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अनुमित्त
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अनुमोदन अनुछमासं वा भिक्खू उपोसथत्थाय सन्निपतन्ति, ध. प. दामि वर्त, उ. पु., ए. व., मैं अनुमोदन करता हूँ - अट्ठ. 2.31; पाठा. अनुद्दमास.
धम्मिको कथिनत्थारो, अनुमोदामीति, परि. 333; - न्ति अनुमित्त पु., [अनुमित्र], द्वितीय श्रेणी का मित्र, अत्यन्त वर्त., प्र. पु., ब. व., वे अनुमोदन करते हैं - सब्बे साधारण गुणों वाला मित्र - नानुमित्तो गरुं अत्थं, गुव्हं देवानुमोदन्ति, सु. नि. 548; - दथ अनु.. म. पु., ब. व., वेदितुमरहति, जा. अट्ठ. 5.73; नानुमित्तोति अनुवत्तनमत्तेन अनुमोदन करें - अनुमोदथ तुम्हे तं तुम्हाकं च यतो मधु, म. यो मित्तो, न हदयेन, जा. अट्ठ. 5.73; विलो. सुमित्त. वं. 5.56; - दरे वर्त, प्र. पु., ब. व., आत्मने., उपरिवत् अनुमिनाति अनु + vमा का वर्त., प्र. पु., ए. व., पीछे या - पहूते अन्नपानम्हि सक्कच्चं अनुमोदरे, खु. पा. 7.4 (पृ.) 8; बाद में मापता है अर्थात् मूल्याङ्कन करता है, अन्दाज - दाम वर्त., उ. पु., ब. व., हम अनुमोदन करते हैं - लगाता है; - नन्तो वर्त. कृ., पु., प्र. वि., ए. व., मापता धम्मिको कथिनत्थारो, अनुमोदामा ति, परि. 333; - दमानो हुआ, मूल्याङ्कन करता हुआ, अन्दाज लगाता हुआ - सुत्वाति पु.. वर्त. कृ., प्र. पु., ए. व. - धीरो च दानं अनुमोदमानो, धम्म सुत्वा तदनुसारेन नयं नेन्तो अनुमिनन्तो, पे. व. अट्ठ. ध. प. 177; - दाहि अनु., म. पु., ए. व., तू अनुमोदन कर 197; - नितब्ब त्रि., सं. कृ. [अनुमातव्य], मूल्याङ्कन किया - धम्मिको कथिनत्थारो, अनुमोदाही ति, परि. 333; - मोदि जाना चाहिए - भिक्खुना अत्तनाव अत्तानं एवं अनुमिनितब्ब अद्य, प्र. पु.. ए. व., उसने अनुमोदन कर दिया - केणियं ..... म. नि. 1.137; अत्तनाव अत्तानं एवं अनुमिनितब्बन्ति जटिलं भगवा इमाहि गाथाहि अनुमोदि, सु. नि. (पृ.) 170; .... अनुमेतब्बो ..., म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).379.. - दित्वा पू. का. कृ., अनुमोदन करके - ... ते भिक्खू अनुमीयति/अनुमिय्यति अनु + vमर का वर्त०, प्र. पु., ए. आयस्मतो सारिपुत्तस्स भासितं अभिनन्दित्वा अनुमोदित्वा व. [अनुम्रियते], पश्चात् या बाद में मरता है - यं नानुसेति ... पहं अपुच्छु म. नि. 1.60; - दितुं निमि. कृ., अनुमोदन न तं अनुमीयति, यं नानुमीयति न तेन सङ्घ गच्छतीति, स. करने के लिये - अनुजानामि, भिक्खवे. भत्तग्गे अनुमोदितुन्ति, नि. 2(1).34; यं अनुमीयतीति यं रूपं येन अनुसयेन अनुमरति, चूळव. 354; - दितब्ब त्रि., सं. कृ., अनुमोदन किये जाने स. नि. अट्ठ. 2.235.
योग्य - केन नु खो भत्तग्गे अनुमोदितब्बन्ति, चूळव. 354; अनुमेतब्ब त्रि., अनु + vमा का सं. कृ. [अनुमातब्य], -दिस्सरे भवि., प्र. पु.. ब. व., आत्मने., अनुमोदन करेंगे
अनुमान किया जाना चाहिये, मूल्याङ्कन या मूल्यनिर्धारण - अनुमोदिस्सरे देवा, सम्पत्ते कुसलभवे, अप. 1.92; - किया जाना चाहिये, विनिश्चय किया जाना चाहिये - देय्य विधि., प्र. पु., ए. व., अनुमोदन करना चाहिए - अनुमिनितब्बन्ति एवं अत्तनाव अत्ता अनुमेतब्बो तुलेतब्बो सुभासितं अनुमोदेय्य, अ. नि. 1(1).229; - देय्यं विधि., उ. तीरेतब्बो, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).379.
पु., ए. व., मुझे अनुमोदन करना चाहिये - अहो वत अहमेव अनुमोदक त्रि., अनु + मुद से व्यु. [अनुमोदक], अनुमोदन भत्तग्गे भुत्तावी अनुमोदेय्यं, म. नि. 1.35; - देय्युं विधि., प्र. करने वाला, बाद में समर्थन करने वाला - तेहि अनुमोदकेहि पु., ब. व., वे अनुमोदन करें - यदि ते अत्थतो जानेय्यु, भिक्खूहि एकसं उत्तरासङ्ग करित्वा ... एवमस्स वचनीयो, तेपि अनुमोदेय्यु मि. प. 256; सु. नि. (पृ.) 170. परि. 332-33; अनुमोदकेन कथं पटिपज्जितब्बं परि. 332; अनुमोदन नपुं., अनु + vमुद से व्यु., क्रि. ना. [अनुमोदन], द्विन्न पुग्गलानं अत्थतं होति कथिनं अत्थारकस्स च स्वीकृति, पुष्टि, समर्थन, "हां ऐसा ही है" कहकर दी गयी अनुमोदकस्स च, परि. 326.
स्वीकृति, "ठीक है" या "बहुत अच्छा" (साधु) कह कर दिया अनुमोदति अनु + 'मुद का वर्त, प्र. पु., ए. व. [अनुमोदते], गया अनुमोदन, भिक्षा या अन्य दानों को पाने के बाद अनुमोदन करता है, आनन्द के साथ स्वीकार करता है, भिक्षुओं द्वारा आशीर्वचन अथवा साधुवाद देने के रूप में आनन्दित होता है, प्रसन्न होता है, धन्यवाद ज्ञापित करता प्रकट किये गये वचन - सत्था भत्तकिच्चावसाने अनुमोदनं है - निस्सीमट्ठो अनुमोदति, अनुमोदेन्तो न वाचं भिन्दति, करोन्तो.... ध. प. अट्ठ. 2.97; अयं ते अनुमोदनं करिस्सति, परि. 331; सो भुत्तावी अनुमोदति, म. नि. 2.347; जा. अट्ठ. 1.125; भत्तग्गे मनुस्सानं अनुमोदनं अकत्वा गुणाराधितचित्तो यं अनुमोदति मोदको, सद्धम्मो. 510; - सि पक्कमन्ति, ध. प. अट्ठ. 2.227; सो भुत्तावी मुहुत्तं तुण्ही वर्त.. म. पु., ए. व., तू अनुमोदन करता है - निसीदति, न च अनुमोदनस्स कालमतिनामेति, म. नि. विज्जाचरणसम्पन्नं, धम्मतो अनुमोदसि, सु. नि. 165; - 2.347; न च अनुमोदनस्साति यो हि भुत्तमत्तोव दारकेसु
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