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अनुयायी
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अनुयुञ्जीयति अनुयायति कल्याणपापकानि विचिनमानो, मि. प. 3603; परिवर्जन के आशय में) जोड़ो, स्वयं को लगा दो - मा च पञ्चालमनुयायन्ति, अकामा वसिनो गता, जा. अट्ठ. 6.226. वातातपे चारित्तं अनुयुञ्जि, म. नि. 3.42; - जित्थ अद्य., अनुयायी त्रि., अनु + Vया से व्यु. [अनुयायिन्], अनुगमन म. पु., ब. व., (निषेधा. निपा. मा के साथ मना करने के या अनुसरण करने वाला, विषयीभूत, वशवर्ती, अधीनस्थ - विशेष आशय में) उपरिवत् - मा खिड्डारतिञ्च मा निई, कथं नु यातं अनुयायि होति, अल्लञ्च पाणिं दहते कथं सो, अनुयुजित्थ झाय कातियान, थेरगा. 414; - जिस्साम जा. अट्ठ.7.207; तस्सेव अत्थं पुरिसो करेय्य, यातानुयायीति भवि., उ. पु., ब. व., हम स्वयं को पूरी तरह से लगा देंगे, तमाहु पण्डिता, तदे; यातानुयायीति पुब्बकारिताय यातस्स समर्पित कर देंगे- इतो अअस्मि रत्तिभागे वा दविसभागे पुग्गलस्स अनुयायी, जा. अट्ठ. 7.208; ...., ब्राह्मणस्सेव वा अप्पमत्ता कम्मट्ठानमनुयुजिस्सामाति, ध. प. अट्ठ. अनुयायिनो होथा ति, .... मि. प. 263; स. उ. प. के रूप 1.381; - जित्वा पू. का. कृ., पूरी तरह से स्वयं को में अनानु., जरामरणानु.. यातानु. के अन्त. द्रष्ट..
लगाकर - एको दमयन्ति रत्तिहानादीस कम्मट्ठान अनुयुञ्जति अनु + vयुज का वर्त.. प्र. पु., ए. व. अनुयुजित्वा मग्गफला ... दमेन्तोति अत्थो, ध. प. अट्ठ. [अनुयुनक्ति], क. किसी के साथ स्वयं को जोड़ देता है, 2.269; - जितब्बं त्रि., सं. कृ., स्वयं को लगाया जाना किसी का अत्यधिक सेवन करता है, किसी में अत्यधिक चाहिए, जोड़ दिया जाना चाहिए - एतहि उपासकेन अनुरक्त होता है, स्वयं को किसी में पूरी तरह से लगा देता पुब्बभागे अनुयुजितब्बं बुद्धसासनं नाम, उदा. अट्ठ. 252; है, किसी चीज का आदी बन जाता है - सुरामेरयपानञ्च, ख. स्वयं को किसी के साथ पूरी तरह से जोड़ देना अथवा यो नरो अनुयुञ्जति, ध. प. 247; अनुयुञ्जतीति सेवति । किसी बात का गम्भीर परीक्षण करना या जांचना - अन्तो बहुलीकरोति, ध. प. अट्ठ. 2.206; - न्ति वर्त, प्र. पु., ब. पु., वर्त. कृ., प्र. वि., ए. व., परीक्षण करते हुए, जांचते हुए, व. - पमादमनुयुञ्जन्ति, बाला दुम्मेधिनो जना, ध. प. 26; पूछते हुए - अथ नं भगवा अनुयुञ्जन्तो किन्ति पन ते. ते पमादे आदीनवं अपस्सन्ता पमादं अनुयुञ्जन्ति पवत्तेन्ति, अग्गिवेस्सन, कायभावना सुताति आह, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) पमादेन कालं वीतिनामेन्ति, ध. प. अट्ठ. 1.146; - जं पु., 1(2).182; - जाहि अनु., म. पु., ए. व., तुम परीक्षा करो, वर्त. कृ., प्र. वि., ए. व., पूर्णरूप से स्वयं को लगाता हुआ, प्रश्न करो- इम पब्बजितं अनुयुञ्जाही ति, महाव. 109; - स्वयं को समर्पित करता हुआ - अहोरत्तं अनुयुज, जीवितं जथ अनु., म. पु., ब. व., प्रश्न करो, परीक्षा करो - इमे अनिकामयं, स. नि. 1(1).143; - अन्तो उपरिवत् - च भिक्खू अनुयुञ्जथा ति, पारा. 254; - जितुं निमि. कृ., कम्मट्ठानं पन उग्गहेत्वा अनुयुञ्जन्तो बहुस्सुतोव, ध. प. परीक्षा करने हेतु, प्रश्न करने हेतु - इमे नाम ... सह अट्ठ. 2.70; - ज अनु., म. पु., ए. व., स्वयं को लगा दो धम्मेन अनुयुञ्जितुं समत्थो नत्थि, उदा. अट्ठ. 109. - कतपुओसि त्वं, आनन्द, पधानमनुयुञ्ज, खिप्पं होहिसि अनुयुञ्जन नपुं., अनु + युज से व्यु., क्रि. ना. [अनुयुञ्जन]. अनासवोति, दी. नि. 2.109; - जथ अनु., म. पु., ब. व., सम्पूर्ण रूप से किसी के प्रति लगाव, दृढ़ निष्ठा - अपने को पूरी तरह से जोड़ दो- सारत्थे घटथ अनुयुञ्जथ, अनुयोगोति अनुयुञ्जनं, महानि. अट्ठ. 148; 329; सारत्थे अप्पमत्ता आतापिनो पहितत्ता विहरथ, दी. नि. 2. धम्मानुयोगन्ति दानादिकुसलधम्मस्स अनुयुञ्जनं, वि. व. 107; - जस्सु अनु., म. पु., ए. व., आत्मने., उपरिवत् अट्ठ. 293; - ना स्त्री., उपरिवत् - अकम्म हेतं ... - पुब्बापररत्तमप्पमत्तो, अनुयुञ्जस्सु दळ्हं करोहि योग, किलेसयुद्धं, सदत्थमनुयुञ्जना, एतं जिनपुत्तानं करणीयं थेरगा. 413; - जेय्य विधि., प्र. पु., ए. व., स्वयं को पूरी ... पूजा करणीया. मि. प. 173. तरह से लगा दे, जोड़ दे, समर्पित कर दे - सो यानि सम्मा अनुयुञ्जीयति अनु +vयुज के कर्म. वा. का वर्त०, प्र. पु., निब्बानाधिमुत्तस्स असप्पायानि तानि अनुयुञ्जय्य, म. नि. ए. व., दूसरों द्वारा परीक्षित किया जाता है, उत्तर देने के 3.41; - जेथ उपरिवत्, आत्मने. - मा पमादमनुयुजेथ, काम के साथ जोड़ दिया जाता है - न हि, यो परेहि मा कामरतिसन्थवं ध. प. 27; मा कामरतिसन्थवन्ति अनुयुञ्जीयति, सद्द. 2.374; - जियमानो वर्त. कृ., पु., वत्थुकामकिलेसकामेसु रतिसवात तण्हासन्थवम्पि मा प्र. पु., ए. व., परीक्षित किया जा रहा, पूछा जा रहा - अथ अनुयुजेथ मा चिन्तयित्थ मा पटिलभित्थ, ध. प. अट्ठ. खो सो ... उपालिना अनुयुञ्जियमानो एतमत्थं आरोचेसि, 1.146; - जि अद्य., प्र. पु., ए. व., (निपा. 'मा' के साथ महाव. 109; अनुयुजियमानोति एकमन्तं नेत्वा
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