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अनिमिस/अनिम्मिस
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अनियम/अनियाम [अनिमित्तविहारी], त्रि. अनिमित्त नामक विमोक्ष की स्थिति न किया गया - अनिम्मिताति इद्धियापि न निम्मिता, दी. में अवस्थित व्यक्ति - ... तिस्सो ब्रह्मा सत्तमं अनिमित्तविहार नि. अट्ठ. 1.138. पुग्गलं देसेति, अ. नि. 2(2).219; - त्तानुपस्सना स्त्री., अनियत त्रि., नियत का निषे., तत्पु. स. [अनियत], क. तत्पु. स. [अनिमित्तानुपश्यना], संसार के धर्मों में अनिमित्त अनिश्चित, संदेहग्रस्त, अनियमित, आकस्मिक, परिगणित नामक लक्षण पर विपश्यना ध्यान - अनिमित्तानुपस्सना धर्मों में अन्तर्भूत न होने वाला, अवशिष्ट, अस्थिर, चञ्चल; अभिजेय्या, पटि. म. 19; अनिमित्तानुपस्सना यथाभूतं आणं इधर से उधर उछलने वाला, डांवाडोल - तयो रासी ... निमित्ततो सम्मोहा अञआणा मुच्चतीति .... पटि. म. 229. अनियतो रासि, दी. नि. 3.173; न नियतो ति अनियतो, अनिमिस/अनिम्मिस त्रि., निमिस/निम्मिस का निषे., ब. अवसेसानं धम्मानमेतं नाम, दी. नि. अट्ठ. 3.158; तथा स. [अनिमिष], क. वे आंखें, जिनकी पलकें न झपकाई अनियतत्ता अनियता, ध. स. अट्ठ. 97; गच्छती अनियतो गयी हों, एक ही आलम्बन पर टकटकी लगा कर देखने गळागळं जा. अट्ठ. 5.451; ख. विनय के विशिष्ट सन्दर्भ वाली आंखें, अपलक दृष्टि - यक्खानं अक्खीनि रत्तानि में- स्त्रियों के प्रति भिक्षु के व्यवहारों से संबंधित दो प्रकार होन्ति अनिम्मिसानि, जा. अट्ठ. 5.31; बोधिरुक्खञ्च अनिमिसेहि के वे अपराध, जिनकी प्रकृति अनिश्चित होती है - चक्खूहि ओलोकयमानो सत्ताहं वीतिनामेसि, उदा. अट्ट. अनियतोति न नियतो, पाराजिकं वा सङ्घादिसेसो वा पाचित्तियं 42; ख. पु.. देवता का नाम, देवमछली - निज्जरा, निमिसा वा, पारा. 296; - कथा स्त्री., कर्मस., विन. वि. के दिब्बा, अभि. प. 12; देवमच्छेस्वनिमिसो, अभि. प. 1044; - तृतीय खण्ड का नाम, विन. वि. 45-46; - गतिक त्रि.. टि. देवों एवं यक्ष आदि अर्ध-दैवी सत्त्वों की आंखे अनिमिस ब. स. [अनियतगतिक], वह, जिसके विविध जन्मों के मार्ग या पलक न झपकाने वाली मानी गई हैं; - चेतिय नपुं.. का निश्चय न हो, वह, जिसके अगले जन्म का स्वरूप कर्म. स., बोधिवृक्ष के निकटवर्ती उस पवित्र स्थल का नाम, अनिश्चित हो - ... पुथुज्जनकालकिरियं कत्वा अनियतगतिका जहां एक सप्ताह तक अपलक आंखों से बोधिवृक्ष की ओर भविस्सति, ध. प. अट्ठ. 2.99, नियतगतिक का विलो. - टकटकी लगाकर बुद्ध बैठे थे - ... तं ठानं अनिमिसचेतियं चित्त त्रि., ब. स., अस्थिर अथवा चञ्चल चित्त वाला, नाम जातं. उदा. अट्ठ, 42; - ता स्त्री., भाव. [अनिमिषता]. दुलमुल चित्त वाला - अनियताति अनियतचित्ता, जा. अट्ठ. आंखों की पलकें न झपकाने की स्थिति, अपलकता - 5.452; - त्त नपुं.. भाव. [अनियतत्व], अनिश्चितता, ... अक्खीनं अनिमिसताय चेव रत्तताय च .... जा. अट्ठ. चञ्चलता, अस्थिरता - तथा अनियतत्ता अनियता, ध. स. 6.163; - नेत्त त्रि., ब. स. [अनिमिषनेत्र], पलकों को न अट्ठ. 97; - लिङ्ग त्रि., ब. स. [अनियतलिङ्ग], वह शब्द, बन्द कर रहे नेत्रों से युक्त, अपलक देखने वाला - अभीतो जिसका कोई एक लिङ्ग निश्चित न हो, विशेषण शब्द - अनिमिसनेत्तो, एस सक्को देवराजाति, जा. अट्ठ. 6.166. इदानि अनियतलिङ्गानं नियतलिङ्गेस. सद्द. 1.78; - वचन अनिम्मात त्रि., निम्मात का निषे., तत्पु. स. [अनिर्मातृ]. त्रि., ब. स. [अनियतवचन]. अनिश्चयवाचक अथवा
शा. अ. किसी का निर्माण, सृजन अथवा उत्पादन न करने संयोजक सर्वनाम (शब्द) - याति अनियतवचनं खु. पा. वाला, अनुत्पादक; ला. अ. किसी भी हेतु एवं प्रत्ययों द्वारा अट्ठ. 184; - सवा स्त्री., कर्म स. [अनियतसंख्या], अनुत्पादित या अनिर्मित - सत्तिमे, महाराज, काया अकटा अनिश्चित संख्या - अनियतसङ्घावसेन बहुवचप्पयोगा वा, अकटविधा अनिम्मिता अनिम्माता .... दी. नि. 1.49; सद्द. 1.18; - तुद्देस पु., वि. पि. पारा. के एक खण्ड विशेष अनिम्माताति अनिम्मापिता, केचि अनिम्मापेतब्बाति.... दी. का शीर्षक, पारा. 292. नि. अट्ठ. 1.138, पाठा. अनिम्मापिता, स. नि. अट्ठ. 2.302. अनियम/अनियाम पु., नियम/नियाम का निषे., तत्पु. अनिम्मापेतब्ब त्रि., निम्मापेतब्ब का निषे०, तत्पु. स. स. [अनियम, बौ. सं. अनियाम/अन्याम], नियम का [अनिर्मातयितव्य], निर्माण अथवा सृजन या उत्पादन न अभाव, अनिश्चितता, अव्यवस्था, अविवेक - सो नेसादो करवाने योग्य - अनिम्माति अनिम्मापिता, केचि तत्थ अनियामेन पासे ओड्डेसि, जा. अट्ठ. 5.332; - वसेन
अनिम्मापेतब्बाति पदं वदन्ति, दी. नि. अट्ठ. 1.138. क्रि. वि., बिना किसी क्रम के सामान्य अथवा अनौपचारिक अनिम्मित त्रि., निम्मित का निषे., तत्पु. स. [अनिर्मित]. रूप से - अनियमवसेन भिक्खुसङ्घ सन्निपातापेत्वा .... जा. दूसरे कारणों आदि द्वारा निर्माण न किया गया या उत्पन्न अट्ठ. 3.469; - मत्थ त्रि., ब. स., वह शब्द, जिसका अर्थ
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