्छिन्देय्य - अन्तरागङ्गसहस्स चुल्लमातिकगामक चू. वं. 44.100. ..., म. नि. 3.327. अन्तरातीत त्रि., अनन्तरातीत का अप., द्रष्ट., अनन्तरातीत ___ अन्तराभत्ते अ., सप्त. वि., प्रतिरू. निपा., भोजन-ग्रहण के अन्त..
करने के समय में, भोजन समाप्त करने से पूर्व में - दानं अन्तराधान नपुं.. अदृश्य या तिरोहित हो जाना ददमानो अन्तराभत्ते उय्याने चरितुकामा चरन्तूति आह, -तिरोधानन्तराधानपिधानच्छादनानि च, अभि. प. 51. जा. अट्ठ. 2.321; घटसतेन न्हातो विय तेजोधातु ... पत्तञ्च अन्तरान्हारु पु., शरीर के अन्दर विद्यमान स्नायु या नस - मुखञ्च धोवित्वा अन्तराभत्ते कम्मट्ठानं... परिभुजित्वा यं यदेव तत्थ अन्तरा विलिमसं अन्तरा न्हारु अन्तरा बन्धनं ... गहेत्वा आगच्छति, दी. नि. अट्ठ. 1.153-54. तं तदेव तिण्हेन ... सञ्छिन्देय्य .... म. नि. 3.327. अन्तराभव पु., मृत्यु एवं पुनर्जन्म के मध्यवर्ती अस्तित्व की अन्तरापच्चत्थिक पु., आन्तरिक शत्रु, अपने चित्त के भीतर अवस्था, पूर्वशैलीय एवं साम्मितीय बौद्ध शाखाओं की दृष्टि विद्यमान शत्रु - अन्तरामलं अन्तराअमित्तो अन्तरासपत्तो में अन्तरापरिनिब्बायी का पर्यायभूत वचन - कामभवस्स च अन्तरावधको अन्तरापच्चत्थिको, महानि. 11.
रूपभवस्स च अन्तरे अत्थि अन्तराभवोति? न हेवं वत्तब्बे अन्तरापण पु., कर्म. स. [अन्तरापण], बाज़ार की दो ..., कथा. 300; ... अन्तराभवोति पुट्ठो यस्मा दुकानों के बीच वाला स्थान, बाजार, बाज़ार के बीच वाला निरयूपगअसञ्जसत्तूपग- अरूपूपगानं अन्तराभवं न इच्छति, स्थल - तमेनं ... मनुस्सकुणपं ... अञिस्सा कंसपातिया तस्मा पटिक्खिपति, कथा. अट्ठ. 202; - कथा स्त्री॰, व्य. पटिकुज्जित्वा अन्तरापणं पटिपज्जेय्यं. म. नि. 1.38; सं., कथा. के आठवें वर्ग की दूसरी कथा का शीर्षक, कथा. अन्तरापणन्ति आपणानमन्तरे महाजनसंकिण्णं रच्छामुखं, 300-303. म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).159; सुवण्णवण्णं सम्बुद्ध, अन्तरामग्गतो अ., प. वि., प्रतिरू. निपा., बीच रास्ते से ही, गच्छन्तं अन्तरापणे, अप. 1.314.
पूरा मार्ग पार किये बिना ही - राजा काले सेनं उय्योजेत्वा अन्तरापत्ति स्त्री., कर्म. स. [अन्तरापत्ति, विनय-शिक्षा पदों अन्तरामग्गतो निवत्तापेति, अ. नि. 3(2).68. में अथवा उनके अन्दर में प्रज्ञप्त आपत्ति या भिक्षु अन्तरामग्गे अ., सप्त. वि., प्रतिरू. निपा., मार्ग पर, रास्ते द्वारा किया गया अपराध - विनये अत्थि वत्थु ..., अस्थि में ही, बीच रास्ते में, मार्ग के बीचो-बीच - अन्तरामग्गे चोरा अन्तरापत्ति, ... तत्थ एकमेको कोट्ठासो, एकमेको निक्खमित्वा एकच्चा भिक्खुनियो अच्छिन्दिसु, एकच्चा धम्मक्खन्धोति वेदितब्बो, पारा. अट्ठ. 1.23; अन्तरापत्तीति भिक्खुनियो दूसेसु, महाव. 112; सो एकदिवसं न्हानत्थिं पटिलातं उक्खिपति, आपत्ति दुक्कटस्सा ति एवमादिना न्हत्वा नत्वा आगच्छन्तो अन्तरामग्गे सम्पन्नपत्तसाखं एक सिक्खापदन्तरेसु पञ्जत्ता आपत्ति, सारत्थ. टी. 96. वनप्पत्तिं दिस्वा .... ध. प. अट्ठ. 1.3.
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