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अनुमोदना भत्तत्थाय ... अनुमोदनं आरभति, म. नि. अट्ठ. (म.प.) 2. 277; स. उ. प. के रूप में द्रष्ट.; कतानु., कतभत्तानु, खण्डानु, तिरोकुड्डानुदानानु., परकतपुञानु, भत्तानु०. सत्तानु. के अन्त०; - करण नपुं., [अनुमोदनकरण], धन्यवाद का ज्ञापन, स्वीकृतिप्रदान - सुमनो बुद्धप्पमुखं भिक्खुसङ्घ परिविसित्वा अनुमोदनकरणत्थाय पत्तं अग्गहेसि, ध. प. अठ्ठ. 1.120; - गाथा स्त्री., तत्पु. स., अनुमोदन को प्रकाशित करने वाली गाथाएं - पच्चेकबुद्धानं किर इधाव वे गाथा अनुमोदनगाथा नाम होन्ति, ध. प. अट्ट. 1.115; अनुमोदनगाथावण्णनायमेव आविभविस्सति, ध. प. अट्ठ. 2.58; - ज त्रि., [अनुमोदनज], अनुमोदन अथवा स्वीकृति से उत्पन्न - अनुमोदनजं पुजं चित्तायत्तम्महाफलं. सद्धम्मो. 516; - धम्मदेसना स्त्री., कर्म. स., अनुमोदन (या भोजन ग्रहण करने के उपरान्त साधुवाद-ख्यापन) के रूप में दिया गया धर्मोपदेश - सत्था अनुमोदनधम्मदेसनं आरभि, ध. प. अट्ठ. 1.120; - मत्त त्रि.. [अनुमोदनमात्र], केवल अनुमोदन, केवल धन्यवाद का ज्ञापन - ... परेन कतस्स दानस्स सक्कच्चं अनुमोदनमत्तेन हेतुना इदानि मह हत्थो.... पे. व. अट्ठ. 106; - सद्द पु., तत्पु. स. [अनुमोदनशब्द, अनुमोदन या स्वीकृति का शब्द, हामी भरने का शब्द, स्वीकरण - ... एवमेतं भगवा एवमेतं सुगताति अनुमोदनसई
अस्सोसि, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(2).195. अनुमोदना स्त्री, अनुमोदन, स्वीकृति, भोजनग्रहणोपरान्त
या दान प्राप्ति के उपरान्त आशीर्वचन अथवा साधुवाद को प्रकट करने के रूप में प्रकाशित अनुमोदन - न मे तुम्हेहि दानानुच्छविका अनुमोदना कता, ति? ध. प. अट्ठ. 2.107; अनुमोदेय्यन्ति अनुमोदनं करेय्य, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).156; दानानुमोदनाय महाजनो महन्तं विसेसं पापुणीति, ध. प. अट्ठ. 2.290; स. उ. प. के रूप में द्रष्ट. पत्तानु०, यागुदानानु., वस्सकारानु.. विहारदानानु., वेळुवनदानानु. के अन्त. (आगे). अनुमोदनानिसंसगाथा सद्धम्मो के ग्यारहवें अनुच्छेद का
शीर्षक, सद्धम्मो. गाथा संख्या 510-516 तक. अनुमोदनावसान नपुं.. अनुमोदन + अवसान, तत्पु. स. [अनुमोदनावसान], आशीर्वचनात्मक अनुमोदन की क्रिया की समाप्ति - अनुमोदनावसाने चतुरासीतिया पाणसहस्सानं धम्माभिसमयो अहोसि, ध. प. अट्ठ. 1.61. अनुमोदनीय त्रि., अनु + मुद का सं. कृ. [अनुमोदनीय], शा. अ. अनुमोदन करने या आशीर्वचन देने योग्य कृत्य,
अनुयायति ला. अ. अनुमोदन आदि के रूप में प्रकाशित वाणी का कर्म - अनुमोदनीयंकासि, नागका महिद्धिका अप. 2.222; ... अनुमोदनियादिवसेन पवत्तितं वचीकम्म. म. नि. अट्ठ. (म.प.) 2.22. अनुमोदित त्रि., अनु + vमुद का भू, क. कृ. [अनुमोदित]. धन्यवाद या साधुवाद के साथ स्वीकृत, वह, जिसका अनुमोदन कर दिया गया है - ... पानीयं दिन्नं अनुमोदितं. पे. व. अट्ठ 65-66. अनुम्मत्त त्रि., उम्मत्त का निषे०, तत्पु. स. [अनुन्मत्त], वह,
जो उन्माद या पागलपन से ग्रस्त नहीं है, उन्मादरहित, पागलपन से रहित - नानुम्मत्तो नापिसुणो, नानटो नाकुतूहलो, जा. अट्ठ. 2.347; तत्थ नानुम्मत्तोति न अनुम्मत्तो, जा. अट्ठ. 2.347; को वा ते वचनं आदियति अनुम्मत्तो, मि. प. 128; - क त्रि., उम्मत्तक का निषे. [अनुन्मत्तक], उपरिवत् - ... खिप्पं ... उपद्वितसतिता अनुम्मत्तकता आणवन्तता
अनलसता ..., खु. पा. अट्ठ. 24. अनुयागी त्रि., अनु + Vयज से व्यु. [अनुयाजी]. किसी दूसरे के अनुकरण पर यज्ञ करने वाला - राजा खो महाविजितो महायचं यजति, हन्दस्स मयं अनुयागिनो होमा ति, दी. नि. 1.126. अनुयात त्रि., अनु + Vया का भू. क. कृ. [अनुयात]. क. कर्म. वा. में - वह, जिसका अनुगमन दूसरों द्वारा किया गया है - ... मग्गं पुराणजसं पुब्बकेहि मनुस्सेहि अनुयात. स. नि. 1(2).93; एस मग्गो महन्तेहि, अनुयातो महेसिभि. अ. नि. 1(2).31; ख. कर्तृ. वा. में - अनुगमन करने वाला, अनुकरण कर रहा, केवल स. उ. प. में ही प्राप्त, द्रष्ट. महिस्सर जटामकुटानुयायी के अन्त... अनुयाति/अनुयायति अनु + या का वर्त, प्र. पु., ए. व. [अनुयाति, अनुगमन करता है, बराबर साथ या पीछे चलता है - अनुपेतीति अनुयाति, स. नि. अट्ठ. 2.300; अनपेतीति अनुयायति, दी. नि. अट्ठ. 1.137; - न्ता त्रि., वर्त. कृ., पु., प्र. वि., ब. व., अनुगमन करने वाले - खत्तिया भोगिराजानो, अनुयन्ता भवन्तु ते. सु. नि. 558; - याथ अनु., म. पु.. ब. व. [अनुयात], तुम लोग अनुगमन करो - इत्थागारं अज्झभासि, सब्बाव अनुयाथ में, जा. अट्ठ. 6.27; - यिस्सन्ति भवि०, प्र. पु., ब. व., अनुगमन करेंगे - यन्तं मं नानुयिस्सन्ति, तं कुदास्सु भविस्सति, जा. अट्ट, 6.59. अनुयायति अनु + Vया का वर्त, प्र. पु., ए. व., अनुशासन करता है, आधिपत्य करता है - चक्कवत्ती ... महापथविं
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