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अन्तोभूमिगत
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अन्तोवन अन्तोभूमिगत त्रि., [अन्तर्भूमिगत]. भूमि के अन्दर गाड़ मध्यवर्तिता, पांच प्रकार के दोषों में से एक - दिया गया या रख दिया गया - ..., अन्तोभूमिगतानि पन पञ्चदोसविवज्जितन्ति पञ्चमे ... नाम - थद्धविसमता, चिरतरं तिट्ठन्ति, दी. नि. अट्ठ. 2.326; म. नि. अट्ट. अन्तोरुक्खता, गहनच्छन्नता, अतिसम्बाधता, अतिविसालताति, (मू.प.) 1(1).284.
जा. अट्ठ. 1.10; पञ्चदोसविवज्जितन्ति ..... थद्धविसमता, अन्तोमज्झन्हिक पु.. [अन्तर्मध्याहिनक], मध्याह्न समय अन्तोरुक्खता, गहनच्छन्नता, अतिसम्बाधता, अतिविसालताति वाला, मध्याह्न काल का - अट्ठमे पच्छाभत्तन्ति ... पातोव इमेहि पञ्चहि दोसेहि विवज्जितं, बु. वं. अट्ठ. 88. भुत्तानं अन्तोमज्झन्हिकोपि पच्छाभत्तमेव ... वेदितब्बं उदा. अन्तोलीन त्रि., अन्तर्निष्ठ, सहज रूप में सङ्केतित, क्रमअट्ठ. 163; तेसु पातरासभत्तं अन्तोमज्झन्हिकेन परिच्छिन्नं, प्राप्त, स्वाभाविक रूप से प्राप्त - कोयं पुब्बरामो, कथञ्च .... अन्तोअरुणेन. म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(2).109; अ. नि. पुब्बरामो, का च मिगारमाता, कथञ्चस्सा पासादो अहोसीति अट्ठ. 2.191.
एतस्मिं अन्तोलीने अनुयोगे, लीन. (दी.नि.टी.) 3.33. अन्तोमण्डल नपुं., कर्म. स., बुद्ध की अतुरितचारिका का अन्तोलोहित त्रि., अन्दर ही अन्दर अत्यधिक जमे हुए रक्त तीन सौ योजनों की परिधि वाला भीतरी मण्डल या क्षेत्र - से युक्त - फरसुना पहटो विय पादो अन्तोलोहितोयेव वुत्तनयेनेव इतरेसु द्वीसु मण्डलेसु सक्कारो अन्तोमण्डले अहोसि, अ. नि. अट्ट, 1.341; विभ. अट्ठ. 402. ओसरति, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(2).55; दी. नि. अट्ठ. अन्तोवङ्क त्रि., भीतर से वक्र या टेढ़ा, आन्तरिक रूप में 1.196; तुल. अन्तिममण्डल.
नतोदर या मुड़ा हुआ - तत्थ सुदस्सनकूट सुवण्णमयं अन्तोमन त्रि., ब. स. [अन्तर्मनस्], दुःखी मन वाला, द्वियोजनसतुब्बेधं अन्तोवत काकमुखसण्ठानं तमेव सरं विषादग्रस्त मन वाला - सो दानि ... किसो ... पटिच्छादेत्वा ठितं, सु. नि. अट्ठ. 2.145; म. नि. अट्ठ. धमनिसन्थतगत्तो अन्तोमनो लीनमनो दुक्खी दुम्मनो (म.प.) 2.26. विप्पटिसारी पज्झायसि, पारा. 20; अन्तोमनोति अन्तोवङ्कगत त्रि., ब. स., शा. अ. वह, जिसने मछली अनुसोचनवसेन अब्भन्तरेयेव ठितचित्तो, पारा. अट्ठ. 1.167. पकड़ने वाला कांटा अन्दर निगल लिया है, मछली पकड़ने अन्तोमानुसक पु., कर्म. स., अपने घर के अन्दर के मनुष्य, वाले कांटे या अंकुड़ा को अन्दर कर लेने वाला, ला. अ. निजी लोग, अपने लोग - ... तं अन्तोमानुसकानं न । वह, जिसके चित्त में क्लेश रूपी कांटे विद्यमान हैं - कथेतब्बं ..., अ. नि. अट्ठ. 1.307.
अन्तोवङ्कगतो आसि, मच्छोव घसमामिसं, थेरगा. 749; अन्तोमुखं अ., क्रि. वि., भीतर से, अन्दर से, भीतरी रूप में अन्तोवङ्कगतो आसीति व वुच्चति दिद्विगतं मनोवङ्कभावतो, - आकडजियस्स धनुदण्डस्स विय पादानं अन्तोमुखं सब्बेपि वा किलेसा अन्तोति हदयवङ्कस्स अत्थो. ..... थेरगा.
कुटिलताय अन्तोवङ्कपादता, लीन. (दी. नि. टी.) 3.98. अट्ठ. 2.241. अन्तोमुट्ठिगत त्रि., [अन्तर्मुष्ठिगत], मुट्ठी के अन्दर में अन्तोवङ्कपाद त्रि., भीतर की ओर वक्र या टेढ़े पैरों वाला - विद्यमान, मुट्ठी के अन्दर पहुंचा हुआ - चित्तं न परियादाय ...तं कम्म जनो जानातूति अन्तोवङ्कपादा वा बहिवङ्कपादा वा ठस्सन्तीति ... चित्तं अन्तोमुद्विगतं करोन्तो विय परियादाय ... भवन्ति, दी. नि. अट्ठ. 3.97; आकड्ढजियस्स धनुदण्डस्स .... सोभामि. म. नि. अट्ठ (म.प.) 2.100.
विय पादानं अन्तोमुखं कुटिलताय अन्तोवङ्कपादता, लीन. अन्तोयुधनायक पु., तत्पु. स. [अन्तर्युद्धनायक], आन्तरिक (दी. नि. टी.) 3.98. सुरक्षा का प्रमुख - एवं पन चिन्तेत्वा, अन्तोयुधनायकं अन्तोवण्ट त्रि., ब. स. [अन्तर्वृन्त], भीतर की ओर मुड़े हुए अमच्चं पधानं कत्वा तेसं तेसं थेरानं ... आरोचापेसि. सा. फूलों या पत्तो के डंठल वाला - ततो सा पुप्फकञ्चुका, वं. 121(ना.).
अन्तोवण्टा बहिमुखा, अप. 1.156; थेरगा. अट्ठ. 1.192. अन्तोयुद्धविहार पु., व्य. सं., एक विहार का नाम - अन्तोवण्ण त्रि., ब. स. [अन्तर्वर्ण], भीतर में सुन्दर रूप अपरभागे ... आणं नाम भिक्खं आनेत्वा अन्तोयुद्धविहारं वाला, सद्गुणसम्पन्न, कुशलधर्मों से युक्त चित्त वाला - न नाम कारापेत्वा तस्स अदासि. सा. वं. 121(ना.).
ब्राह्मणो बहिवण्णो, अन्तोवण्णो हि ब्राह्मणो, थेरगा. 140. अन्तोरुक्खता स्त्री., अन्तोरुक्ख का भाव., वृक्षों के समूह में अन्तोवन त्रि., [अन्तर्वन], वन का भीतरी भाग - सो या ता या वृक्षों के बीच में एक वृक्ष होने की अवस्था, वृक्षों की ...निहरेय्य, अन्तोवनं सुविसोधितं विसोधेय्य, म. नि. 1.177.
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