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अधिभवन
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अधिमानस/अधिमनस भिक्खं रूपा अधिभंसु, स. नि. 2(2).186; - विस्सन्ति भवि., .... ध. स. अट्ठ. 17; अधिमत्तधितिमन्तो एवं परमेन प्र. पु.. ब. व. - सुद्धतरं वो एते अधिभविस्सन्ती ति..... जा. पञआवेय्यत्तियेन समन्नागता, म. नि. 1.117; - परित्तता अट्ठ. 2.318; - वित्वा/भुय्य पू. का. कृ. - में स्त्री., भाव., अधिक अल्पमात्रा में होने की स्थिति- अपि च अधिभवित्वा अतिक्कमित्वा, जा. अट्ठ. 5.27; देवमारब्रह्मनो कोधस्स अधिमत्तपरित्तता वेदितब्बा, महानि. 157; - भाव सिरिया च तेजसा अभिभुय्य, खु. पा. अट्ठ. 124; अजे पु., बहुतायत, अधिकता - अधिमत्तभावो परित्तभावो च, महानि. देवेधिभवित्वा, अप. 1.357; पाठा. अभिभवित्वा.
अट्ठ. 257; वेदनानं अधिमत्तभावं विदित्वा, उदा. अट्ठ. 327; अधिभवन नपुं., अधि + vभू का क्रि. ना., [अभिभवन], - वेदनाप्पत्त त्रि., अत्यधिक पीड़ा से ग्रस्त - अधीनता, अभिभूत हो जाना, अभिभव, पराभव, पराजय - अधिमत्तवेदनाप्पत्तो हुत्वा, पे. व. अट्ठ. 246; - सतिमन्तु अभिभवनन्ति परिभुञ्जनं भवन्ति अज्झोत्थरणं सद्द. 1.86%3; त्रि., अत्यधिक बुद्धि एवं स्मृति वाला - एवं अधिमत्तसतिमा पाठा. अभिभवन.
अधिमत्तगतिमा अधिमत्तधितिमा सावको .... ध. स. अट्ठ. अधिभासति अधि + vभास का वर्त, प्र. पु., ए. व., अधिक 17; एवं अधिमत्तसतिमन्तो ... समन्नागता, म. नि. 1.1173; चमकता है, प्रभासित होता है - न चाधिभासति, न च - सिनेह पु., अत्यधिक स्नेह - सत्थरि अधिमत्तसिनेहेन
अभिभासति, न चापि भासति, उदा. 156; पाठा. अभिभासति. पहं न पुच्छति, ध. प. अट्ट, 1.4; पाठा. अभिमत्तं. अधिभू पु., [अधिभू], स्वामी, राजा, अधिपति, प्रभु - अधिमत्तं क्रि. वि., अ., क. अत्यधिक मात्रा में, बहुत बढ़अय्याधिपाधिभू नेता..., अभि. प. 725; भिक्खु रूपाधिभू... चढकर - अधिमत्तं वायति, मि. प. 255; ख. सर्वोत्कृष्ट रूप अधिभू .....अधिभोसि, स. नि. 2(2).187; स. प. के उ. प. में, उच्चतम मात्रा में, अधिकतर रूपों में - द्वीसु येव के रूप में द्रष्ट., आगे, अनधि., जनाधि., तिदिवा., दिवसेसु अधिमत्तं, मि. प. 172; अहञ्च खो अधिमत्तं मारधेय्या. के अन्त...
समलङ्कततरा तया, पे. व. 139; स. उ. प. के रूप में अधिभूत त्रि., [अभिभूत], अधीन में किया हुआ, वश में किया विसयाधिमत्त के अन्त., द्रष्ट... हुआ, विजित - भिक्खु रूपाधिभूतो... अधिभूतो, अनधिभू, अधिमन त्रि., [अभिमनस्], किसी पर मन बना चुका, वह स. नि. 2(2).186; पाठा. अभिभूत, स. उ. प. के रूप में जिसका अभिप्रेत कुछ बन चुका है, प्रसन्न चित्त, ऊपर उठे अविज्जा., तण्हा., दोमनस्सा., धम्मा., फोट्टब्बा., रसा., मन वाला, प्रसन्न अथवा आनन्द भरे मन वाला - विविध रूपा., सद्दा. के अन्त...
अधिमना सुणोमहन्ति ... अधिमना पसन्नचित्ता हुत्वा ..., अधिमत्त त्रि., [अधिमात्र], क. अधिक मात्रा वाला, अत्यधिक, जा. अठ्ठ, 4.401. बहुत अधिक - अधिमत्तं राहुले, महाव. 105; अधिमत्तो दाहो, अधिमनस त्रि., दृढ़ अभिप्राय वाले मन वाला, निश्चिन्त म. नि. 1.313; अधिमत्ता सीसे सीसवेदना, म. नि. 1.312; मानसिक प्रकृति वाला, मनस्वी - अधिमानसा भवाथ, सु. ख. अधिक बलवान, अधिक श्रेष्ठ, अधिक शक्तिसम्पन्न - नि. 697, तुल. अधिमानस एवं अधिचेतस. सब्बे सं अधिमत्तञ्च पोरिसं, अप. 1.75; तस्सिमानि अधिमान/अभिमान पु., अहंकार, घमण्ड, दर्प, मिथ्या-भ्रम, पञ्चिन्द्रियानि अधिमत्तानि, अ. नि. 1(2).173; अधिमत्ता । छल-प्रपञ्च - नो प्र. वि., ए. व. - येसं अप्पत्ते पतसआय होन्ति बलवतियो, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).271; - कसिम अधिमानो उप्पज्जति, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).192; ... त्रि., अत्यधिक मात्रा में कृश, बहुत अधिक दुर्बल - अरहत्ताधिमानो उप्पज्जतीति, उदा. अट्ठ. 66; - नं द्वि. अधिमत्तकसिमानं पत्तो, म. नि. 1.114; अधिमत्तकसिमानन्ति वि., ए. व. - मान, ओमानं, अतिमानं, अधिमानं, अ. नि. अतिविय किसभावं, म. नि. अट्ठ (मू.प.) 1(1).362; - 2(2).131; - नेन तृ. वि., ए. व. - अधिमानेन अझं गतिमन्तु त्रि., अत्यधिक मात्रा में गति से सम्पन्न - एवं ब्याकरिंस, पारा. 111; स. उ. प. के रूप में अरहत्ताधि. अधिमत्तसतिमा अधिमत्तगतिमा अधिमत्तधितिमा सावको ..., सग्गाधि. के अन्त. द्रष्ट.. ध. स. अट्ठ. 17; - गिलान त्रि., अत्यधिक रुग्ण, गम्भीर- अधिमानस/अधिमनस त्रि., दृढ़ अभिप्राय वाला, पूरी तरह रूप में अस्वस्थ - अधिमत्तगिलानोति बाळहगिलानो, दी. मन लगाया हुआ, आनन्दित अथवा प्रफुल्लित मन वाला - नि. अट्ठ. 1.172; -- धितिमन्तु त्रि., अत्यधिक धैर्य वाला - राजा चागाधिमानसो, जा. अट्ठ. 7.237; चागेन अधिकमानसो, एवं अधिमत्तसतिमा अधिमत्तगतिमा अधिमत्तधितिमा सावको
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