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अनुसासिकजातक
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अनुसिस्स निकर त्रि, शिक्षा के अनुरूप आचरण करने वाला - सद्धासम्पन्नानं सद्धासम्पदं अनुसिक्खति, अ. नि. 3(1).110; सत्थुसासनकरोति सत्थु अनुसासनिकरो, अ. नि. अट्ठ. -न्ति ब. व. - ये पि तस्स अनुसिक्खन्ति तेपि कायस्स 1.55; - पाटिहारिय नपुं.. [अनुशासनप्रातिहार्य], बुद्ध की भेदा परं मरणा ... निरयं उपपज्जन्ति, मि. प. 63; - खरे तीन प्रकार के ऋद्धिबलों में से एक, शिक्षा प्रदान करने से वर्तः, प्र. पु.. ब. व., आत्मने. - युज गोतमसासने, सम्बन्धित ऋद्धि या अलौकिक शक्ति - तीणि खो इमानि, अप्पमता नु सिक्खरे ति, स. नि. 1(1).63; - क्खन्तो पु.. ..... कतमानि तीणि? इद्धिपाटिहारियं, आदेसनापाटिहारियं, वर्त. कृ., प्र. वि., ए. व., दूसरों से सीखता हुआ - ..., अनुसासनीपाटिहारियं, दी. नि. 1.1963; अ. नि. 1(1).198; - यञ्च अनुसिक्खन्तो सद्धाय वड्डति, ..... उदा. 182; - पुरेक्खार त्रि., अनुशासन या विनय की शिक्षा के प्रति क्खथ अनु., म. पु., ब. व. - अधिट्टहाथाति अनुसिक्खथ सम्मानभाव रखने वाला अथवा उसे प्रधानता देने वाला - इदं सेरीसकमहन्ति दस्सेति, वि. व. अट्ठ. 293; -- क्खे अनापत्ति अत्थपुरेक्खारस्स, धम्मपुरेक्खारस्स, विधिः, प्र. पु., ए.व., दूसरों से सीखे - अप्पमत्तो सदा अनुसासनिपुरेक्खारस्स, उम्मत्तकस्स, आदिकम्मिकरसाति, नमस्समनुसिक्खे ति, सु. नि. 940; स. नि. 1(1).224; ख. पारा. 192; अनुसासनिपुरेक्खारस्साति इदानिपि अनिमित्तासि सक. क्रि. के रूप में - अनुशासन या शिक्षण देता है उभत्तोब्यञ्जनासि अप्पमादं इदानि करेय्यासि, ..., पारा. - एहि तं अनुसिक्खामि, जा. अट्ठ. 5.340; तत्थ अट्ठ. 2.123.
अनुसिक्खामीति अनुसासामि, जा. अट्ठ. 5.341; - क्खापेत्वा अनुसासिकजातक नपुं., जा. अट्ठ. की एक जातककथा प्रेर. का पू. का. कृ., सिखला कर - ... अनुसिक्खापेत्वा का शीर्षक, जा. अट्ठ. 1.410-412.
रओ सन्तिके उपासनं आराधयित्वा .... मि. प. 319. अनुसासिका स्त्री., एक प्रकार का पक्षी, एक प्रकार के पक्षी अनुसिह त्रि., अनु + Vसास का भू. क. कृ. [अनुशिष्ट]. का नाम - सकुणसङ्को तस्सा अनुसासिकातेव नामं अकासि. शिक्षित, प्रशिक्षित, नियन्त्रित, आदिष्ट, वह, जिसको शिक्षा जा. अट्ठ. 1.411.
दी गयी है, वह, जो अन्य द्वारा सिखलाया गया है - अनुसासित त्रि., अनु + Vसास का भू, क. कृ. [अनुशिष्ट]. अनुसिटो सो मया, महाव. 120; तेनानसिठ्ठो हितमनेन वह, जिसे शिक्षा या अनुशासन दिया गया है, नियन्त्रित, तादिना, सु. नि. 702; ... येहि अनुसिट्ठो बोधिसत्तो तत्थ नियमपरायण, सुशिक्षित - सुसिडेनाति आचरियेहि सुट्ट तत्थ दिवसं वीतिनामेसि, मि. प. 221; अयं पुग्गलो यथानुसिटुं अनुसासितेन, जा. अट्ठ. 3.3; तुल. अनुसिट्ठ.
तथा पटिपज्जमानो.... सकदागामी भविस्सति, दी. नि. 3.79. अनुसासितु त्रि., अनु + Vसास का कर्तृ. कृ. [अनुशास्तृ], __ अनुसिट्ठि स्त्री., अनु + सास से व्यु., क्रि. ना. [अनुशिष्टि], शिक्षक, अनुशासन देने वाला, शासक, दण्डविधान करने अनुशासन या शिक्षा देना, धर्म एवं विनय की शिक्षा, वाला, नियन्त्रक - अयमेव कालो न हि अओ अस्थि, आत्मनियन्त्रण की शिक्षा, संसार के दुःखों का नाश कराने अनुसासिता मे न भवेय्य पच्छा, जा. अट्ठ. 3.337; तत्थ वाला वचन - सास अनुसिट्टियं- यो अनुसासनी ति च अनुसासिता मे नावेय्य पच्छाति अनुसासको ओवादको अनुसिट्ठी ति च वुच्चति, सद्द. 2.451; ओवादो चानुसिट्टित्थी .... ओवादकानं, ..., जा. अट्ठ. 3.337; तुल. अनुसत्थु.। पुमवज्जेनुसासनं, अभि. प. 354; बुद्धानं सावकानं वचनं अनुसासीयति अनु + Vसास के कर्म. वा. का वर्त, प्र. पु., व्यप्पथं देसनं अनुसिष्टुिं नादियन्तीति- अवदानिया, महानि. ए. व. [अनुशास्यते], अनुशासन किया जाता है, शिक्षण 26; भवदुक्खं नासेत्वा कथनं अनुसिट्टि नाम, महानि. अट्ठ. दिया जाता है, प्रशासन अथवा राज्य का शासन किया 89; स. उ. प. के रूप में अत्थानुसिट्टि के अन्त. द्रष्ट., जाता है - ... अपि च धम्मानुसिट्टिया अनुसासीयति. .... मि.. तुल. अनुसत्थि. प. 180; - अननुसासियमाना वर्त. कृ., प्र. वि., ब. व. अनुसिब्बन्त त्रि., अनु + सिव का वर्त. कृ., एक दूसरे के का निषे०, अनुशासन न दिये जा रहे - ... अनुपज्झायका साथ लिपटा हुआ या गुंथा हुआ- इतरेपि गवक्खजालसदिसं अनाचरियका अनोवदियमाना अननुसासियमाना... महाव. 50. अनुसिब्बन्ता निक्खन्ता .... पारा. अट्ठ. 1.66. अनुसिक्खति अनु + सिक्ख का वर्त., प्र. पु., ए. व. अनुसिस्स' पु., [अनुशिष्य], शिष्यों का शिष्य, प्रशिष्य - [अनुशिक्षते], क. दूसरे की बात को सीखता है, दूसरों के ततो उद्धं तेसंयेव सिस्सानुसिस्सेहीति एव ताव जम्बुदीपतले उदाहरण का अनुसरण या अनुकरण करता है - यथारूपानं आचरियपरम्पराय आभतो, ध. स. अट्ठ. 33.
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